- कुंभ मेला क्षेत्र में 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने लगाई पुण्य की डुबकी

- चैत्र पूर्णिमा पर 27 अप्रैल को होगा कुंभ का अंतिम शाही स्नान

HARIDWAR: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील का असर रामनवमी के स्नान में भी नजर आया। हरिद्वार में हरकी पैड़ी सहित सभी गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की संख्या सीमित रही। आस्था और उल्लास के बीच गंगा के जयकारों के साथ श्रद्धालुओं ने गंगा में पुण्य की डुबकी लगाई। रामनवमी पर्व स्नान में अखाड़े भाग नहीं लेते हैं, इसलिए साधु- संतों ने भी इससे दूरी बनाए रखी। शाम साढ़े चार बजे तक कुंभ मेला क्षेत्र में 50 हजार से ज्यादा श्रद्धालु स्नान कर चुके थे। अब कुंभ का अंतिम शाही स्नान 27 अप्रैल को चैत्र पूर्णिमा के दिन होगा।

प्रतीकात्मक रखा जाएगा शाही स्नान

बीते शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संतों से आग्रह किया था कि कोरोना को देखते हुए पर्व और शाही स्नान को प्रतीकात्मक रखा जाए। इसका असर अखाड़ों पर तो नजर आया ही, श्रद्धालुओं में सजगता दिखायी दी। हालांकि श्रद्धालु तड़के चार बजे से ही हरकी पैड़ी पहुंचना शुरू हो गए थे, लेकिन उनकी संख्या बेहद कम थी। पिछली बार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन 13 अप्रैल को साढ़े चार लाख श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान किया था। श्रद्धालुओं ने कोविड गाइड लाइन भी पालन किया। रामनवमी पर स्नान के बाद हवन, दान व धार्मिक अनुष्ठान भी किए गए। स्नान का सिलसिला शाम तक जारी रहा। भीड़ कम रहने से पुलिस को व्यवस्था संभालने में अधिक मशक्कत नहीं करनी पड़ी। बावजूद इसके मेला पुलिस की ओर से चाकचौबंद व्यवस्था की गई थी। सीसीटीवी कैमरों के साथ ही चार ड्रोन के के जरिये आसमान से भी निगरानी की जा रही थी।