देहरादून (ब्यूरो) दरअसल, आप अपने जिन बालों की सेटिंग व कटिंग के लिए सैलून के पास महीने या फिर दो महीने में पहुंचते हैं। वे बाल बेशकीमती हैं। ये सच्चाई है। अब ऐसे बालोंं की लगातार डिमांड बढ़ती जा रही है। जानकारों की मानें तो दून में सैकड़ों की तादाद में मौजूद सैलून में से करीब 40 ऐसे बड़े सैलून हैं, जहां से हर रोज लोगों के सिर से रिमूव किए गए बाल कलेक्ट किए जाते हैं। मसलन, सैलून एक्सपट्र्स की मानें तो बालों के कारोबार से जुड़े कारोबारी रोजाना बाल की सेल कर हजारों की कमाई कर रहे हैं।

बाल कलेक्ट करने को लगाते हैं ग्रुप चक्कर
सैलून एक्सपट्र्स के मुताबिक दूसरे शहरों की तर्ज पर दून में भी इन बालों को कलेक्ट करने वाले ग्रुप लगातार चक्कर लगाते हैं, जो सिटी के तमाम सैलून से रोज करीब 40 से 50 किग्रा मात्रा में रिमूव किए गए बाल एकट्ठा करते हैं। इस प्रकार का ये काम बड़ी मेहनत का कार्य है। इसके बाद बालों की क्वालिटी, कलर व लंबाई के आधार पर बालों को न केवल सैपरेट किया जाता है। बल्कि, इसके बाद कलेक्ट किए गए इन बालों को कोलकाता की फैक्ट्रियों के लिए रवाना कर दिया जाता है। जहां उन्हें रि-साइकिल कर सेल के लिए मार्केट में उतारा जाता है।

बालों से बनते हैैं ये प्रोडक्ट
-विग
-एक्सटेंशन
-शू ब्रश
-आई लैशेज
-मेकअप ब्रश
-स्टैच्यू विग

बालों की इंपोर्टेंस
जानकार बताते हैं कि देश के कोलकाता, चेन्नई जैसे मेट्रो सिटीज में बालों की रि-साइकिलिंग का बड़ा कारोबार है। दून से भी ऐसे बालों को कलेक्ट कर इन शहरों की मार्केट तक पहुंचाया जाता है। जिसके बाद एक नहीं, तमाम प्रकार के प्रोडक्ट्स तैयार कर मार्केट में लाए जाते हैैं। खास बात ये है कि जो बाल यूजलैस होते हैं। उन्हें मिट्टी में मिलाया जाता है। इससे मिट्टी की फर्टिलिटी बढ़ती है। बालों में नाइट्रोजन, सल्फर और कार्बन जैसे जरूरी पोषक तत्व होते हैं, जो मिट्टïी की सेहत सुधारते हैैं।

जितने लंबे बाल, उतनी अच्छी कीमत
बालों का कारोबार करने वाले कारोबारियों की मानें तो बालों की कीमत उनकी लंबाई के आधार पर निर्धारित होती है। जड़ से निकले लंबे बाल 2 हजार प्रति केजी के हिसाब से बिक जाते हैं। जबकि, 8 से 10 इंच वाले बालों की कीमत थोड़ा कम यानि 1 हजार से 500 रुपये प्रति केजी तक रहती है। सैलून संचालकों के मुताबिक 8 से 10 इंच तक के छोटे बालों की डिमांड कम है। इनका यूज शू ब्रश जैसे अन्य कार्यों के लिए किया जाता है।

सैलून ओनर भी बेचते हैं कटे हुए बाल
पटेलनगर स्थित नूर सैलून संचालक के मुताबिक मार्केट में ज्यादातर लोग करीब 6 इंच या उससे बड़े बाल की डिमांड करते हैं। बाल अगर काले रंग के हों, या फिर बेहतर क्वालिटी के हों, तो उनकी अच्छी डिमांड रहती है। लेकिन, कारणवश बाल का रंग दूसरा किया गया हो या फिर बालों पर किसी तरह के कैमिकल का इस्तेमाल किया हो तो उसके प्राइस आधे हो जाते हैं।

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