-कैमरों की खराबी पुलिस पड़ताल मेंं बन रही है सबसे ज्यादा चुनौती, कई जांचें भी हो रही प्रभावित

-करीब डेढ़-दो माह से राजधानी के तमाम चौक-चौराहों पर इंस्टॉल कैमरों की सड़क निर्माण कार्य से कट गईं केबल

देहरादून,
आईटी पार्क में आईटीडीए सेंटर स्थित डीआई-ट्रिपल-सी (देहरादून इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर) से पता चला है कि कई चौक चौराहों पर हाईटेक कैमरे नॉन एक्टिव हैैं या फिर बंद चल रहे हैं। अब नेहरू कॉलोनी इलाके का ही हाल ले लीजिए। एक पुलिस के अधिकारी ने बताया कि नेहरू कॉलोनी क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर करीब चार दर्जन से ज्यादा कैमरे लंबे वक्त से नॉन एक्टिव हैं। कैमरों की खराबी का कारण सड़क पर चल रहे निर्माण कार्य को बताया जा रहा है। निर्माण कार्य के चलते कैमरों की वायर कटी हुई है, जो महीनों से ठीक नहीं हो पाई है। कब तक ठीक हो पाएंगे, कुछ कहना जल्दबाजी होगा।

हाईटेक कैमरों के अपने काम
-24 घंटे रहेगी नजर
-वीआईपी मूवमेंट पर निगाह
-ट्रैफिक वॉयलेशन
-जुलूस, शोभा यात्रा कंट्रोलिंग
-चोरी के वाहन को पकडऩा।-ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन
-ट्रैफिक मैनेजमेंट
-ओवरस्पीड कैप्चरिंग
-चौक-चौराहे ट्रैफिक पुलिस से होंगे फ्री

इंस्टॉल्ड कैमरों पर एक नजर
-कैमरों से लैस चौराहों की संख्या 49
-इन चौराहों पर सीसीटीवी कैमरों की संख्या 536
-एएनपीआर, आरएलवीडी व एसवीडी कैमरे 266
-शहर का करीब 12 किमी एरिया सीसीटीवी कैमरों से कवर।-कुल मिलाकर पूरे शहर पर 892 कैमरों की बनी हुई है नजर

एडवांस कैमरों के सेपरेट काम
आरएलवीडी:
इन कैमरों के जरिए ट्रैफिक वॉयलेशन, खासकर रेड लाइट जंप करने पर वाहन चालक को आसानी से पकड़ा जाने का है दावा।

एसवीडी::
इन कैमरों के जरिए वाहनों की ओवरस्पीड को आसानी से पकड़े जाने का दावा है। वाहनों की ओवरस्पीड होने के बाद बाकायदा, उनके ई-चालान घरों तक भेजे जाने के दावे हैं।

एएनपीआर::
इन कैमरों के जरिए चोरी के वाहनों के ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडिंग से पकड़े जाने का दावा किया गया है।
पीटीजेड:::
हाईटेक कैमरों में पीटीजेड यानि पेन, टिल्ट व जूम की सुविधा भी मौजूद है। ये कैमरे किसी भी एंगल में मूव करने की क्षमता रखते हैं।


नो पार्किंग पर भी नजर
-नो पार्किंग में वाहन पार्क
-रॉन्ग साइड पार्किंग
-रेड लाइट जंप
-ट्रैफिक सुचारू हो
-ओवरऑल इनक्रोचमेंट
-ट्रैफिक कंजक्शन

हाईटेक कैमरों से पल-पल की नजर
शहर के लगभग सभी चौक चौराहों पर हाईटेक कैमरे इंस्टॉल करने का दावा किया जा रहा है, ये बात सच है कि कई बार दून स्मार्ट सिटी ने अपने इन हाईटेक कैमरों के रिजल्ट का डेटा भी शेयर किया, लेकिन शहर के बीचोंबीच स्थित इन दो घटनाओं से इन हाईटेक कैमरों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ये सच्चाई तब सामने आई, जब घटनाओं के पीडि़तों ने डीआई-ट्रिपल-सी की हेल्प लेनी चाही। वहां पर मौजूद टेक्नीकल एक्सपट्र्स ने पीडि़तों को बताया कि इन कैमरों में ये घटनाएं कैद नहीं हो पाई है।


इन इलाकों में कैमरे खराब होने की शिकायत
-नेहरू कॉलोनी
-प्रिंस चौक
-धर्मपुर
-हरिद्वार रोड
-आराघर चौक
-बलबीर चौक
-बद्रीश चौक

जनता को मिले सही लाभ
सरकार योजनाओं पर तो लाखों-करोड़ो खर्च करती है, लेकिन विभागों की देखरेख के अभाव में चीजे खराब हो जाती है, जिसका लाभ पब्लिक को नहीं मिल पाता है।

नवीन कुमार सडाना, सोशल एक्टिविस्ट

ये कैमरे पब्लिक के फायदे के लिए या फिर चौराहों के सौंदर्यीकरण के लिए लगाए गए हैं। चौराहों पर लगाए गए लाखों रुपए के कैमरे किस काम के हैं जब यह काम ही नहीं कर रहे हैं। इन्हें तत्काल ठीक किया जाए।

भगवती प्रसाद, व्यापारी

शहर में कैमरों का 24 घंटे वर्किंग में होना अनिवार्य है। दरअसल दून में लगातार क्राइम बढ़ रहा है। चोरी, डकैती, मारपीट और एक्सीडेंट की घटनाएं आम हो गई है, जिन पर इन खुफिया कैमरों से कड़ी नजर रखी जा सकती है।

विकास कुमार भट्ट, इंडस्ट्रिलिस्ट

कैमरों को लेकर पुलिस भी गंभीर नहीं है। लंबे समय से बंद चल रहे कैमरों को अभी तक चालू नहीं किया गया है। यह घोर लापरवाही है। इस पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

विनोद कुमार, व्यापारी

जिस उद्देश्य के लिए खूफिया कैमरे लगाए गए हैं वह उद््देश्य पूरा नहीं हो पा रहा है। पब्लिक को क्या पता कि ये हाईटेक कैमरे काम नहीं कर रहे हैं। जब वारदात हो रही है, तब पता चल रहा कि कैमरा नहीं चल रहा है। यह घोर लापरवाही है।
प्रेम बुड़ाकोटी, सोशल एक्टिविस्ट

नेहरू कॉलोनी एरिया में पिछले काफी समय से कैमरे बंद चल रहे हैं। स्मार्ट सिटी के तहत नालियों के निर्माण के चलते चौराहों में लगे कैमरों की केबल कट गई है, जिससे क्राइम डिटेल खंगालने में समस्या हो रही है।
लोकेंद्र बहुगुणा, थानाध्यक्ष, नेहरू कॉलोनी
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