- आईटी पार्क से संचालित हो रहे इंटरनेशनल कॉल सेंटर गिरोह का भांडाफोड

- एसटीएफ ने 4 मेंबर्स को किया अरेस्ट, 14 अब भी फरार, कस्टम अफसर बनकर डराते थे आरोपी

देहरादून,

सहस्त्रधारा रोड स्थित आईटी पार्क में संचालित हो रहे एक ऑफिस से अमेरिकी सिटीजन्स का एक्सटॉर्शन करने वाले गिरोह का भांडाफोड हुआ है। इंटरनेशनल कॉल सेंटर से गिरोह के मेंबर अमेरिकी सिटीजन्स को कस्टम अधिकारी बनकर डराकर लाखों रुपए ऐंठते थे। एसटीएफ की टीम ने सेंटर पर रेड मारकर 4 मेंबर्स अरेस्ट किए हैं, जबकि 14 फरार बताए जा रहे हैं। मौके से टीम ने 20 लैपटॉप, दो डेस्कटॉप और तीन मोबाइल बरामद हुए हैं।

4 माह पहले खोला ऑफिस, 90 हजार रेंट

एसटीएफ के डीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि सहस्रधारा रोड स्थित आईटी पार्क में ट्रेक नाउ ट्रेवल नाम से एक ऑफिस चल रहा था। यहां पर अमेरिकी सिटीजन्स से ठगी की जा रही थी। थर्सडे को टीम ने रेड मारकर उत्तम नगर दिल्ली निवासी दीपक, पालम दिल्ली निवासी सिमोन, महेंद्र नगर नेपाल निवासी गगन और मोनू नागरी को पकड़ा है। पूछताछ में पता चला कि आईटी पार्क में ऑफिस के लिए किराए पर बिल्डिंग ली गई, जिसका रेंट 90 हजार रुपये बताया, जो कि 4 माह पूर्व ही लिया गया था।

डराना फिर लीगल एडवाइज का झांसा

गिरोह कॉल सेंटर से अमेरिकी सिटीजन्स को टारगेट कर ठगते थे। इसके लिए टीमें बनाई हुई थी। एक टीम वाशिंगटन से अमेरिकी सिटीजन्स का डेटा एकत्र कर उन्हें फोन करती थी। जो खुद को यूएस कस्टम एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन ऑफिस का अधिकारी बताकर कोरियर संबंधी जानकारी देते थे। सिटीजन्स को यह कहकर डराया जाता था कि उनकी आईडी से कोरियर आया है। जिसमें कुछ संदिग्ध वस्तु है, ऐसे में उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। अरेस्ट भी किया जा सकता है। इसके बाद वे सिटीजन्स को सुझाव देते थे कि अरेस्टिंग से बचने के लिए वह उनकी लीगल टीम से बात कर सकते हैं।

20 कर्मचारी, लाखों रुपए खर्चा

प्राप्त जानकारी के अनुसार इसके बाद वाशिंगटन से फोन दिल्ली के लिए ट्रांसफर किया जाता था। दिल्ली बैठी टीम उन्हें डराती थी कि पार्सल की वजह से आपके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट निकला है। आरोपी डराने के लिए फर्जी वारंट भी तैयार करते थे, और पार्सल के मालिक को भेजते थे। इसके बाद फोन देहरादून ऑफिस ट्रांसफर कर दिया जाता था। यहां की टीम अमेरिकी नागिरकों को गिरफ्तारी से बचने का रास्ता सुझाकर इसकी एवज में बिट क्वॉइन, शापिंग व गिफ्ट कार्ड के रूप में रकम मंगवाते थे। एसटीएफ की पूछताछ में अमेरिकी सिटीजन्स से ड्रग्स एक्सटॉर्शन के जरिए लाखों रूपए ठगने के केस भी सामने आए हैं। जिस पर टीम पूछताछ में जुटी है। इस पूरे गिरोह में दून में बैठे 20 से ज्यादा कर्मचारियों को लाखों रूपए का वेतन दिया जा रहा था।