देहरादून (ब्यूरो) दून समेत पूरे राज्य में डेली डिमांड रिकॉर्ड 60 से 62 मिलियन यूनिट पहुंच गई है। इससे पहले बिजली की डेली डिमांड 56 मिलियन यूनिट से अधिक नहीं पहुंची थी। ऐसे में ऊर्जा निगम की मुश्किलें दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। तमाम प्रयासों के बावजूद मांग के सापेक्ष विद्युत उपलब्धता न होने से घंटों कटौती की मार झेलनी पड़ रही है। बारिश नहीं हुई तो गर्मी की मार के साथ बिजली की मार झेलनी पड़ सकती है।

लगातार कटौती से बढ़ी मुश्किलें
मई की शुरुआत से भीषण गर्मी पड़ रही है। जिससे ग्लेशियरों में बर्फ तेजी से पिघल रही है और प्रदेश की प्रमुख नदियों में जल स्तर में इजाफा हुआ है। यही वजह है कि मई के दूसरे पखवाड़े से जल विद्युत परियोजनाओं में उत्पादन बढ़ा है। बीते तीन सप्ताह मेंजल विद्युत परियोजनाओं में करीब 8 मिलियन यूनिट उत्पादन बढ़ा है। इन दिनों रोजाना करीब 16 से 17 एमयू बिजली जल विद्युत परियोजनाओं से मिल रही है। हालांकि, तेजी से बढ़ रही मांग के कारण यह नाकाफी साबित हो रही है।

चीला पावर हाउस बंद, बढ़ा संकट
चैनलाइजेशन कार्य के लिए चीला जल विद्युत परियोजना कुछ दिन से बंद चल रही है। इससे भी खासा असर पड़ रहा है। यदि यह परियोजना चलती तो इससे दून ऋषिकेश के इलाकों में बिजली की कमी पूरी हो सकती थी। परियोजन को जल्द शुरू करने के उच्च स्तर से निर्देश जारी किए गए हैं।

पावर कट से दूनवासी हलकान
दून में बिजली की आंख-मिचौनी बंद नहीं हो रही है। गर्मी के प्रकोप के बीच चरम पर पहुंची बिजली की मांग के कारण अत्यधिक लोड बढऩे से ऊर्जा निगम के विद्युत उपकरण साथ छोड़ रहे हैं। सुबह से रात तक कई बार जगह-जगह बत्ती गुल हो रही है। शहर के ज्यादातर क्षेत्रों में यह समस्या बनी हुई है। लोग अघोषित बिजली कटौती से हलकान हैं।

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