- रेरा लागू होने के बाद पहली बार बिल्डर्स पर बड़ी कार्रवाई

- नोटिस का जवाब न देने पर निरस्त किए प्रोजेक्ट्स

DEHRADUN: रियल एस्टेट रेग्युलेटिंग एक्ट (रेरा) की अनदेखी करना बिल्डर्स को भारी पड़ा है। लगातार नोटिस देने के बाद भी रेरा में रजिस्ट्रेशन न कराने पर बिल्डर्स और प्रॉपर्टी डीलर्स के पांच प्रोजेक्ट अथॉरिटी ने कैंसिल कर दिए गए हैं। कई और बिल्डर्स भी रेरा अथॉरिटिी के रडार पर हैं। कानून पास होने के बाद पहली बार रेरा अथॉरिटी द्वारा यह कार्रवाई की गई है।

कई और रेरा के रडार पर

रेरा के तहत कैंसिल किए गए प्रोजेक्ट्स में फ्लैट और प्लॉट्स की खरीदारी और बिक्री बैन कर दी गई है। हालांकि, ये सभी प्रोजेक्ट ऊधमसिंहनगर जिले के हैं। लेकिन, दून के कई बिल्डर्स व प्रोपर्टी डीलर्स भी रेरा के रडार पर हैं। जिन्हें पहले ही रेरा की फॉर्मेलिटी पूरी न करने को लेकर नोटिस इश्यू किए जा चुके हैं।

14 पार्टीज को दिए थे नोटिस

रेरा सचिवालय के रूप में काम कर रहे उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण (उडा) के प्रोग्राम मैनेजर केसी पांडे के अनुसार 14 बिल्डर/प्रॉपर्टी डीलर ऐसे थे, जिन्होंने रेरा में पंजीकरण के लिए आवेदन तो किया था, लेकिन पर्याप्त दस्तावेज जमा नहीं कराए गए थे। उन्हें दो बार नोटिस सर्व किए गए, लेकिन जवाब नहीं मिला। आखिरी नोटिस सर्व किए जाने के बाद 9 प्रोजेक्ट संचालकों ने जवाब दाखिल किया, जबकि 5 ने फिर भी जवाब नहीं दिया। इसके बाद रेरा के नियामक प्राधिकारी व सचिव आवास अमित नेगी ने बिल्डर व प्रॉपर्टी डीलर्स के प्रोजेक्ट निरस्त कर दिए।

ये प्रोजेक्ट िकए कैंसिल

-मनोज चंद्र पनेरू(दो)

-विजय भूषण गर्ग।

- मुखित्यार सिंह

-लाल जी गोपीनाथ इंफ्राटेक्ट प्रा.लि।

(नोट:-ये सभी उधमसिंहनगर के हैं.)