देहरादून (ब्यूरो)।एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया गया कि सैटरडे को सूचना मिली थी कि सहस्रधारा रोड की अमित विहार कॉलोनी के एक मकान में कुछ लोग जरूरतमंदों को फोन कर प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के तहत लोन लेने के लिए कह रहे हैं। झांसे में आ जाने वाले लोगों से इंश्योरेंस के नाम पर 2000 रुपये और रिफंडेबल मनी के के रूप में आरटीजीएस के तहत 5000 रुपये से लेकर 10,000 तक की मांग कर रहे हैं। वे क्यूआर कोड को व्हाट्सएप के माध्यम से भेज कर लोगों से वसूली कर रहे हैं। सूचना की तसदीक करने के बाद एसटीएफ की टीम ने बताये गये पते पर देर रात छापा मारा। मौके से एक महिला सहित तीन तीन गिरफ्तार किये गये।
गिरफ्तार आरोपी
- निशात शर्मा पुत्र विनोद शर्मा, निवासी एच 111 कुंवर सिंह नगर, नागलोई, दिल्ली।
- टुनटुन कुमार पुत्र रविंद्र राम, निवासी ग्राम बिरजूमिल्की थाना हरनौत नालंदा बिहार।
- मेघा शर्मा पुत्री राहुल शर्मा, निवासी सुल्तानपुरी, नागलोई दिल्ली।

बरामद सामान
13 मोबाइल फोन
6 पासबुक
4 सिम कार्ड
1 लैपटॉप

ऐसे देते थे झांसा
पकड़ा गया ठग गिरोह सबसे पहले फेसबुक में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना और मुद्रा लोन के बारे में विज्ञापन डालता था। उसके बाद जाली दस्तावेज से लिये गये नंबर से लोगों को कॉल की जाती थी। जरूरतमंद लोग इन नंबरों पर बात करते तो उनका आधार कार्ड, बैंक डिटेल और छोटी मोटी संपत्ति की जानकारी लेते थे। इससे लोगों को यकीन हो जाता था कि उन्हें प्रधानमंत्री मुद्रा योजना से लोन मिल जाएगा। इसके बाद आरोपी उनसे प्रोसेसिंग फीस और इंश्योरेंस के नाम पर पहले 2000 रुपये लेते थे। उसके बाद मैसेज कर लोन एप्रूव हो चुका है। लोन की किस्त की देने की एवज में लोगों से 5200 रुपए से लेकर 10 रुपए तक रिफंडेबल पेमेंट बताकर ले लिये जाते थे। यह रकम फर्जी मोबाइल नंबरों के व्हाट्सएप से क्यूआर कोड भेज कर ली जाती थी। बताया जाता था कि रिफंडेबल रकम 45 दिन बाद रिफंड होगी। इसके बाद उस नंबर को बंद कर देते थे।

लालच देकर गरीबों के खाते खुलवाये
एसटीएफ के अनुसार यह गिरोह ठगी से वसूली गई रकम को जमा करने के लिए भी जरूरतमंद गरीबों का सहारा लेते थे। ऐसे लोगों को झांसा देकर बैंक में उनका अकाउंट खुलवा देते थे और पासबुक वे एसटीएम कार्ड अपने पास रख लेते थे। जब किसी अकाउंट में ठगी की रकम जमा होती तो एटीएम के जरिये रकम निकाल लेते और अकाउंट बंद कर देते थे। एसटीएफ के अनुसार गिरोह ने लोगों से 5000 रुपए से लेकर 10000 रुपए में खाते खुलवाए और बाद में उस रकम को भी ले लिया। एसटीएफ के अनुसार इस मामले में अभी कई और खुलासे होने की संभावना है।

ठगी का तरीका
- फोन कर प्रधानमंत्री मुद्रा लोन की जानकारी देना।
- लोगों को लोन लेने के कहना। कुछ डिटेल्स मांगकर विश्वास हासिल करना।
- प्रोसेस के नाम पर 2000 रुपये वसूल करना
- लोन एप्रूव होने का मैसेज भेजना और इंश्योरेंस के नाम पर 10 हजार वसूलना।
- इस रकम को किसी जरूरतमंद के खाते में डलवाना, जिसका खाता खोलकर एटीएम अपने पास रखते थे।
- खाते में रकम जमा होते ही एटीएम से रकम निकालना। मोबाइल नंबर बंद कर देना।