देहरादून:(ब्यूरो): मानसून नजदीक है, नगर निगम की ओर से नालियों की सफाई कराना शुरू कर दिया है। लेकिन नालों व नालियों की सफाई के बाद सिल्ट को सुखाने के नाम पर छोड़ा जा रहा है। जिसके बाद वे धूप व गर्मी में बदबू छोड़ते हैं, जिससे स्थानीय लोगोंं का रहना भी मुश्किल हो जाता है। नदियों व नालों के पास रहने वाले लोगों के लिए घर की खिड़कियां खोलना भी मुश्किल हो रहा है। वहीं नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार यहां समय-समय पर सफाई कराई जा रही है। निगम के अनुसार यहां रहने वाले कुछ लोग भी यहां कचरा फेंक देते हैं। इसके अलावा कई लोगों ने घरों के सीवर पाइप तक नालों में निकाल रखे हैं, जिसके कारण बदबू और भी ज्यादा बढ़ जाती है।

ये हैं कारण
नगर निगम के दायरे में 100 वार्ड आते है। इनमें भी करीब 164 बस्तियां है। जो रिस्पना व बिन्दाल नदी के आस पास के मुहाने में बसे हुए हैं। नगर निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों की मानें तो नदियों व नालों के मुहाने में बसे लोगों की संख्या करीब 1 लाख है। इनमें से काफी लोग अपने घरों का कूड़ा नदियों व नालों में डाल देते हैं।


ये कुछ एरिया नाला से जुड़े
-डीएल रोड
-नालापानी रोड
-तपोवन एरिया
-लोहारवाला
-किशन नगर
-लोहिया नगर
-खुड़बुड़ा
-चुक्खु मोहल्ला
-तिलक रोड
-इन्द्रा कॉलोनी
-बिन्दाल पुल
-दुलहनी नदी
-रायपुर रोड
-कैनाल रोड
-टर्नर रोड
-विजय कॉलोनी
-नीलकंठ विहार
-सुभाषनगर स्थित नाला


एक नजर
-निगम अधिकारियों के अनुसार करीब एक लाख की आबादी नदी व नालों के आस पास रहती है।
-नदी के किनारे रह रहे लोगों को होती है दिक्कत
-बरसात से पहले भी सफाई समय पर नहीं होती।
-नाली के किनारे बसे घर के पास रास्तों पर भी गंदगी जमा
-नालों व नालियों के पास छोड़ देते है कचरा।
-50 रुपये बचाने के लिए डाल देते है नालियों व नालों में कूड़ा

क्या कर रहे मानसून का इंतजार
नगर निगम की ओर से सिटी के कई एरिया ऐसे भी हैं जहां अब तक नालियों की सफाई शुरू नहीं हो पाई है। स्थानीय लोगों के अनुसार यहां हर साल मई माह के शुरुआत में ही सफाई हो जाती थी। लेकिन, इस बार अब तक यहां सफाई शुरू भी नहीं हो पाई है। जिसके कारण यहां छोटी-छोटी नालियों के साथ-साथ नालों में भी कूड़ा जमा है। जाखन से लेकर मोहब्बेवाला तक और हरिद्वार रोड तक गलियों में सफाई नहीं हो पाई है। कई जगह के नालों में लोग गोबर भी फेंक रहे हैं। जो इस सिर्फ नगर निगम ही नहीं पब्लिक के लिए भी मुसीबत बनेंगे।


हर साल ऐन मानूसन के दौरान नगर निगम को नालियों की सफाई की याद आती है। जबकि, मानसून से पहले नगर निगम को एरिया की सफाई करा लेनी चाहिए। जबकि, इसके विपरीत यहां की भी सफाई शुरू नहीं हो सकी है। जिससे मानसून में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
धीरज राणा, देहराखास

सुभाषनगर के बड़े नाले के अंदर जो घास व कूड़ा काटा जाता है। वह समय पर बाहर नहीं निकाला जाता है। जिसके कारण वह कई कई दिन तक सड़ता रहता है। जिसके कारण इसकी दुर्गंध दूर-दूर तक लोगों के घरों तक जाती है। ऐसे में नगर निगम को चाहिए कि वे इसे साथ में ही उठवा लें।
चन्द्रशेखर पंत, स्थानीय सुभाषनगर

बारिश शुरू होते ही नगर निगम की टीम सड़कों के पास बने नालों की सफाई में जुट जाती है। हर साल बारिश में घरों और दुकानों में पानी घुसना आम बात है। यहीं नही नालियों की सफाई होती नहीं। जिससे वॉटर लॉगिंग हो जाती है। हर साल नगर निगम इस पर होमवर्क करना भूल जाता है।
मंजू जैन, निवासी राजा रोड

हर साल मई की शुरुआत में ही नाले व नालियों की सफाई शुरू हो जाती है। इस बार अब तक नालों की सफाई न होने के कारण वह जमीनी स्तर पर आ गया है। उस पर से सिल्ट नहीं निकाला गया है। इससे बारिश के दौरान पानी लोगों के घरों में घुसने की अधिक संभावना हैं।
एपी वैष्णव, गुरुनानक रोड सुभाषनगर

चंद्रबनी का नाला सीधे क्लेमेंटटाउन कैंट से होते हुए नदी में जाता है। इन दिनों आलम यह है कि इन नालियों की भी सफाई शुरू नहीं हो पाई है। ऐसे में मानसून में नालियों की सफाई न होने के कारण पानी सड़कों और लोगों के घरों में घुसने की संभावना हैं।
रमेश कुमार मंगू, निवर्तमान पार्षद टर्नर रोड

सड़कों के किनारे बने नालियों व नालों में कूड़ा गिरने से कई बार कई कई दिन तक ये चोक हो जाते हैं। जिससे इनकी सफाई करना मुश्किल हो जाता है। यहां की सफाई कराने के लिए पहले से तैयारी करनी चाहिए। जिससे मानसून में नालियों के चोक होने से सड़कों में पानी न आए।
नंदनी शर्मा, निवर्तमान पार्षद

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