दून का ऐतिहासिक स्थल है फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट

लॉकडाउन में हुआ 21 लाख का लॉस

-करीब 63 हजार विजिटर्स पहुंचते सौ से अधिक दिनों में यहां

-एक दिन में करीब छह सौ विजिटर्स करते हैं यहां की ओर रुख

देहरादून।

दून का ऐतिहासिक एफआरआई अपने इतिहास में पहली बार सौ से अधिक दिनों के लिए लॉक हुआ है। इस लॉकडाउन में 63 हजार विजिटर्स के यहां पहुंचने से 21 लाख का रेवेन्यू लॉस हो गया। हमेशा गुलजार रहने वाला फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट इन दिनों वीरान पड़ा है। पिछले सौ दिनों से यहां न कोई विजिटर पहुंचा, न किसी गाड़ी को यहां एंट्री दी गई।

15 मार्च से बंद

एफआरआई में कोरोना पॉजिटिव पेशेंट मिलने के बाद से यहां 15 मार्च को लॉकडाउन कर दिया गया था। 28 दिनों तक ये बंद रहा। इसके बाद अंदर के लोगों को भले ही बाहर आने के लिए गेट खुला लेकिन विजिटर्स के लिए लगातार एंट्री तब से बंद की हुई है। इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जबकि इसे इतने लंबे समय के लिए बंद रखा गया है।

1906 की है स्थापना

इस संस्थान की स्थापना वर्ष 1906 में हुई थी। ये अपनी तरह के सबसे पुराने संस्थानों में एक है। देश में वानिकी शोध के क्षेत्र में ये एक प्रमुख संस्थान है। वर्ष 1991 में इसे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से डीम्ड घोषित कर दिया गया। ये संस्थान 4.5 किमी के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। इसके मुख्य भवन का वास्तुशिल्प यूनानी-रोमन और औपनिवेशिक शैली में बना हुआ है।

यहां प्रयोगशालाएं, एक पुस्तकालय, वनस्पति संग्राहलय, वनस्पति-वाटिका मुद्रण-यंत्र और प्रयोगिक मैदानी क्षेत्र हैं। जिन पर वानिकी शोध किया जाता है। इसके संग्रहालय वैज्ञानिक जानकारी के साथ ही पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र हैं। इसके नॉर्थ में दून छावनी, साउथ में भारतीय सैन्य अकादमी है। घंटाघर से इसकी दूरी सात किमी है। भारतीय वन सेवा के अधिकारियों को यहां ट्रेनिंग दी जाती है। यहां वानिकी संग्रहालय भी है।

इस संग्राहलय में ये छह अनुभाग हैं

पैथोलॉजी संग्राहलय

सामाजिक वानिकी संग्राहलय

वन-वर्धन संग्राहलय

लकड़ी संग्राहलय

अकाष्ठ वन उत्पाद संग्राहलय

कीटविज्ञान संग्राहलय

एक दिन में छह सौ विजिटर्स

एफआरआई में एक दिन के विजिटर्स की संख्या पर गौर फरमाएं तो यहां एक ही दिन में करीब छह सौ विजिटर्स आते हैं। वहीं मई-जून में इनकी संख्या कई बार आठ सौ तक भी पहुंच जाती है। इन विजिटर्स से आने वाला एक महीने का रेवेन्यू ही छह लाख तक होता है। इस बार तो सौ से अधिक दिनों से विजिटर्स की एंट्री बंद है। ऐसे में एफआरआई को इसका लॉस भी झेलना पड़ रहा है।

जरूरी है कर्मचारियों की सेफ्टी

हालांकि एफआरआई अधिकारियों का कहना है कि कोरोना के समय में अपने कर्मचारियों की सेफ्टी जरूरी है। एफआरआई कैंपस में ही सात सौ फैमिली रहती हैं। उनका प्रोटेक्शन बेहद जरूरी है। ऐसे में विजिटर्स की एंट्री बंद करना जरूरी है।

अपने कर्मचारियों और उनके परिवार की सेफ्टी को देखते हुए विजिटर्स की टोटल एंट्री बंद की हुई है। जो कि जरूरी है। अपने इतिहास में पहली बार संस्थान इतने लंबे समय के लिए विजिटर्स के लिए बंद किया गया है।

नीलिमा शाह, रजिस्ट्रार एफआरआई