- एथलेटिक्स को पटरी पर लाना है तो आईओसी अच्छे कोच को सिलेक्ट कर उन्हें अच्छा पैकेज दे और उनकी जिम्मेदारी तय करे

- मिल्खा सिंह ने कहा कि रोम के स्टूडियो ओलंपिक में उनके रिकॉर्ड को तोड़ने वाले को देंगे 5 लाख का अवॉर्ड

DEHRADUN: फ्लाइंग सिख के नाम से मशहूर ओलंपियन मिल्खा सिंह का मानना है कि वर्तमान में एथलेटिक्स में अन्य देशों के मुकाबले इंडिया की सबसे खराब स्थिति है, इसके लिए गवर्नमेंट और कोई मिनिस्टर नहीं, बल्कि भारतीय ओलंपिक संघ (आईओसी) जिम्मेदार है। गवर्नमेंट पर्याप्त पैसा दे रही है, लेकिन इनका सही जगह इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। इंडिया में भ्00 से अधिक कोच हैं, लेकिन किसी से ये नहीं पूछा जाता कि आपकी परफारमेंस क्या है। आईओसी अच्छे कोच को चुने, उन्हें अच्छा पैकेज दे और जिम्मेदारी तय करे। ऐसा होने पर ही स्थिति में कुछ सुधार आ सकता है। फ्राइडे को देहरादून के शेमफोर्ड फ्यूचरस्टिकस्कूल की स्पो‌र्ट्स मीट में बतौर चीफ गेस्ट पहुंचे मिल्खा सिंह बड़ी बेबाकी से सवालों का जवाब दिया।

फर्जी तरीके से तुड़वाया गया मेरा रिकॉर्ड

पद्मश्री मिल्खा सिंह ने कहा कि मैंने रोम के स्टोडियो ओलंपिक में ब्भ्.म् सेकेंड का रेकार्ड बनाया था, जो आज तक कोई इंडियन एथलीट नहीं तोड़ पाया। क्998 में एक एथलीट से फर्जी तरीके से मेरा रिकॉर्ड तुड़वाया गया, जिसे मैं स्वीकार नहीं करता। मिल्खा सिंह ने कहा कि मैंने घोषणा की थी कि जो मेरा रिकॉर्ड तोड़ेगा उसे दो लाख का अवार्ड दूंगा। अब मैं भ् लाख रुपए देने को तैयार हूं, कोई रेकॉर्ड तोड़कर तो दिखाए।

पीछे मुड़ने का हमेशा रहेगा मलाल

सवालों के जवाब में मिल्खा सिंह ने कहा कि क्9म्0 के रोम के स्टोडियो ओलंपिक में रेस के दौरान वह सबसे आगे थे, लेकिन उन्होंने पीछे मुड़कर गलती कर दी। अगर ऐसा नहीं करते तो इंडिया का एथलेटिक्स में एक गोल्ड मेडल जरूर होता। इसका हमेशा मलाल रहेगा।

फ्यूचर का मिल्खा देखना चाहता हूं

मिल्खा सिंह ने बताया कि फरहान अख्तर की 'भाग मिल्खा भाग' फिल्म आने के बाद उनके प्रशंसकों की संख्या बढ़ी है, हालांकि मैं सिर्फ उन्हीं कार्यक्रमों में हिस्सा लेता हूं, जिसमें मुझे लगता है कि मैं किसी एथलीट को प्रेरणा दे सकता हूं। मिल्खा सिंह को सब देखना चाहते हैं, लेकिन मिल्खा सिंह भविष्य के 'मिल्खा' को देखना चाहता है।

पुरस्कार लौटाने वाले कर रहे राजनीति

साहित्यकारों और फिल्मकारों के पुरस्कार लौटाने को फ्लाइंग सिख पद्मश्री मिल्खा सिंह ने फिजूल की बातें करार दिया। मिल्खा सिंह ने कहा कि, यह महज राजनीति के सिवाए और कुछ नहीं है। देश के माहौल में ऐसा कुछ नहीं है, जैसा दिखाने की कोशिश की जा रही है। अब कोई मुझे कह दे कि मैं पद्मश्री पुरस्कार लौटा दूं तो क्यों।