- मुख्य टनल में छठे दिन ड्रिलिंग के दौरान टूटी बिट, नई मशीन मंगाकर बिट हटाने के प्रयास जारी

- एसएफटी में कैमरा भेजकर फंसे व्यक्तियों का पता लगाने की होगी कोशिश

- ऋषिगंगा का जल स्तर देखते हुए एलर्ट जारी, सूर्यास्त के बाद न जाएं नदी किनारे

- दो और शव बरामद, कुल 38 शव मिले, अब भी हैं 166 लापता,

- सिर्फ 10 की हो पाई शिनाख्त, मृतकों के परिजनों को मुआवजा वितरण शुरू

DEHRADUN: तपोवन में एनटीपीसी के निर्माणाधीन हाइड्रो प्रोजेक्ट की टनल में फंसे 34 व्यक्तियों को बाहर निकालने के लिए की जा रही जिद्दोजहद में छठे दिन कुछ हद तक रेस्क्यू टीम को कामयाबी मिली। मुख्य टनल के नीचे 12 मीटर गहराई पर स्थित सिल्ट फ्लशिंग टनल (एसएफटी) तक ड्रिलिंग कर दी गई। हालांकि इस मशक्कत के दौरान ड्रिलिंग मशीन की बिट (ड्रिल का अगला हिस्सा) टूटने से रेस्क्यू में व्यवधान हुआ। नई मशीन मंगाकर बिट को हटाने के प्रयास किए जा रहे हैं। ड्रिल प्वाइंट से कैमरा डालकर एसएफटी में रविवार को काम करने गए व्यक्तियों का पता लगाया जाएगा। इस बीच, सर्च अभियान में दो और शव मिले। अब तक कुल 38 शव मिल चुके हैं, इनमें शिनाख्त 10 की ही हो पाई है। अब भी 166 व्यक्ति लापता हैं। उधर, चमोली जिला प्रशासन ने ऋषिगंगा के जल स्तर में उतार-चढ़ाव देखते हुए अलर्ट जारी किया है। सूर्यास्त के बाद व्यक्तियों को नदी के किनारे नहीं जाने की सलाह दी गई है। साथ ही नदी किनारे रहने वालों को सजग रहने को कहा गया है।

मलबे से भरी टनल

आपदा के चलते ऋषिगंगा और धौली गंगा में आए उफान से तपोवन-विष्णुगाड हाइड्रो प्रोजेक्ट की टनल मलबे से भर गई थी। इसमें फंसे 34 व्यक्तियों को बचाने के लिए अब कई विकल्पों पर एक साथ काम किया जा रहा है। दरअसल, शुक्रवार को रेस्क्यू टीम ने मलबा हटाने का काम किया। 135 मीटर तक मलबा हटाने का काम जारी है। मलबा हटाने में लग रहे वक्त को देखते हुए मुख्य टनल में करीब 72 मीटर की दूरी पर 12 मीटर नीचे एसएफटी के लिए ड्रिलिंग की गई। राहत की बात ये है कि देर शाम ड्रिलिंग का काम पूरा हो गया। हालांकि इस दौरान बिट टूटने से काम पर असर पड़ा। इसके बाद बड़ी मशीन मंगाई गई। अब बिट को हटाने के प्रयास किए जा रहे हैं। यह काम अब एनडीआरएफ संभाले हुए है।

लापता की तलाश को सभी विकल्प खुले

एनटीपीसी के महाप्रबंधक राजेंद्र प्रसाद अहिरवार ने बताया कि मौके पर मौजूद 100 इंजीनियर एवं भू-वैज्ञानिकों की टीम ने तय किया है कि मलबा हटाने और ड्रिलिंग का काम साथ-साथ जारी रखा जाएगा। लापता व्यक्तियों की तलाश के लिए सभी विकल्प खुले रखे गए हैं। कोशिश ये है कि टनल में फंसे व्यक्तियों का पता चल सके।

घायल महिला को अस्पताल भेजा

उधर, चमोली की जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि आपदा प्रभावित क्षेत्र रैणी व तपोवन में बचाव व राहत कार्य के साथ सर्च आपरेशन लगातार जारी है। 203 खाद्य किट, 21 लालटेन, पांच पेटी बिस्किट, पानी समेत राहत सामग्री प्रभावितों में बांटी गई। लाता गांव में पहाड़ी से फिसलने से घायल महिला रेस्क्यू कर हेलीकाप्टर से तपोवन के अस्थायी हेलीपैड तक पहुंचाया गया। घायल महिला को जोशीमठ अस्पताल भेजा गया है।

मैठाणा व रैणी से दो शव बरामद

शुक्रवार को मैठाणा और रैणी से एक-एक शव बरामद किया गया है। आपदा में लापता 204 व्यक्तियों में से 38 के शव मिल चुके हैं। अब भी 166 व्यक्ति लापता हैं। आज चमोली घाट पर आठ शव और तीन मानव अंगों का 72 घंटे बाद अंतिम संस्कार किया गया। रैणी में आपदा में मृतकों के परिजनों को सहायता राशि दी गई है। नेवी कमांडो, एसडीआरएफ, पुलिस रैणी से श्रीनगर डैम तक सर्च आपरेशन लगातार जारी है।

लापता की तलाश को बनाई टीम

लापता व्यक्तियों की तलाश के लिए ग्रामीण अभियंत्रण सेवा के अधिशासी अभियंता और तहसीलदार के नेतृत्व में टीम बनाई गई है। तपोवन में गौरीशंकर मंदिर के निकट एप्रोच रोड बनाई जा रही है, ताकि पोकलैंड मशीन के जरिये लापता व्यक्तियों की तलाश की जा सके। इसके अतिरिक्त काफर डैम बनाकर पानी का बहाव टनल के अंदर जाने से रोकने का काम किया जा रहा है।