देहरादून (ब्यूरो) । 29 मई को सुबह प्रेमनगर थाना क्षेत्र में रहने वाली 55 वर्षीय महिला उन्नति शर्मा और घर के नौकर 50 वर्षीय श्याम उर्फ राजकुमार थापा का मर्डर हो गया था। दोनों के शव घर के पीछे प्लास्टिक के ढके मिले। उन्नति के पति सुभाष शर्मा की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज किया। पुलिस ने इस मामले की कई पहलुओं से जांच शुरू की। जिन बिन्दुओं पर शुरुआती आशंका थी, उन पर पुलिस आगे नहीं बढ़ पाई। आसपास के कैमरे खंगालने पर कुछ संदिग्ध चेहरे सामने आये। सुभाष शर्मा ने पूछताछ में बताया कि कुछ दिन पहले आदित्य नाम के एक युवक के नौकरी मांगने एक-दो बार घर में आने की बात बताई। कैमरों में जो संदिग्ध चेहरे दिखे, उनमें भी एक की पहचान आदित्य के रूप में हुई। संदेह के आधार पर पुलिस ने आदित्य को थाने ले जाकर पूछताछ की तो उसने सारी कहानी उगल दी।

घर में करना चाहता था नौकरी
पूछताछ में आदित्य ने पुलिस को बताया कि बेरोजगार होने के कारण वह अपना और मां का खर्च नहीं उठा पा रहा था। उसने कुछ दिन सुभाष शर्मा के घर में काम किया था। उसे 500 रुपये रोज मिलते थे। बाद में उनका पुराना नौकर श्याम लौट आया तो उसका काम छूट गया। वह पिछले दिनों फिर से सुभाष शर्मा के घर काम मांगने गया तो उन्नति शर्मा ने घर में पहले से एक नौकर होने की बात कहकर उसे मना कर दिया। उन्नति ने उसे कहीं और नौकरी लगवाने की बात कही। कुछ दिन उन्नति शर्मा उसे लेकर फुलसैनी में एक दुकानदार से मिलवाया। दुकानदार ने रात को भी स्टोर रहने को कहा। लेकिन, जब उसने कहा कि उसके साथ उसकी मां भी है तो नौकरी नहीं मिल पाई।

श्याम को हटाने की योजना बनाई
आदित्य ने पुलिस को बताया कि वह हर हाल में सुभाष और उन्नति शर्मा के घर में नौकरी पाना चाहता था। दरअसल उसका इरादा था कि दोनों पति-पत्नी की मौत के बाद घर पर उसका कब्जा हो जाएगा। श्याम के रहते हुए उसे नौकरी नहीं मिल पाती, लिहाजा उसने श्याम के मर्डर की योजना बनाई।

उन्नति पहुंच गई मौके पर
श्याम के अनुसार 29 अगस्त की सुबह 4 बजे के करीब वह खबड़वाला के अपने घर के पैदल ही जंगल के रास्ते सुभाष शर्मा के घर पहुंचा। पड़ोस के घर की दीवार फांद कर वह सुभाष शर्मा के घर में दाखिल हुआ। श्याम उसे घर के पीछे ही मिल गया। उसने पास पड़ी लोहे की रॉड से श्याम के सिर पर जोरदार हमला किया। श्याम लहूलुहान होकर नीचे गिर गया। चीख सुनकर उन्नति शर्मा वहां पहुंची तो वह दीवार के पीछे छिप गया। लेकिन उन्नति शर्मा ने उसे देख लिया। उसने शोर मचाया और घर के अंदर जाने लगी। जैसे ही वह मुड़ी आदित्य ने उसके सिर पर भी पीछे से सरिये से जोरदार हमला किया, वह भी नीचे गिर गई। इसके बाद आदित्य ने दोनों का गला दबाकर कंफर्म किया कि उनकी मौत हो गइ है और पास में पड़ी एक प्लास्टिक पन्नी शवों के ऊपर डाल दिये और वापस लौट आया। घर आकर उसने हत्या के समय पहने हुए कपड़े एक थैले में डालकर छिपा दिये। 30 सितंबर को जब उसे लगा कि पुलिस जोर-शोर से अपराधी की तलाश कर रही है तो खूनी पेचिश का बहाना बनाकर उसने 108 एंबुलेंस बुलाई और दून अस्पताल में भर्ती हो गया।