देहरादून (ब्यूरो) सैटरडे को उत्तराखंड सहकारी संघ के सभागार में मुख्य अतिथि सहकारिता मंत्री डॉ। धन ङ्क्षसह रावत ने सेमिनार का उद्घाटन किया। उन्होंने राज्य में सतत और समावेशी विकास हासिल करने में सहकारी समितियों के महत्व पर जोर दिया। इस दौरान उन्होंने ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में सहकारी समितियों की भूमिका पर प्रकाश डाला। कहा कि उत्तराखंड सहकारी संगोष्ठी हितधारकों को एक साथ आने और राज्य में सहकारी आंदोलन को मजबूत करने के लिए रणनीतियों पर विचार-विमर्श करने के लिए एक मूल्यवान मंच है।

कॉस्ट एकाउंटिंग का अहम रोल
इंस्टीट््यूट आफ कास्ट अकाउंटेंट््स आफ इंडिया के अध्यक्ष नवनीत कुमार जैन ने देश की प्रगति में सहकारी समितियों की आवश्यक भूमिका पर प्रकाश डाला। जैन ने राष्ट्र के समग्र विकास में योगदान देने में सहकारी समितियों की प्रभावशीलता और सफलता सुनिश्चित करने में लागत लेखांकन के महत्व पर जोर दिया।

राज्य में 30 लाख सहकारी मेंबर्स
निबंधक सहकारिता आलोक कुमार पांडे ने कहा कि उत्तराखंड में सहकारी परिवारों की उपस्थिति लोकतंत्र और सहकारिता के बीच सहजीवी संबंध को दर्शाती है। राज्य में सवा करोड़ आबादी में 30 लाख सहकारी सदस्य हैं। कहा कि सहकारिता एक विचारधारा है। अपर निबंधक ईरा उप्रेती ने कहा कि समानता और महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने में सहकारी समितियों की भूमिका पर भी ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। इसने राज्य में महिलाओं के नेतृत्व वाली सहकारी समितियों की सफलता की कहानियां प्रकाश में आएंगी।

ये रहे मुख्य रूप से मौजूद
इस दौरान अपर निबंधक आनंद शुक्ल, प्रबंध निदेशक राज्य को-आपरेटिव नीरज बेलवाल, संयुक्त निबंधक एमपी त्रिपाठी, निदेशक सहकारी प्रबंध संस्थान अनिल कुमार तिवारी, चितरंजन, आर गोपाल स्वामी, एसएन मित्तल, जीवन चंद्र व मनीष कांडपाल आदि मौजूद रहे।

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