- नशे के लिए ड्रग्स के यूज पर रोक की तैयारी

- ड्रग डिपार्टमेंट ने की सख्ती, मेडिकल स्टोर्स की निगरानी

- 15 लाइसेंस सस्पेंड, 5 निरस्त, 5 कैमिस्ट शॉप सरेंडर

देहरादून।

नारकोटिक्स ड्रग्स का नशे के लिए इस्तेमाल रोकने को अब ड्रग डिपार्टमेंट ने एक्शन लेना शुरू कर दिया है। मेडिकल स्टोर्स की कड़ी निगरानी तो की ही जा रही है, ऑनलाइन दवा बेचने वालों पर भी ड्रग डिपार्टमेंट की तिरछी नजर है। दून में ऑनलाइन दवा बेचने के लिए लगातार रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं। ड्रग डिपार्टमेंट के अनुसार अधिकतर दवा विक्रेता व मेडिकल स्टोर नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। कई दवा विक्रेताओं के खिलाफ विभाग एक्शन ले चुका है।

ऑनलाइन फार्मेसी की मॉनिटरिंग तेज

ड्रग डिपार्टमेंट के अनुसार देहरादून में ऑनलाइन फार्मेसी के लिए 4 फार्मेसी रजिस्टर्ड हैं। इनके गोदाम की भी निगरानी की जा रही है। इनकी पैकेजिंग व सप्लाई पर भी लगातार विभाग नजर रख रहा है। दवा कंपनी से जरूरतमंदों को घर तक दवा पहुंचाने की पूरी प्रक्रिया की मॉनिटरिंग विभाग कर रहा है। इसके लिए बाकायदा टीम तैयार की गई है।

बढ़े 20 परसेंट मेडिकल स्टोर

कोरोनाकाल में जब दवा की डिमांड बढ़ी तो फार्मेसी से जुडे़े कई लोगों ने कैमिस्ट शॉप खोल कर रजिस्ट्रेशन कराया। बीते एक साल में इसी का नतीजा रहा कि दून में 20 परसेंट कैमिस्ट शॉप बढ़ी हैं।

इसकी हो रही जांच

-शेड्यूल एच की मेडिसिन बिना प्रीस्क्रीप्शन देना।

-दवा के स्टॉक का सुपरविजन।

-कैमिस्ट शॉप का लाइसेंस।

-एमआरपी से ज्यादा रकम लेना।

कफ सिरप का गलत यूज

ड्रग डिपार्टमेंट के अनुसार बीते दिनों में देखा गया है कि यूथ में कफ सिरप की डिमंाड बड़ी है। इसके साइड इफेक्ट भी हैं। जिसमें हल्की नींद आना (खुमारी) है। यूथ खुमारी के लिए कफ सिरप का इस्तेमाल गलत तरीके से किया जा रहा है। युवा इसका नशे के लिए यूज करते हैं और बाद में इसकी लत लग जाती है। दवा के गलत उपयोग को रोकने के लिए ड्रग डिपार्टमेंट एक्टिव हुआ है।

36 केस हुए रजिस्टर्ड

नारकोटिक्स में शामिल दवाओं को गलत तरीके से बेचना, बिना प्रिस्क्रिप्शन के देना व नियमों का पालन न करने पर ड्रग डिपार्टमेंट ने कई दवा विक्रेताओं के खिलाफ हाल ही में एक्शन लिया है। इसके तहत दून में 8 व रुड़की के अब तक 28 केस दर्ज किए जा चुके हैं।

15 लाइसेंस हुए संस्पेंड

ड्रग डिपार्टमेंट ने अब तक 15 मेडिकल स्टोर संचालकों के लाइसेंस सस्पेंड किए हैं। 5 मेडिकल स्टोर्स का लाइसेंस कैंसिल किया गया है। वहीं नियमों का पालन न करने पर 6 मेडिकल स्टोर्स के लाइसेंस सरेंडर कराए हैं।

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लगातार मेडिकल स्टोर्स की निगरानी की जा रही है। कंप्लेन्स पर तुरंत संज्ञान लेकर छापेमारी की जा रही है। नियमों का उल्लंघन जहां भी पाया जाएगा, सख्त एक्शन लिया जाएगा।

- एसएस भंडारी, असिंस्टेंट ड्रग कंट्रोलर