आज साढ़े 8 महीने बाद दून समेत पूरे प्रदेश में कॉलेज और यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स के लिए खुलेंगे

- संस्थानों को कराया गया सेनेटाइज, सोशल डिस्टेंसिंग का होगा पालन

DEHRADUN: कोरोनाकाल में तकरीबन साढ़े आठ माह बाद आज (मंगलवार) से दून समेत पूरे प्रदेश में कॉलेज और यूनिवर्सिटी के द्वार स्टूडेंट्स के लिए खुलने जा रहे हैं। इसको लेकर संस्थानों ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। सोमवार को शाम तक संस्थानों को पूरी तरह सेनेटाइज करवा दिया गया था। इसके अलावा कक्ष में स्टूडेंट्स के बैठने की व्यवस्था इस प्रकार की गई है कि उनके बीच सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे। फिलहाल संस्थानों में प्रयोगात्मक विषयों की कक्षाएं ही संचालित की जाएंगी। इन कक्षाओं में भी उन्हीं स्टूडेंट्स को बैठने की अनुमति मिलेगी, जो इस बाबत अपने पैरेंट्स का अनापत्ति पत्र संस्थान को उपलब्ध कराएंगे।

दून के 15 संस्थानों में रोजाना 50 हजार स्टूडेंट पहुंचेंगे

दून में दो राजकीय व सात निजी कॉलेज और यूनिवर्सिटी और चार अशासकीय व एक कॉलेज है। इन उच्च शिक्षण संस्थानों में तकरीबन एक लाख स्टूडेंट्स पढ़ते हैं। इनमें से 50 परसेंट स्टूडेंट्स प्रयोगात्मक क्लास वाले हैं। इस लिहाज से रोजाना उक्त 15 संस्थानों में 50 हजार के आसपास स्टूडेंट्स के उपस्थित होने की संभावना है।

दून में उच्च शिक्षण संस्थान

अशासकीय कॉलेज: दून में डीएवी, डीबीएस, एमकेपी और श्री गुरु रामराय सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालय हैं। इनमें करीब 22 हजार छात्र-छात्राओं के दाखिले हैं।

राजकीय कॉलेज: रायपुर स्नातकोत्तर महाविद्यालय में करीब एक हजार छात्र हैं।

अशासकीय विश्वविद्यालय: ग्राफिक एरा डीम्ड विवि, ग्राफिक एरा हिल्स विवि, उत्तरांचल विवि, जी हिमगिरी विवि, डीआईटी, आईएमएस यूनिसन विवि, श्री गुरु रामराय विवि में करीब 70 हजार दाखिले हैं।

राजकीय यूनिवर्सिटी: दून विवि में करीब तीन हजार और उत्तराखंड तकनीकी विवि (यूटीयू) में डेढ़ हजार दाखिले हैं।

यूटीयू में सभी स्टूडेंट आएंगे

उत्तराखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी (यूटीयू) में संस्थान को खोलने को लेकर सोमवार को कुलपति प्रो। एनएस चौधरी की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें निर्णय लिया गया कि मंगलवार से सभी इंजीनिय¨रग कॉलेज खुलेंगे और सभी स्टूडेंट्स क्लास में आकर पढ़ाई कर सकेंगे। कुलपति ने बताया कि इसके लिए पैरेंट्स का अनापत्ति पत्र जरूरी होगा। प्रदेश में यूटीयू से कुल 63 कॉलेज संबद्ध हैं।

डीबीएस में केवल प्रयोगात्मक कक्षाएं

डीबीएस पीजी कॉलेज में स्टूडेंट केवल प्रयोगशाला में प्रैक्टिकल की कक्षाएं ले सकेंगे। थ्योरी की कक्षाएं ऑनलाइन ही संचालित होंगी। कॉलेज खोलने को लेकर प्राचार्य डॉ। वीसी पांडे की अध्यक्षता में सोमवार को बैठक हुई। प्राचार्य ने बताया कि प्रैक्टिकल में भी स्टूडेंट अलग-अलग पालियों में बुलाए जाएंगे ताकि सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पूरी तरह पालन हो। इसके लिए प्रयोगात्मक संकाय वाले विभागाध्यक्षों की कमेटी बनाई गई है। कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन कराने की जिम्मेदारी मुख्य नियंता डॉ। कमल सिंह बिष्ट को सौंपी गई है।

एमकेपी में पांच घंटे चलेंगी कक्षाएं

एमकेपी पीजी कॉलेज में मंगलवार से हर रोज स्नातक व स्नातकोत्तर में पांच घंटे प्रैक्टिकल विषयों की कक्षाएं चलेंगी। सोमवार को कॉलेज की प्राचार्य डॉ। रेखा खरे की अगुआई में हुई शिक्षकों की बैठक में तय हुआ कि कॉलेज प्रतिदिन सुबह साढ़े नौ बजे से दोपहर ढाई बजे तक संचालित होगा। जिन कक्षाओं में स्टूडेंट्स की संख्या अधिक है, वहां सोशल डिस्टेंसिंग के नियम के पालन के लिए दो से तीन बैच बनाए जाएंगे। कोविड-19 गाइडलाइन का पालन कराने के लिए प्राचार्य ने पांच शिक्षकों की कमेटी गठित की है।

प्रदेश के सभी उच्च शिक्षण संस्थान कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए आज से खुलेंगे। मानक संचालन कार्यविधि (एसओपी) के अनुसार संस्थानों के प्राचार्य/कुलपति/निदेशक इस बात के लिए अधिकृत किए गए हैं कि वह थ्योरी और प्रैक्टिकल की कक्षाओं के बारे में निर्णय लें। कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है। इसलिए सतर्कता जरूरी है।

- डॉ। धन सिंह रावत, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)