- सरकारी स्कूलों के कैंपस में घास और झाडि़यों की भरमार, कई स्कूलों में रह रहा स्टाफ

- मंडे से स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई शुरू करने की तैयारी, टीचर्स को ऑर्डर

देहरादून,

कोरोनाकाल में पढ़ाई ही नहीं स्कूलों के हालात भी बदतर हो गए हैं। महीनों से बंद पड़े कई स्कूलों में जहां लंबी-लंबी घास उग आई है, तो वहीं कुछ स्कूल स्टाफ का आसरा बने हुए हैं। जिससे स्कूल प्रबंधन के अलावा मंडे से स्कूलों में पढ़ाई का माहौल तैयार करने का दावा कर रहे शिक्षा विभाग पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

स्कूल कैंपस बन गया जंगल

एजुकेशन मिनिस्टर के निर्देश के बाद गवर्नमेंट स्कूलों में मंडे से पढ़ाई को पटरी पर लाने की तैयारी है। सबसे पहले टीचर्स को स्कूल आकर ऑनलाइन क्लास लेने के ऑर्डर जारी हो चुके हैं। साफ है कि स्कूल से ही अब क्लासेज लगेंगी। हालांकि अभी बच्चों को स्कूल आने के लिए नहीं कहा गया है। लेकिन गवर्नमेंट स्कूलों के कैंपस में हर तरफ घास और झाडि़यां उग आई हैं। इतना ही नहीं बिल्डिंग के मेंटेनेंस को लेकर भी स्कूल प्रबंधन लापरवाह बने हैं। महीनों बाद खुल रहे स्कूलों में आकर टीचर्स पहले ऑनलाइन क्लासेज लेंगे या फिर सफाई अभियान चलाएंगे। इसके लिए भी स्कूल प्रबंधन को तैयार रहना होगा। कई स्कूलों में तो स्कूल की देखरेख के लिए स्टाफ ने स्कूल को अपना आसरा बनाया हुआ है। जहां वे अपने पूरे परिवार के साथ रह रहे हैं। ऐसे में स्कूल में पढ़ाई का माहौल कैसे तैयार होगा। इसका जवाब भी शिक्षा विभाग को तलाशना होगा।

स्कूल को बना लिया घर

मंडे से टीचर्स को स्कूल बुलाने के ऑर्डर जारी होने और स्कूलों की तैयारियों को लेकर डीजे आई नेक्स्ट ने जब सरकारी स्कूलों का रियलटी चेक किया तो हर स्कूल की तस्वीर अलग ही नजर आई। मेन रोड पर स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय माजरा प्रथम में सड़क से ही धूप में कपड़े फैलाए हुए नजर आए। जानकारी ली तो पता चला कि स्कूल की देखरेख के लिए एक स्टाफ का परिवार रह रहा हैं। स्कूल कैंपस में साफ-सफाई तो नजर आई लेकिन जगह-जगह निर्माण सामग्री भी बिखरी मिली।

कैंपस बना तालाब

बंजारावाला स्थित प्राथमिक विद्यालय और इंटर कॉलेज कैंपस में हर तरफ घास और झाडि़यों की भरमार मिली। स्कूल कैंपस की कब से साफ सफाई नहीं हुई इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हैंडपंप भी अब घास के नीचे नजर आ रहा है। इसके अलावा कैंपस में बने टॉयलेट तक पहुंचना आसान नहीं है। इंटर कॉलेज के कैंपस का नजारा भी कुछ डरावना सा नजर आया। हर तरफ घास और झाडि़यों के अलावा कैंपस में पानी भरा हुआ नजर आया, जो कि एक ही बारिश में तालाब बन रहा है।

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मंडे से टीचर्स को स्कूल आकर ही ऑनलाइन क्लास लेनी है। ऐसे में स्कूल कैंपस की परेशानियों को भी दूर किया जाएगा। जो अव्यवस्थाएं स्कूलों में हैं, उन्हें सुधारने के निर्देश दिए गए हैं।

आशारानी पैन्यूली, सीईओ, देहरादून