देहरादून (ब्यूरो)। ऋषिकेश पुलिस ने झारखंड निवासी दोनों ठगों को गिरफ्तार कर ऋषिकेश में हुई दो घटनाओं का खुलासा किया है। दोनों मामलों में बातों में लगातार बैग लूटने की शिकायत की गई थी। पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों को खंगालकर मुखबिरों की सूचना के आधार पर दोनों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की।

दो मामले दर्ज थे
थाना ऋषिकेश में यमकेश्वर निवासी डबल सिंह रावत ने शिकायत दर्ज की थी कि दो लोगों ने डॉक्टर का पता पूछने के नाम पर उन्हें रोका। उनमें से एक ने खुद को वृंदावन का पंडित बताया और उन्हें झांसे में ले लिया। इसी दौरान दूसरा व्यक्ति उनका बैग लेकर भाग गया। बैग में 32 हजार रुपये और कागजात थे। इससे पहले एक महिला ने भी करीब 2 महीने पहले थाने में मुकदमा दर्ज करवाकर दो व्यक्तियों द्वार झांसा देकर जेवरात और नकदी लूट लिये जाने की शिकायत की थी।

ऐसे पकड़े गये ठग
लगातार आ रही शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने शिकायतकर्ता से घटना की पूरी जानकारी लेकर घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों का बारीकी से निरीक्षण किया। इसके साथ ही कैमरों में मिली फुटेज के आधार पर मुखबिरों को सक्रिय किया। पहले हुई इस तरह की घटनाओं में पकड़े गये लोगों से जानकारी ली और सादी वर्दी में संभावित ठगों पर नजर रखी। थर्सडे शाम पुलिस को सूचना मिली कि दो संदिग्ध बस अड्डे के पीछे की तरफ देखे गये हैं। पुलिस ने तुरंत छापामार कर दोनों की तलाशी ली तो उनके पास से 33,500 रुपये नकद और डबल सिंह रावत का आधार कार्ड बरामद हुआ। पूछताछ मे पता चला कि दोनों सगे भाई हैं और जिला गोड्डा, झारखंड के रहने वाले है। एक का नाम अमजद और दूसरे का नाम कबीर अंसारी बताया गया।

महिलाएं-बुजुर्ग निशाने पर
आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वे दोनों भाई पैसे कमाने के लिए ठगी करते थे। साधु का वेश बनाकर वे खासतौर पर बुजुर्गों और महिलाओं को निशाना बनाते थे। यह पता चलने पर कि उनके पास नकदी या कीमती सामान है तो वह किसी बहाने उन्हें रोकते थे और पारिवारिक कलह या बीमारी आदि से छुटकारा दिलाने का उपाय करने के नाम पर बातों में लगा देते थे। इसी बीच उनका बैग या पर्स उड़ा लेते थे। तीन पहले डबल सिंह रावत से ठगी गई नकदी बदमाशों से बरामद हो गई। बैग में रखे कागजात और कपड़े उन्होंने नाली में फेंक दिये थे।