देहरादून, ब्यूरो: उपचार के लिए लाभार्थियों से अस्पतालों ने रकम वसूली। यह सरासर आयुष्मान गाइडलाइंस व अनुबंध के खिलाफ है। हालांकि, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से कई हॉस्पिटलों से धनराशि भी वापस कराई गई।

28 सितंबर से सभी हॉस्पिटलों को आदेश
आयुष्मान योजना के चौथी वर्षगांठ पर बीते 23 सितंबर को आरोग्य मंथन-4 का आयोजन किया गया। वहीं, स्वास्थ्य मंत्री डा। धन सिंह रावत ने घोषित किया कि 2 अक्टूबर 2022 से पेशेंट्स के उपचार के बाद लाभार्थी से सत्यापन प्रमाण-पत्र लिया जाएगा। कहा, ट्रीटमेंट के लिए हॉस्पिटलों की ओर से कोई भी धनराशि नहीं ली गई है। उसका उपचार पूरी तरह निशुल्क किया गया है। बताया गया है कि इस बावत स्टेट हेल्थ अथॉरिटी की ओर से 28 सितंबर से सभी हॉस्पिटलों को आदेश जारी कर दिए गए हैं। इस आदेश के मुताबिक हॉस्पिटीलों की ओर से लाभार्थी के उपचार के बाद क्लेम प्रस्तुत करते समय लाभार्थी का सत्यापन प्रपत्र व हॉस्पिटल का प्रमाण-पत्र दाखिल किया जाना जरूरी कर दिया गया है।

ऐसा होगा योजना में सत्यापन
-सत्यापन प्रपत्र में लाभार्थी की ओर से सत्यापित किया जायेगा कि हॉस्पिटल द्वारा योजना के तहत निशुल्क किया गया है उपचार
-हॉस्पिटल द्वारा उपचार के लिए नहीं ली गई है कोई भी धनराशि।
-हॉस्पिटल द्वारा बाहर से भी कोई मेडिसीन व उपचार सम्बन्धी अन्य सामग्री लाभार्थी से नहीं मंगायी गयी
-इस सत्यापन प्रपत्र में लाभार्थी बतायेगा कि उसे उपचार से संबंधित सभी दस्तावेजों को उपलब्ध कराएगा।
-इनमें डिस्चार्ज समरी, जांच, परीक्षण की रिपोट्र्स, उपचार का बिल जैसे दस्तावेज शामिल होंगे।
-सत्यापन प्रपत्र में लाभार्थी की ओर से प्रमाणित होगा कि प्रपत्र उसके स्वयं या फैमिली मेंबर्स की ओर से भरे गए
-प्रपत्र में यह भी स्पष्ट होगा कि जो दस्तावेज भरे गए हैं, उसमें अस्पताल का कोई रोल नहीं

अस्पतालों को भी देने होंगे दस्तावेज
एसएचए (स्टेट हेल्थ अथॉरिटी) द्वारा निर्गत आदेश में लाभार्थी के सत्यापन प्रपत्र के अलावा हॉस्पिटलों द्वारा भी प्रमाण-पत्र दिया जायेगा। उसमें स्पष्ट होगा कि लाभार्थी का पूरी तरह से उपचार किया गया है। उपचार से संबंधित सभी दस्तावेजों को भी उसे उपलब्ध करा दिया गया है। इसके अलावा हॉस्पिटलों की ओर से प्रमाण पत्र में यह भी बताया जायेगा कि डिस्चार्ज के बाद लाभार्थी को आवश्यकतानुसार 15 दिनों तक की अवधि की मेडिसीन निशुल्क उपलब्ध करा दी गयी हैं। हॉस्पिटल द्वारा प्रमाण-पत्र में यह भी उल्लेख होगा कि लाभार्थी के उपचार पर कितना खर्च आया और अब 5 लाख वॉलेट में कितनी धनराशि बाकी है।

ये जरूरी किया गया
आदेश में हॉस्पिटल के लिये यह भी अनिवार्य किया गया है कि उपचार की धनराशि के बिल पर लाभार्थी के साइन जरूरी हों। इसके बाद ही अथॉरिटी की ओर से क्लेम पर भुगतान मान्य होगा। अथॉरिटी के आदेशों के अनुसार हॉस्पिटल द्वारा लाभार्थी को सत्यापन प्रपत्र की प्रति व हॉस्पिटल के प्रमाण-पत्र की प्रति भी अनिवार्य रूप से उपलब्ध करानी होगी। ये व्यवस्था 2 अक्टूबर से मान्य होगी।

नई व्यवस्था से पारदर्शिता आएगी
स्टेट हेल्थ अथॉरिटी का मानना है कि प्राधिकरण द्वारा लाभार्थियों के सत्यापन व हॉस्पिटल के प्रमाण पत्र के संबंधी में की गई नई व्यवस्था से लाभार्थियों को लाभ मिलेगा। इसके अलावा हॉस्पिटलों को क्लेम्स का समय से पेमेंट हो सकेगा। फ्री ट्रीटमेंट के बारे में कोई भी शिकायत की संभावनाएं नहीं बनेंगी। दावा किया गया है कि यह व्यवस्था योजना को पारदर्शी बनाए जाने के लिए किया गया है।
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