DEHRADUN: सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दून विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। इस मौके पर सीएम ने पलायन रोकने के लिए राज्य के विश्वविद्यालयों को सिर्फ डिग्री बांटने तक ही सीमित न रहने को कहा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड प्राकृतिक संसाधनों का खजाना है। इसके उपयोग के लिए विश्वविद्यालय शोध कार्यो को बढ़ावा दें, जिससे पलायन रुके और युवाओं को रोजगार के अवसर मिलें।

युवाओं को मिले रोजगार

कार्यक्रम में सीएम ने राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के चार शिक्षकों को डॉ। भक्तदर्शन उच्च शिक्षा गौरव पुरस्कार भी प्रदान किया। उन्होंने कहा कि सरल स्वभाव और बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉ। भक्त दर्शन ने शिक्षा के क्षेत्र में अनेक सराहनीय कार्य किए। वह कुशल राजनीतिज्ञ, शिक्षक और संपादक थे। स्वतंत्रता संग्राम में उन्होंने अहम योगदान दिया। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रहते हुए उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में कई अभिनव पहल कीं। डॉ। भक्त दर्शन के शिक्षा के क्षेत्र में दिए गए उत्कृष्ट योगदान के कारण राज्य सरकार ने उनके नाम पर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षकों को पुरस्कृत करने का निर्णय लिया। इस अवसर पर विधायक दिलीप सिंह रावत, विनोद चमोली, दून विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो। एके कर्नाटक आदि मौजूद रहे।

डिग्री कॉलेजों में 4जी कनेक्टिविटी: धन सिंह

कार्यक्रम में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार ) डॉ। धन सिंह रावत ने कहा कि अगले साल से डॉ। भक्त दर्शन पुरस्कार 12 फरवरी को उनके जन्म दिवस पर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जयहरीखाल डिग्री कॉलेज का नाम डॉ। भक्त दर्शन के नाम पर रखा गया है। पौड़ी के मुसेटी गांव में उनका स्मारक बनाया गया है। अब मुसेटी में डॉ। भक्त दर्शन द्वार बनाया जा रहा है। आठ नवंबर से राज्य के हर डिग्री कॉलेज में 4जी कनेक्टिविटी और वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ। मोहन चंद पांडेय को वाणिज्य व प्रबंधन, एमबी कॉलेज हल्द्वानी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ। शिव दत्त तिवारी को वनस्पति विज्ञान, पं। ललित मोहन शर्मा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ऋषिकेश के प्रो। सतेंद्र कुमार को साहित्य व एमपीजी कॉलेज रामनगर के प्रो। डॉ। संजय कुमार को इतिहास के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए पुरस्कार प्रदान किया गया।