- राज्यस्तरीय पर्यावरण सेल गठित, हर जिले में बनेगी पर्यावरण संबंधी समिति

DEHRADUN: गंगा को उसके उद्गम स्थल गंगोत्री से लेकर ऋषिकेश तक प्रदूषण से निजात मिल गई है। 29 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट चालू किए जाने के बाद इस क्षेत्र तक गंगा जल साफ और पीने योग्य हो गया है। कुंभ तक हरिद्वार तक इसे पीने योग्य बनाया जाएगा। प्रदेश सरकार ने एनजीटी के निर्देशों पर अहम फैसला लेते हुए प्रत्येक जिले में पर्यावरण संबंधी समिति गठित करने का फैसला लिया है।

कूड़ा प्रबंधन के 17 प्रोजेक्ट मंजूर

मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बताया कि गंगा को निर्मल बनाने के अभियान के तहत कुल बनाए जा रहे 32 सीवरेट ट्रीटमेंट प्लांट में 29 को पूरा कर फंक्शनल किया जा चुका है। शेष तीन में दो का कार्य दिसंबर और एक का कार्य आगामी मार्च माह तक पूरा होगा। गंगा का जल गंगोत्री से ऋषिकेश तक स्वच्छ और पीने योग्य है। सीएस ने कहा कि राज्य की सीमा तक यह जल नहाने योग्य है। सरकार प्रयास कर रही है कि हरिद्वार में होने वाले कुंभ मेले तक यह जल शुद्ध बना रहे। केंद्र सरकार ने राज्य में गंगा के तटवर्ती शहरों के लिए ठोस कूड़ा प्रबंधन के 17 प्रोजेक्ट मंजूर किए हैं। इनके लिए धनराशि की पहली किस्त जारी की गई है। इन प्रोजेक्ट में एक माह के भीतर कार्य शुरू होगा। उन्होंने बताया एनजीटी के आदेशों पर अमल किया जा रहा है।