- स्मार्ट कलेक्ट्रेट की ग्रीन बि¨ल्डग की जमीन का मामला कोर्ट की कार्यवाही में उलझा
- रोडवेज वर्कशॉप की जमीन में बनाई जानी है प्रस्तावित है कलेक्ट्रेट बि¨ल्डग
- डीएससीएल 6 मंजिला बि¨ल्डग का खाका पहले ही कर चुका है तैयार
देहरादून
देहरादून स्मार्ट सिटी बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है, लेकिन स्मार्ट सिटी के स्मार्ट ग्रीन कलेक्ट्रेट का मामला अधर में लटक गया है। स्मार्ट कलेक्ट्रेट की ग्रीन बि¨ल्डग रोडवेज वर्कशॉप की जिस जमीन पर प्रस्तावित है, उस जमीन का मामला कोर्ट कार्यवाही में फंस गया है। कोर्ट का फैसला आने या दोनों पक्षों में कोई आम सहमति बनने तक इस मामले में आगे काम पूरी तरह से बंद है। यदि जल्द कोई फैसला न हुआ तो स्मार्ट सिटी के कलेक्ट्रेट को सौ साल से भी पुरानी बेहाल और अनसेफ बि¨ल्डग्स में ही चलाना पड़ेगा।
क्या है विवाद
स्मार्ट कलेक्ट्रेट की ग्रीन बि¨ल्डग जिस लैंड पर बनानी प्रस्तावित है, वहां फिलहाल रोडवेज की वर्कशॉप है। रोडवेज कर्मचारी यूनियन इस जमीन को प्रशासन को सौंपने का विरोध करती रही है। यूनियन ने इस जमीन के बदले कुछ शर्तें रखी थी। शर्तें नहीं मानी गई तो यूनियन लैंड के मामले को कोर्ट में ले गई। कोर्ट में मामला लंबा ¨खचने की आशंका है। ऐसे में स्मार्ट कलेक्ट्रेट फिलहाल दूर की कौड़ी नजर आ रहा है।
100 साल पुरानी कलेक्ट्रेट बिल्डिंग
फिलहाल देहरादून के कलेक्ट्रेट ऑफिसेस जिन बि¨ल्डग्स में चल रहे हैं, उनमें ज्यादातर अंग्रेजों के दौर में बनी हुई हैं। इनमें ज्यादातर बि¨ल्डग्स अब बेहद जीर्ण-शीर्ण हालत में हैं और अनसेफ हो चुकी हैं। डीएम के ऑफिस वाली बि¨ल्डग्स को पेंट आदि करके कुछ ठीक किया गया है, लेकिन यह बि¨ल्डग भी पूरी तरह से अनसेफ हो चुकी है। कलेक्ट्रेट की अन्य बि¨ल्डग्स की भी यही स्थिति है। उन्हें किसी तरह रिपेयर करके काम चलाने लायक बनाया गया है।
7 फ्लोर की होगी प्रस्तावित बि¨ल्डग
- बेसमेंट और 6 फ्लोर होंगे
- हाईटेक बिल्डिंग होगी ईको फ्रैंडली
- सोलर पावर का होगा यूज
- रेन वाटर हार्वे¨स्टग प्लांट लगेगा
सिक्योरिटी फीचर्स भी मॉडर्न
- सेफ्टी टर्न स्टाइल सिस्टम
- एक्सेस कंट्रोल सिस्टम
- सीसीटीवी सिस्टम
- इंट्रयूडर अलार्म सिस्टम
- पेरिमीटर सिक्योरिटी सिस्टम
- फायर डिटेक्टर सिस्टम
किस फ्लोर पर क्या होगा
ग्राउंड फ्लोर: प्रवेश, सुरक्षा जांच, हेल्प डेस्क, रजिस्ट्रेशन, ओपन स्टिल्ट स्पेस, ट्रेजरी, बैंक, पोस्ट ऑफिस, एटीएम, कैंटीन, फार्मेसी, मी¨टग रूम, आदि।
फर्स्ट फ्लोर: डीएम ऑफिस, कमिश्नर, सभी कोर्ट, ग्राम विकास, मी¨टग रूम, वे¨टग रूम आदि।
सेकेंड फ्लोर: विकास भवन, राजस्व विभाग, विशेष भूमि अधिपति अधिकारी, रिकॉर्ड रूम आदि।
थर्ड फ्लोर: नजारत, इलेक्शन, कर्मचारी कल्याण, पंचायत इलेक्शन, भूलेख अनुभाग, अंदोलन अधिकारी, खनन विभाग, लाइब्रेरी आदि।
फोर्थ फ्लोर: निबन्धक, अर्थ एवं सांख्यिकी आदि।
फिफ्थ फ्लोर: फूड एंड सप्लाई, आबकरी विभाग, पशु चिकित्सा, एग्रीकल्चर, इरिगेशन, समाज कल्याण, उद्योग, डेयरी, मशरूम विकास, आदि।
सिक्थ फ्लोर: खादी ग्रामोद्योग, विधि, ग्रामीण निर्माण, सभागार, कैफे आदि।
सेवंथ फ्लोर: सभागार, मशीन कक्ष।
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हमारी तरफ से सभी तैयारियां पूरी हैं। लैंड का मसला सुलझते ही ग्रीन बि¨ल्डग का काम तेजी के साथ शुरू कर दिया जाएगा।
अशोक नेगी, एजीएम सिविल
डीएससीएल