-कांटों से भरी हरित पट्टी बनाने की राह

-बिंदाल और रिस्पना के किनारे बननी है हरित पट्टी

-एमडीडीए में मलिन बस्ती को हटाने को लेकर संशय

-मलिन बस्ती को सस्ते घर के लिए तलाशी जा रही जमीन

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DEHRADUN रिस्पना और बिंदाल नदी के किनारे हरित पट्टी बनाने की योजना फिलहाल हवा में ही है। एक ओर मलिन बस्ती को हटाकर उन्हें सस्ते आवास उपलब्ध कराने की तैयारी की जा रही है, वहीं दूसरी ओर इसके लिए भी सर्वे चल रहा है कि किसी तरह मलिन बस्ती हटाए बिना ही हरित पट्टी के लिए जमीन उपलब्ध हो जाए। ऐसे में अभी तक यह तक निर्धारित नहीं हो सका है कि हरित पट्टी बननी कहां है। वहीं दूसरी ओर एमडीडीए रिवर फ्रंट डेवलपमेंट योजना के तहत मॉडल तैयार करके खुद पीठ थपथपाने में लगा है।

नदी को प्रदूषण मुक्त आसान नहीं

एमडीडीए के सामने सबसे बड़ी समस्या रिस्पना और बिंदाल नदी को उसके सही स्वरूप में लाना है। वर्तमान में नदी में प्रदूषण बहुत है, वहीं दोनों ही नदियां नाला बनकर रह गई हैं। शहर का सीवर नदियों में गिर रहा है, उसे रोकना सबसे बड़ी परेशानी है। हालांकि एमडीडीए चैक डैम बनाकर पानी रोकने, बाढ़ नियंत्रित करने और फिर प्रदूषण कम करने के उपाय तलाशने का दावा कर रहा है, लेकिन अभी तक इसकी कोई ठोस रणनीति नहीं बनाई जा सकी है।

जमीन की तलाश

बिंदाल और रिस्पना नदी के किनारे रह रहे लोगों को हटाना एमडीडीए के लिए आसान नहीं है। इस मामले को लेकर पहले भी राजनीतिकरण हो चुका है। ये लोग कई-कई सालों से नदियों के किनारे घर बनाकर रह रहे हैं और शहर से बाहर बनाए जाने वाले एमडीडीए के घरों में जाने के लिए आसानी से तैयार नहीं होंगे। ऐसे में एमडीडीए के सामने जमीन को लेकर परेश्ानी आएगी।

निशुल्क नहीं रहेंगे एमडीडीए के घर

बिंदाल और रिस्पना नदी के किनारे से हटाए जाने वाले लोगों को एमडीडीए निशुल्क घर नहीं देगी, बल्कि सस्ते दामों पर घर उपलब्ध कराएगी। इनकी कीमत क्या होगी, यह एमडीडीए ने अभी तक निर्धारित नहीं किया है। ऐसे में अपने घर छोड़कर एमडीडीए से पैसों में घर लेने में कई परिवार विरोध कर सकते हैं। जिससे एमडीडीए के सामने परेशानी आएगी।

करीब ढ़ाई हजार परिवार हटाने पडे़ंगे

एमडीडीए को रिस्पना और बिंदाल नदी के किनारे से करीब ढ़ाई हजार परिवार को हटाना पडे़गा। यह अभी एक आंकड़ा है, इसके लिए हाउस होल्ड सर्वे चल रहा है। ऐसे में ढ़ाई हजार परिवार शहर के बीच की जमीन छोड़ने को मान जाए, इसके आसार कम ही नजर आ रहे हैं। वहीं एमडीडीए हरिद्वार बाईपास, किशनपुर पुलिया के पास जमीन पर घर बनाकर इन्हें विस्थापित करने की तैयारी कर रहा है।

ढ़ाई किमी में होगी हरित पट्टी

पायलेट प्रोजेक्ट देख रहे प्रोजेक्ट मैनेजर इंजीनियर राजीव रंजन कहते हैं कि तकनीकी स्टडी का काम चल रहा है। नदी के ढ़ाई किलोमीटर क्षेत्र में हरित पट्टी बनाई जाएगी। नदी को प्रदूषण मुक्त बनाया जाएगा। इसके लिए क्या किया जा सकता है, इसका ही सर्वे चल रहा है।

परेशानी न हो, इसलिए हाे रहा सर्वे

हरित पट्टी पायलेट प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए किसी तरह की कसर नहीं छोड़ी जाएगी। परेशानियां न हो, इसके लिए सभी सर्वे कराए जा रहे हैं। सर्वे पूरे होने के बाद ही इस पर काम शुरू किया जाएगा।

---पीसी दुमका, सचिव एमडीडीए

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