- दून हॉस्पिटल में ओपीडी शुरू होने से कोरोनेशन व गांधी शताब्दी अस्पताल में दबाव हुआ कम

DEHRADUN: दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में ओपीडी दस माह बाद अब पूरी तरह से खुल गई है। खास बात यह है कि पहले से कहीं अधिक संख्या में मरीज भी जांच-परामर्श के लिए हॉस्पिटल पहुंच रहे हैं। सोमवार को 792 मरीज ओपीडी में पहुंचे। यहां ओपीडी शुरू होने से कोरोनेशन व गांधी शताब्दी अस्पताल (जिला अस्पताल) प्रशासन ने भी कुछ राहत ली है। पिछले कुछ वक्त से दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल का दबाव भी इन हॉस्पिटलों पर था।

मंडे को उमड़ी अस्पताल में भीड़

मार्च में कोरोना की दस्तक होने के साथ ही दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल को कोविड-हॉस्पिटल में तब्दील कर दिया गया था। जिसके बाद ओपीडी भी बंद कर दी गई। नवंबर माह से ओपीडी चरणबद्ध ढंग से खोली जाने लगी, पर वह भी तमाम प्रतिबंधों के साथ। शुरुआत में सिर्फ पांच ही विभागों की ओपीडी संचालित की गई। बाद में दायरा बढ़ाया गया, लेकिन प्रत्येक विभाग के लिए 20-20 मरीज देखने की शर्त लगा दी गई। मरीजों को पहले अप्वाइमेंट भी लेना पड़ रहा था। अब कोरोना का प्रभाव कुछ कम है और टीकाकरण अभियान पूर्ण रूप से शुरू हो गया है। सप्ताह का पहला दिन होने के कारण ओपीडी में भीड़ भी अच्छी खासी रही। सबसे अधिक 268 मरीज फ्लू ओपीडी में पहुंचे। इसके अलावा चर्म रोग में 98 व मेडिसिन में 84 मरीज पहुंचे।

भीड़ ज्यादा, इंतजाम कम

ओपीडी में मरीजों की भीड़ ज्यादा रही, पर इंतजाम उस हिसाब से नाकाफी दिखे। रजिस्ट्रेशन काउंटर, दवा काउंटर आदि से लेकर डॉक्टरों के कक्ष के बाहर तक सोशल डिस्टेंसिंग के नियम टूटते दिखे। यहां तक कि मरीज बार-बार मास्क भी हटाते रहे। जिस पर अस्पताल कíमयों को उन्हें टोकना पड़ा। प्राचार्य डॉ। आशुतोष सयाना का कहना है कि अधिकारियों को व्यवस्था बनाने के लिए कह दिया है। कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन कराया जाएगा।