- कमांडेंट ले।जन। वीके मिश्रा ने सिविल स्टाफ को किया सम्मानित

देहरादून, 4 अक्टूबर (ब्यूरो)। कमांडेंट ने याद दिलाया कि आईएमए ने कई हजार सैन्य अधिकारियों को प्रशिक्षण देकर राष्ट्र को उत्कृष्ट सेवा प्रदान की। उन्होंने अकादमी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए सैन्य व सिविल कर्मियों से और अधिक उत्साह के साथ काम करने का आग्रह किया। दरअसल, आईएमए एक अक्टूबर 1932 को अस्तित्व में आया था। पिछले 91 वर्षों में अकादमी ने अपनी प्रशिक्षण क्षमता 40 से 1650 जेंटलमैन कैडेट तक बढ़ा दी है। अभी तक 64,862 जेंटलमैन कैडेट अकादमी से पास आउट हुए हैं। इसमें 34 मित्र देशों के 2885 विदेशी कैडेट भी शामिल हैं।

889 अफसरों ने दिया सर्वोच्च बलिदान

एकेडमी का समृद्ध इतिहास है और यहां से पासआउट कैडेट ने सभी क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल की है। उन्होंने न सिर्फ रण क्षेत्र में, बल्कि सामरिक रणनीति में भी अहम योगदान दिया है। इसके अलवा स्पोट्र्स व अन्य एक्टिविटीज में भी अपना शानदार प्रदर्शन किया है। आईएमए से पास आउट 889 अधिकारियों ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है। स्थापना दिवस पर स्टाफ के सभी सदस्यों, जेंटलमैन कैडेट, सैन्य और सिविल कर्मचारियों ने आईएमए की गौरवशाली विरासत को बनाए रखने के लिए समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ काम करने का संकल्प लिया।

dehradun@inext.co.in