देहरादून, (ब्यूरो ): दून की रिस्पना और बिंदाल नदियों से कभी शहर की प्यास तो नहीं बुझी, लेकिन अब बरसात में शहर के लिए यह बाढ़ का खतरा जरूर बन रही हैं। रिस्पना, बिंदाल ही नहीं, छोटी बिंदाल, सुसवा, नालापानी राव व दुल्हनी सरीखी नदियों में भारी मात्रा में रिवर बेड मैटेरियल (आरबीएम) यानि गाद भारी मात्रा में जम गई है, जिससे नदियों व शहर में मौजूद बड़े नाले करीब 5 फुट तक ऊपर उठ चुके हैं। नदी-नालों की गहराई कम होने से अब यह मुसीबतों का सबब बन रही हैं। सिंचाई विभाग के अनुसंधान एवं नियोजन खंड की ओर से नदी-नालों के कराए गए जीपीएस सर्वे में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। सिंचाई विभाग ने नदी-नालों की सफाई के लिए सर्वे रिपोर्ट नगर निगम को भेज दी है।
3.27 लाख क्यूबिक मीटर मलबा
सर्वे में दून की सबसे बड़ी रिस्पना-बिंदाल व अन्य नदी-नालों में भारी मात्रा में गाद होने का दावा किया गया है। यह सर्वे बाढ़ संभावित डीएल रोड, चंदर रोड, एमडीडीए पुल, सत्तोघाटी, बद्रीनाथ कॉलोनी, इंद्रा कॉलोनी, कार्मीनाला, लोहारवाला, शांति विहार, आमवाला राव, डीएस कॉलोनी व रायपुर रोड पुल सरीखे संवेदनशील व अति संवेदनशील इलाकों में कराया गया है। पता चला है कि इन इलाकों में नदियों में 3.27 क्यूबिक मीटर रेत, बजरी, पत्थर व अन्य उप खनिज मौजूद हैं, जिसकी वजह से नदी-नालों का लेवल 5 फीट तक ऊपर उठ चुका है। ऐसे में इन इलाकों में बरसात में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।
7679 क्यूबिक मीटर कचरा
नदी-नालों में केवल रेत-बजरी और बोल्डर-पत्थर ही नहीं हैैं, बल्कि बड़ी मात्रा में पॉलीथिन व अन्य तरह का कचरा भी शामिल है। उप खनिज के साथ ही इस कचरे को भी बरसात से पहले उठाया जाना जरूरी है। अन्यथा नदी-नालों की गहराई घटने से कई इलाके बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं।
20 साल से नहीं हुआ चुगान
सूत्रों का कहना है कि रिस्पना-बिंदाल में पिछले करीब 20 साल से चुगान नहीं हुआ, जिससे ये नदियों में जमा रेत, बजरी, पत्थर व अन्य उप खनिज मुसीबतों का सबब बन गया है। पिछले साल भी कई इलाकों में नदियों व जल के पानी से जलमग्न हो गए थे। इस बार हालात और खराब होने की आशंका जताई जा रही है।
ये बस्तियां अति संवेदनशील
दून में नदियों के किनारे 40 से अधिक बस्तियां बताई जा रही हैं, जिनमें हजारों परिवार रह रहे हैं। इसके अलावा कई कॉलोनियों से बड़े नाले गुजर रहे हैं। सिंचाई विभाग अनुसंधान एवं नियोजन खंड के अधिशासी अभियंता राजेश लाम्बा ने बताया कि रिस्पना नदी के कंडोली, आर्य नगर, भगत सिंह कॉलोनी, राजेश रावत कॉलोनी, छोटी बिंदाल के इंदिरा नगर, टीचर कॉलोनी, गोविंदगढ़, बिंदाल नदी के संतोघाटी के डपोटा पुल का डाउन स्ट्रीम, दुल्हनी नदी के रुद्रलोक कॉलोनी, लक्ष्मण सिंह कॉलोनी, ज्वाल्पा एन्क्लेव, नालापानी राव नदी के देवलोक कॉलोनी व ईश्वर विहार कॉलोनी को बाढ़ के लिहाज से संवेदनशील और अति संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है। इन इलाकों में नदी-नालों में भारी गाद भर चुका है। सर्वे रिपोर्ट कार्यवाही के लिए नगर निगम को भेज दी गई है।
ये इलाके अति संवेदनशील
-कंडोली
-आर्य नगर
-भगत सिंह कॉलोनी
-राजेश रावत कॉलोनी
- इंदिरा नगर
- टीचर कॉलोनी
- गोविंदगढ़
-रुद्रलोक कॉलोनी
-लक्ष्मण सिंह कॉलोनी
-ज्वाल्पा एन्क्लेव
-देवलोक कॉलोनी
-ईश्वर विहार कॉलोनी
ये इलाके संवेदनशील
1. रिस्पना:
-डीएल रोड पुल से डाउनस्ट्रीम
- चंद्रर रोड पुल के अपस्ट्रीम
- चंद्र रोड पुल से एमडीडीए पुल के बीच
- आईटीपार्क व बालासुंदरी पुल के अपस्ट्रीम में
- चूना भट्टा रायपुर पुल के डाउनस्ट्रीम में
2. बिंदाल:
- सत्तोघाटी पुल के अपस्ट्रीम में
- बद्रीनाथ कॉलोनी
- इंद्रा कॉलोनी
- विजय कॉलोनी कैंट रोड पुल के डाउनस्ट्रीम में
- डकोटापुल के अपस्ट्रीम में
3. छोटी बिंदाल:
-लोहारवाला
- शांति विहार
4. दुल्हनी नदी
- रुद्रलोक एन्क्लेव से सिद्ध विहार के बीच
- देवपुरम पुल के डाउनस्ट्रीम में
5. सौंग नदी
- सौंग एन्क्लेव, गुर्जर बस्ती, ओएसिस स्कूल तक
- सौड़ा सरोली पुल के डाउनस्ट्रीम में नथुवावाला ढांग तक
6. सुसवा नदी:
-इंद्रापुरी फार्म ब्रिज से दुधादेवी ब्रिज
के बीच
- दुधादेवी पुल के डाउनस्ट्रीम में
7. कार्गीनाला:
-बंजारावाला
8. नवादा नाला
- प्रवेश विहार
9. आमवाला राव नदी:
- आमवाला राव में मैलाराम डीएस कॉलोनी से रायपुर रोड पुल
- धोवीघाट पुल के अपस्ट्रीम में
सर्वे रिपोर्ट संज्ञान में नहीं है। यदि ऐसा कोई बात है, तो इसका गंभीरता से संज्ञान लिया जाएगा। नदियों व नालों के सफाई व चैनलाइजेशन का काम शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। चुगान को लेकर भी रिपोर्ट का अध्ययन कर शीघ्र कार्रवाई की जाएगी।
सोनिका, डीएम, देहरादून
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