- चारधाम यात्रा मामले में सरकार के शपथपत्र पर हाई कोर्ट ने जताई सख्त नाराजगी

- पर्यटन सचिव को फिर लगाई फटकार, कहा-अदालत की आंखों में धूल झोंकने को दाखिल न करें हलफनामा

NAINITAL: कोविड काल में चारधाम यात्रा शुरू करने को लेकर जल्दबाजी में दिख रही सरकार को हाईकोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई है। 22 जून के बाद यात्रा चरणबद्ध रूप से खोले जाने संबंधी सरकार के हलफनामे पर कोर्ट ने कहा कि हलफनामा कोर्ट की आंखों में धूल झोंकने को दाखिल न करें, उसमें सही तथ्य रखें। नीतिगत निर्णय सरकार का काम है। यदि कुंभ की तरह ही चारधाम यात्रा में अव्यवस्था हुई तो कोर्ट हस्तक्षेप करेगा। कोर्ट ने पर्यटन सचिव को फटकार लगाते हुए यात्रा की व्यवस्था, नई एसओपी व रिकार्ड के साथ 21 जून तक नया शपथपत्र पेश करने को कहा है। बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली व सच्चिदानंद डबराल की जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान पर्यटन सचिव दलीप जावलकर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए। कोर्ट ने पर्यटन सचिव को फटकार लगाते हुए कहा कि चारधाम यात्रा कुंभ मेले की तरह नहीं होना चाहिए। कुंभ में सरकार ने मेला शुरू होने से ठीक एक दिन पहले बिना पूरी तैयारी के एसओपी जारी की थी। जिसकी वजह कोरोना फैलने का मौका मिल गया। सरकार की अव्यवस्था के कारण प्रदेश की बदनामी होती है। इन्हीं वजहों से प्रदेश में कोरोना का ग्राफ अधिक बढ़ा। सरकार की कोविड काल में बिना तैयारियों के निर्णय लेने की प्रवृत्ति घातक सिद्ध हो रही है। कुंभ की तरह जल्दबाजी में निर्णय न लें, ताकि राज्य की बदनामी न हो। राज्य को शर्मिदगी का विषय न बनाएं और सही निर्णय लें। कोर्ट ने 23 जून को अगली सुनवाई में मुख्य सचिव, स्वास्थ्य सचिव व अपर सचिव पर्यटन से भी वीसी के माध्यम से पेश होने को कहा है।

22 जून तक शुरू नहीं होगी चारधाम यात्रा

पर्यटन सचिव ने कोर्ट को बताया कि सरकार कोविड कफ्र्यू में 22 जून तक चारधाम यात्रा शुरू नहीं कर रही है। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से यात्रा खोली जा सकती है। इस पर कोर्ट ने पूछा कि अभी वहां पर मेडिकल व अन्य व्यवस्थाएं क्या हैं। स्थानीय लोगों व व्यवसायियों का वैक्सीनेशन हुआ है या नहीं। कोर्ट ने पर्यटन सचिव से कहा कि आपने चारधाम के भ्रमण के बारे में बताया। कमियां भी बताई मगर यह नहीं बताया कि कमियों को दूर कैसे किया जाए।