- शहर के सबसे बड़े पल्टन बाजार में प्रशासन की अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई हो रही फेल
- फुटपाथ पूरी तरह व्यापारियों के कब्जे में, सड़क भी फड़ वालों को दे रहे भाड़े में

देहरादून (ब्यूरो): आपको हैरानी होगी यहां व्यापारी दुकानों के बाहर फुटपाथ और सड़क को फड़ व्यापार को देने के लिए बोली लगाते हैं। एक फड़ व्यापारी ने नाम प्रकाशित न करने पर शर्त पर बताया कि एक दिन के लिए व्यापारी अपने आगे के फुटपाथ और सड़क के 500 से लेकर 1500 रुपये तक का किराया लेते हैं। सरकारी संपत्ति को भाड़े पर देकर व्यापारी मोटा पैसा कमा रहे हैं। फुटपाथ कपड़े, बर्तन और अन्य सामान भरा पड़ा रहता है, तो सड़क पर तख्त लगाकर सामान बेचा जा रहा है। यहां तक कि दोपहिया वाहनों के ऊपर भी जूते-कपड़े का फड़ व्यापार चल रहा है। दोनों साइड वाहन खड़े होने से लोगों को चलने के लिए जगह नहीं मिलने से लोग धक्का-मुक्की खाने को मजबूर हैं।

कोतवाली से लेकर घंटाघर तक दिन में नहीं दिखते फुटपाथ
फुटपाथ और सड़क कब्जाने वाले व्यापारियों के खिलाफ करने में कोतवाली पुलिस भी नतमस्तक है। दिलचस्प बात यह है फुटपाथ पर कब्जे के साथ सड़क पर फड़ व्यापार सबसे ज्यादा कोतवाली गेट से लेकर घंटाघर तक लगता है, लेकिन मजाल क्या कि पुलिस इस पर कार्रवाई करे। इसके पीछे पुलिस की मजबूरी बताने की शायद जरूरत नहीं है। क्या पुलिस को पल्टन बाजार से फुटपाथ और सड़क से अतिक्रमण हटाने का अधिकार नहीं। ऐसा नहीं है। व्यापारियों में कानून का कोई खौफ नहीं है। इससे साफ तौर पर समझा जा सकता है कि पुलिस का व्यापारियों के साथ क्या संबंध है।

बाजार खुलने के बाद नजर नहीं आते फुटपाथ
पल्टन बाजार में स्मार्ट सिटी के कई काम चले रहें। पल्टन बाजार को दुल्हन की तरह सजाया-संवारा जा रहा है। बाजार एक तरह सा दिखे इसके लिए फसाड कार्य किया गया है। सड़क पर सुंदर टाइल्स बिछाई गई है। इन सबके बीच व्यापारी सुधरने को तैयार नहीं है। बाजार खुलते ही फुटपाथ गायब हो जाते हैं। ऐसा लगता है कि यहां फुटपाथ है ही नहीं, लेकिन जब रात्रि को बाजार बंद होता है, तो फुटपाथ साफ दिखने लगते हैं। इन सबके बीच कुछ व्यापारी फुटपाथों को भाड़े पर देने को गलत बताते हैं। कहते हैं कि व्यवस्था बनाना केवल पुलिस-प्रशासन का काम नहीं है। इसमें व्यापारियों को भी सहयोग करना चाहिए।

अतिक्रमण अभियान का यहां नहीं कोई असर
शहर में पिछले डेढ़ माह से अतिक्रमण हटाओ अभियान चल रहा है, लेकिन यहां अभियान का कोई असर नहीं दिखाई दे रहा है। यहां पहले की तरह फुटपाथ व्यापारियों के कब्जे में है। सड़क पर रोजाना फड़ की मंडी लग रही है। चलने के लिए लोगों को जगह नहीं मिल पा रही है। दुकानों के बाहर वाहनों की पार्किंग है। यहां अतिक्रमण नहीं हटाया जा रहा है, केवल चालान करके अभियन की इतिश्री की जा रही है। पल्टन बाजार से लक्खीबाग चौकी तक फुटपाथ के यही हाल हैं।

पुलिस और नगर निगम पर की कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल
पुलिस की नाक के नीचे अतिक्रमण होना आम बात हो गई है। पुलिस के सामने बेखौफ अतिक्रमण हो रहा है और पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है। यह स्थिति तब है जब कोतवाली इसी बाजार में है और दिनभर यहां पुलिस का मूवेंट रहता है। ऐसे में दूरदराज के बाजारों के क्या हाल होंगे, इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। दुकानदार भूल गए कि फुटपाथ पब्लिक के चलने के लिए भी होते हैं वह फुटपाथ को अपनी जागीर समझ बैठे हैं। पुलिस-प्रशासन इस पर मौन साधे हुए है, जिसका खामियाजा आखिरकार जनता को ही भुगतना पड़ रहा है।

अब तक अतिक्रमण की कार्रवाई पर एक नजर
59.08 करोड़ के चालान काटकर संयुक्त टीम ने की कार्रवाई
1230 जगहों पर हटाया गया अतिक्रमण
4962 चालान किए संयुक्त टीम ने
2069 चालान किए नगर निगम ने
1691 चालान किए आरटीओ ने
1290 चालान किए पुलिस टीम ने

कहीं पर भी फुटपाथ-सड़क पर कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पल्टन बाजार में डेवलपमेंट के कुछ वर्क चल रहे हैं। व्यापारियों से सहयोग मांगा जा रहा है, लेकिन नहीं मानें तो सड़क और नाली निर्माण का कार्य पूरा होनेके बाद पल्टन बाजार में फुटपाथ से कब्जे हटाने को बड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सोनिका, डीएम, देहरादून
dehradun@inext.co.in