- दून में नकली सीमेंट बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश, 2 आरोपी अरेस्ट, 1 फरार

- गोदाम से 1138 कट्टे नकली सीमेंट बरामद, एक साल से जुटे थे इस काले कारोबार में

देहरादून,

अगर आप कंस्ट्रक्शन का काम करा रहे हैं तो कंस्ट्रक्शन में यूज हो रहे सीमेंट की क्वालिटी जरूर चेक करा लें। दून में नकली सीमेंट का कारोबार धड़ल्ले से हो रहा है। पुलिस ने ऐसे एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। गिरोह पटेलनगर इलाके में मौजूद एक गोदाम में नकली सीमेंट बनाता था। जेके सीमेंट में कटिंग पाउडर (काली बजरी का पाउडर) मिलाकर नकली सीमेंट तैयार कर इसके बाद उसे अल्ट्राटेक सीमेंट के नाम से ग्राहकों को बेचते थे। यह गोरखधंधा एक साल से चल रहा था। जिससे गिरोह लाखों रुपए कमा चुके हैं। पुलिस ने गोदाम पर छापेमारी कर भारी मात्रा में नकली सीमेंट बरामद की है। गिरोह के दो सदस्यों को पुलिस ने अरेस्ट किया है। जबकि एक सदस्य फरार है।

लगाते ही झड़ने लगा प्लास्टर

पुलिस के मुताबिक 22 जुलाई को नथुवावाला निवासी हरिबल्लभ वशिष्ठ ने घटिया सीमेंट की कंप्लेन की थी। बताया कि उनका दुनाली नथुआवाला में मकान बन रहा है। इसके लिए उन्होंने अल्ट्राटेक सीमेंट के डीलर रोहित कुमार निवासी ब्राह्मणवाला चौक, पटेलनगर से सीमेंट मंगवाया था। लेकिन, निर्माण के दौरान ही भवन की दीवारों से प्लास्टर झड़ने लगा। इस पर उन्हें सीमेंट की गुणवत्ता पर शक हुआ। उन्होंने अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी से इस संबंध में कंप्लेन की थी। कंपनी के एक अधिकारी ने मौके पर आकर जांच की तो पता चला कि सीमेंट अल्ट्राटेक कंपनी का ही नहीं है। जांच में सीमेंट के नकली होने की पुष्टि के बाद सीओ ने नेहरू कॉलोनी थाना इंचार्ज दिलबर सिंह नेगी को मामले की विस्तृत जांच का निर्देश दिया। जिसमें पता चला कि नकली सीमेंट पटेलनगर के तेलपुर में एक गोदाम में तैयार किया जा रहा था, जो अशोक निवासी कांवली रोड हरीपुरम वसंत विहार का है। इस काम में उसके साथ रोहित और इमरान निवासी ब्राह्मणवाला पटेलनगर भी देते थे।

नकली सीमेंट के 1138 कट्टे बरामद

पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के लिए पीडि़त हरिबल्लभ वशिष्ठ के माध्यम से आरोपियों से फिर से सीमेंट मंगवाया। जैसे ही रोहित कुमार नकली सीमेंट के साथ हरिबल्लभ वशिष्ठ के निर्माणाधीन भवन में पहुंचा, पुलिस ने उसे दबोच लिया। रोहित से पूछताछ के बाद पुलिस ने आरोपियों के गोदाम में छापा मारा। वहां दूसरे आरोपी अशोक को भी अरेस्ट किया गया। गोदाम से 1138 कट्टे नकली सीमेंट व सीमेंट भरने के उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक तराजू आदि बरामद किए गए हैं। पुलिस ने गोदाम को सील कर दिया है। तीसरे आरोपी इमरान की तलाश की जा रही है।

ऐसे बनाते थे नकली सीमेंट

आरोपी अशोक ने बताया कि उसके पास जेके सीमेंट की डीलरशिप है। वह जेके सीमेंट को गोदाम में रखते थे व अल्ट्राटेक के खाली सीमेंट के कट्टे बाजार से खरीदते थे। गाजियाबाद से वह कटिंग पाउडर (काली बजरी का पाउडर) मंगवाते थे। जिसके बाद जेके सीमेंट के दो कट्टे व कटिंग पाउडर का एक कट्टा मिलाकर अल्ट्राटेक के खाली तीन सीमेंट के कट्टों में भर देते थे। इसके बाद गोदाम में ही तराजू में तोल कर उन्हें अल्ट्राटेक सीमेंट के नाम से ग्राहकों को बेचते थे।

1 कट्टे से 150 रुपए मुनाफा

थाना इंचार्ज दिलबर सिंह नेगी ने बताया कि आरोपी रोहित की जिम्मेदारी केवल सीमेंट के कट्टे गोदाम से साइट तक पहुंचाने की होती थी। गोदाम में नकली सीमेंट तैयार करने का काम अशोक करता था। रोहित को प्रति कट्टे करीब 20 रुपये मिलते थे। आरोपी इमरान बाजार से डिमांड लेकर आता था। सीमेंट के नकली खेल में वे एक कट्टे से 150 रुपए तक कमाते थे, जबकि एक दिन में वे 150 से 200 सीमेंट के कट्टे निकाल लेते थे। अशोक के पास सीमेंट की डीलरशिप 2 साल से है, लेकिन वह एक साल से नकली सीमेंट का गोरखधंधा कर रहा था।

गोदाम से यह सामान हुआ बरामद

- 650 कट्टे जेके सुपर सीमेंट

- 450 कट्टे नकली सीमेंट

- 38 कट्टे कटिंग पाउडर

- 400 खाली कटे अल्ट्राटेक सीमेंट

- 600 खाली कट्टे जेके सीमेंट

- एक बड़ा इलेक्ट्रॉनिक तराजू

- तीन फावड़े, दो बाल्टी, वाइपर व अन्य औजार