-'गाड़ी खरीदें, किश्तें देंगे हम' के जरिए लोगों को बनाया शिकार

-लॉकडाउन में फंसे तो कमाई के लिए बनाया ठगी का प्लान

देहरादून,

सस्ती कार दिलाने का झांसा देकर लाखों की धोखाधड़ी के आरोप में पुलिस ने दो आरोपियों को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। जबकि गिरोह का सरगना फरार है। आरोपियों ने इंटरनेशनल एडवरटाइजिंग कंपनी का बोर्ड लगाकर ऑफिस खोला और अखबार आदि के माध्यम से 'गाड़ी खरीदें, किश्तें देंगे हम' का विज्ञापन दिया। जिसमें दावा किया गया कि कंपनी के माध्यम से ग्राहक अपनी मनपसंद गाड़ी उसकी कीमत का महज 20 परसेंट भुगतान करके प्राप्त सकते हैं। बाकी की 80 परसेंट कीमत का भुगतान कंपनी खुद करेगी। जिसके बदले ग्राहकों को पांच साल तक प्रचार के लिए कंपनी का लोगो वाहन पर लगाना होगा।

कार देने का किया वादा, पैसे लेकर हो गए फरार

कप्तान अरुण मोहन जोशी ने बताया कि सहसपुर के शेरपुर में रहने वाले अहसान ने उदित, सोहेल और राघव के खिलाफ पुलिस से धोखाधड़ी की कंप्लेन की थी। उन्होंने बताया कि आरोपियों ने सस्ती कार दिलाने का झांसा देकर उनसे और उनके छह परिचितों से 11.73 लाख रुपये ठग लिए हैं। अहसान ने विज्ञापन देखकर युवकों से संपर्क किया। साथ ही अपने परिचितों को भी उनसे मिलवाया। आरोपियों ने अहसान से दो लाख रुपये, जबकि उसके परिचितों से कार की कीमत के अनुसार अलग-अलग धनराशि ली। इसमें कार बुकिंग के 11-11 हजार रुपये भी शामिल थे। सभी को नौ जुलाई को कार देने का वादा किया गया था। लेकिन, इससे पहले सभी फरार हो गए।

दुकान लेकर खोल दिया ऑफिस

कप्तान अरुण मोहन जोशी ने बताया कि जम्मू के नानकनगर में रहने वाला उदित चड्ढा, गुर्जर नगर निवासी सोहेल और कैनाल रोड निवासी राघव गुप्ता बीती नौ मार्च को मसूरी घूमने आए थे। तीनों यहां एक होटल में रुके थे। 22 मार्च को लॉकडाउन होने के बाद तीनों यहीं फंस गए। कुछ दिन तो वह होटल में ही रहे, लेकिन लॉकडाउन बढ़ने और होटल बंद होने पर युवकों ने सेवलाकलां में फ्लैट किराये पर ले लिया। जब पैसे खत्म होने लगे तो उन्होंने ठगी की योजना बनाई। जून में अनलॉक होते ही आरोपियों ने राजपुर रोड स्थित अपार्टमेंट नीलकंठ आर्किड में 20 हजार रुपये किराये पर एक दुकान ली। इसके बाद लोगों को चूना लगाया।