डीजीपी अशोक कुमार ने की फायर स्टेशन, 112 और जिले में अपराध की समीक्षा

डायल 112 को रिस्पॉन्स टाइम सुधारने को पहल, उच्च अधिकारी तैयार करेंगे मंथली रिपोर्ट

देहरादून,

जल्द ही फायर बिग्रेड में महिलाओं को भी शामिल किया जाएगा। इसके लिए फायर ब्रिगेड में महिलाओं को भर्ती के लिए 30 परसेंट कोटा रिजर्व किया जाएगा। डीजीपी अशोक कुमार ने शुक्रवार को फायर स्टेशन में निरीक्षण के दौरान यह बात कही है। डीजीपी ने कहा कि पहाड़ी जिलों में अब बड़े फायर टेंडरों की जगह मध्यम साइज के फायर टेंडर भेजे जाएंगे। पहाड़ों में बड़े फायर टेंडरों के संचालन में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि डायल 112 को अब फायर ब्रिगेड से भी जोड़ दिया गया है। अब आग लगने की घटना की जानकारी 112 पर दी जा सकती है।

अधिकारी करें मॉनिटरिंग

डीजीपी ने शुक्रवार को जिले में अपराध की समीक्षा बैठक के साथ फायर स्टेशन, डायल 112 और निर्माणाधीन बिल्डिंग का निरीक्षण किया। डीजीपी ने कहा कि आग लगने से संबंधित सूचनाओं की हर महीने मॉनीट¨रग की जाएगी। मॉनीट¨रग की जिम्मेदारी डीआईजी फायर व एसएसपी को सौंपी गई है। डीजीपी ने कहा कि इसी साल डोईवाला व त्यूणी में फायर स्टेशन खोले जाएंगे। विभाग में फायरमैन व अग्निशमन अधिकारी द्वितीय की शॉर्टेज है। आगामी होने वाली भर्ती में यह पद भी भरे जाएंगे। उन्होंने कहा कि आगामी फायर सीजन को देखते हुए पलटन बाजार में पांच फायर पोस्ट बनाने के निर्देश दिए हैं। यहां पर 24 घंटे पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। डीजीपी ने डीआईजी गढ़वाल रेंज के नए बन रहे भवन का निरीक्षण भी किया। उन्होंने कहा कि छह मंजिला भवन आगामी दो साल में तैयार होगा, लेकिन कोशिश रहेगी कि दो मंजिल जल्द तैयार हो सकें। इसके बाद डीजीपी पुलिस कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने डायल 112 का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि कंट्रोल रूम में आने वाली शिकायतों का जनपदवार विवरण, जिसमें पुलिस के रिस्पॉन्स टाइम, शिकायत पर की गई कार्रवाई व इस दौरान पुलिस की कार्य प्रणाली का विवरण अंकित करते हुए इसकी मासिक रिपोर्ट डीआईजी गढ़वाल रेंज व संबंधित जनपद के एसएसपी को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इस दौरान डीआईजी गढ़वाल रेंज नीरू गर्ग, डीआईजी फायर मुख्तार मोहसिन, एसएसपी डॉ। योगेंद्र सिंह रावत, एसपी सिटी सरिता डोबाल सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।

नशा तस्करों के खिलाफ हो सख्त एक्शन

पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान डीजीपी ने कहा कि सभी थाना प्रभारी अपने-अपने थाना क्षेत्रों में ड्रग माफिया के खिलाफ कार्रवाई केवल खानापूर्ति के उद्देश्य से न करें। नशा तस्करों के खिलाफ की गई कार्रवाई के ठोस परिणाम सामने आने चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत हो रहे निर्माण कायरें को देखते हुए यातायात के संचालन के लिए एक ठोस कार्ययोजना बनाई जाए।

दोबारा मैनुअल पुलिसिंग पर करें फोकस

शुक्रवार को दून के एसएसपी डॉ। योगेन्द्र सिंह रावत ने जिले के पुलिस अधिकारियों के साथ क्राइम मीटिंग ली। एसएसपी ने बताया कि वर्तमान समय में पुलिस की मैनुअल पुलिसिंग काफी कम हो गयी है, उन्होंने कहा कि पुलिस किसी भी घटना के अनावरण के लिये केवल टेक्नोलॉजी पर निर्भर हो गई है। उन्होंने कहा कि बीट कर्मचारी द्वारा अन्य अपराधों को छोडकर केवल विवादों की ही बीट सूचना बीट रजिस्टर में अंकित की जा रही है। एसएसपी ने सभी अधिकारियों को बीट कॉंसटेबल की जिम्मेदारियां तय कर अपने-अपने बीट में मैनुअल पुलिसिंग के लिये प्रोत्साहित करने और मुखबिर तंत्र को और अधिक मजबूत करने के निर्देश दिए। पुलिस की ब्रांचेज में आने वाली कंप्लेन के समाधान को एसएसपी ने सेन्ट्रलाइज सिस्टम बनाने के निर्देश दिए गए हैं।