- बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे दूसरे दिन भी बंद

-चार सौ से ज्यादा गांव में बिजली आपूर्ति बाधित

DEHRADUN: उत्तराखंड में बारिश और बर्फबारी का दौर थम गया, लेकिन दुश्वारियों का सिलसिला जारी है। प्रदेश के हिल एरियाज में 300 से ज्यादा गांव अलग-थलग पड़ गए हैं और 440 गांवों में बिजली आपूर्ति ठप है। भारी बर्फबारी के बाद बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और पिथौरागढ़ हाईवे के अलावा 80 से अधिक संपर्क मार्ग भी बंद हैं। 70 जेसीबी मशीनों की सहायता से सड़कों से बर्फ हटाने का कार्य जारी है।

धूप खिलने से मिली राहत

शनिवार सुबह धूप खिलने से लोगों ने राहत की सांस ली, लेकिन बर्फीली हवा बेचैन करती रही। बद्रीनाथ और केदारनाथ में पांच से छह फीट बर्फ की चादर बिछी हुई है। उत्तरकाशी की गंगा और यमुना घाटी के साथ ही चमोली की नीती-माणा व रुद्रप्रयाग की केदार घाटी बर्फ से ढक गई है। चमोली में 135, उत्तरकाशी में 35 और देहरादून जिले के चकराता क्षेत्र में 30 से ज्यादा गांव बर्फबारी के कारण जिला मुख्यालयों से कटे हुए हैं। टिहरी, पौड़ी और रुद्रप्रयाग में भी करीब 40 गांवों की स्थिति ऐसी ही है। प्रशासन की प्राथमिकता आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुचारु रखना है। इसके लिए सड़कों से बर्फ हटाने का कार्य जारी है। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि आने वाले दिनों में मौसम साफ रहेगा, लेकिन इस दौरान शीतलहर चल सकती है।

उत्तरकाशी जिले के हर्षिल में फंसे 25 पर्यटक

बर्फबारी का लुत्फ उठाने 11 दिसंबर को हर्षिल पहुंचे 25 पर्यटक गंगोत्री हाईवे बंद होने के कारण वहीं फंस गए हैं। उत्तरकाशी से हर्षिल की दूरी करीब 75 किलोमीटर है और हाईवे पर सुक्की टॉप के पास भारी मात्रा में बर्फ जमा है। उत्तरकाशी के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि सभी पर्यटक अपने-अपने होटल में सुरक्षित हैं। मार्ग खोलने के लिए जेसीवी मशीनें लगाई गई हैं। रविवार तक हाईवे पर आवागमन बहाल हो जाएगा।