देहरादून (ब्यूरो) पुष्पों को व्यवसायिक गतिविधियों के साथ जोडऩे के लिए विशेष प्रयास करने होंगे। साथ ही निकटवर्ती क्षेत्रों के अतिरिक्त देश व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुष्पों को पहुंचाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राजभवन में वर्ष 2003 से प्रारंभ हुआ बसंतोत्सव उत्तराखंड की पहचान बन चुका है। इससे पुष्प उत्पादन के क्षेत्र में आमजन और किसानों की विशेष रुचि विकसित हुई है। इसे निरंतर व्यापकता देने का प्रयास किया जा रहा है।

तीन दिन रहेगी पुष्प प्रदर्शनी
उन्होंने बताया कि राजभवन में एक मार्च को सुबह 11 बजे बसंतोत्सव का उद्घाटन होगा। दोपहर एक बजे से सायं छह बजे तक और दो व तीन मार्च को सुबह नौ जे से सायं छह बजे तक पुष्प प्रदर्शनी जनसामान्य के लिए निश्शुल्क खुली रहेगी। उन्होंने बताया कि पुष्प प्रदर्शनी में 15 मुख्य प्रतियोगिताओं की श्रेणी में कुल 53 उप श्रेणी भी हैं। इनमें प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार दिए जाएंगे। तीन मार्च को कुल 159 पुरस्कार वितरित किए जाएंगे। कट फ्लॉवर प्रतियोगिता के परंपरागत क्षेत्रों में मात्र ऊधमङ्क्षसहनगर, नैनीताल, हरिद्वार व देहरादून के पुष्प उत्पादक भाग लेंगे। इसमें गैर परंपरागत क्षेत्रों में राज्य के नौ पर्वतीय जिलों अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़, चंपावत, टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी के पुष्प उत्पादक प्रतिभाग करेंगे।

खांसी, सर्दी समेत कई बीमारियों में होता है थुनेर का उपयोग
राज्यपाल थुनेर पर विशेष पोस्टल कवर का विमोचन करेंगे। थुनेर में औषधीय गुण होते हैं। इसका खांसी, सर्दी, बुखार, सिरदर्द, पाचन संबंधी समस्या, ब्रोंकाइटिस, त्वचा समस्या, मांसपेशियों में दर्द, गठिया के उपचार के लिए उपयोग किया जाता है। बसंतोत्सव पर डाक टिकट प्रदर्शनी का आयोजन भी किया जाएगा। तीन दिनी आयोजन में 35 विभाग प्रतिभाग करेंगे। इस अवसर पर वर्टिकल गार्डन एवं रूफ टॉप गार्डङ्क्षनग के माध्यम से नगरीय क्षेत्रों में औद्यानिकी को बढ़ावा देने की पहल की गई है। इस वर्ष भी फूलों से सजे वाहन के माध्यम से शहर के विभिन्न मार्गों पर बसंतोत्सव का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा। 29 फरवरी को इस वाहन को राज्यपाल हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे।

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