- एक साल से बच्चे कर रहे ऑनलाइन पढ़ाई, मानसिक और शारीरिक परेशानी होने का डर

- लॉकडाउन के साथ समर वेकेशन्स में भी ऑनलाइन गेम्स से बनाएं दूरी

देहरादून,

कोरोनाकाल में बीते एक साल में अधिकतर बच्चों ने घर से ही ऑनलाइन क्लासेज दी हैं। जिससे बच्चों की मोबाइल और टीवी पर निभर्रता बढ़ रही है। एक बार फिर लॉकडाउन लागू है। बच्चे घरों में कैद हैं और स्कूल भी बंद है। ऐसे में बच्चों के सामने एक बार फिर समर वैकेशन्स के दौरान एक्टिविटी या नया सिखने को कोई ऑप्शन्स नहीं रह गया है। जिससे बच्चों में कई प्रकार के मानसिक और शारीरिक बदलाव नजर आ सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि बच्चों को ज्यादा से ज्यादा समय दें और ऑनलाइन गेम्स की जगह इंडोर गेम्स या नई क्लासेज ज्वाइन कराएं।

टाइम टेबल बनाकर कराएं एक्टिविटी

कोरोना की सेकेंड वेव में भी स्कूल, कॉलेज बंद हैं। बच्चों को एक बार फिर घरों में ही कैद होना पड़ रहा है। बीते दिनों बच्चों की ऑनलाइन क्लासेज भी चली जिसमें बच्चे काफी समय तक व्यस्त रहते थे। साथ ही आए दिन कुछ न कुछ एक्टिविटी करते रहते थे। लेकिन अब समर वैकेशन्स होने से बच्चों के साथ ही पैरेंट्स की मुश्किलें बढ़ गई हैं। साल भर मोबाइल और टीवी पर समय बिताने वाले बच्चों को फिर से मोबाइल और टीवी से दूर करने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए बच्चों को दूसरी एक्टिवटी में व्यस्त रखकर कुछ नया सिखाने को पहल भी की जा सकती है। इसके लिए बच्चों को ज्यादा टाइम देने की जरुरत होगी। जैसे सुबह से ही योगा फिर कुकिंग, डांस, म्यूजिक आदि एक्टिवटी कराई जा सकती है। इसके लिए ऑनलाइन क्लास भी ली जा सकती है। साथ ही बीच-बीच में बच्चों के साथ इंडोर गेम्स जैसे कैरम खेला जा सकता है। अगर बच्चा बड़ा है तो उसे किचन गार्डन में भी व्यस्त किया जा सकता है।

ऑनलाइन क्लास से बचें

कुछ बच्चे ऑनलाइन क्लास लेते समय इंटरनेट पर सर्च कर बहुत जल्दी भरोसा कर लेते हैं। लेकिन हमेशा विश्वसनीय और जानने वालों से ही ऑनलाइन क्लास लें। आजकल ऑनलाइन क्लासेज के बहाने कई गलत साइट भी इंटरनेट पर मिल जाती है। जो कि फ्रॉड भी कर सकती हैं। ऐसे में बिना पैरेंट्स की गाइड और किसी जानकार के कोई भी ऑनलाइन क्लास च्चाइन न करें। कोशिश करें कि जानकार लोगों से रायमशविरा कर ही क्लास शुरू करें।

जो समय लॉकडाउन का पैरेंट्स को मिला है वो दोबारा नहीं मिलेगा ये समझ कर बच्चों के साथ समय व्यतीत करें। बच्चों के स्क्त्रीन टाइम को फिक्स करें। स्कूल की तरह टाइम टेबल बनाकर घर पर एक्टिविटी कराएं।

डॉ। सोना कौशल गुप्ता, मनो रोग विशेषज्ञ

कोरोनाकाल में बच्चों को ज्यादा से ज्यादा एप के जरिए पढ़ाया या एक्टिविटी करा सकते हैं। किसी भी बच्चे को 4 घंटे से ज्यादा स्क्त्रीन टाइम नहीं होना चाहिए। घर पर बच्चे स्कूल की रुटीन बनाकर एक्सरसाइज से लेकर योगा और रीडिंग हैबिट बढ़ाएं।

प्रदीप गौड़, मोटिवेटर

क्या करें।

बच्चों को व्यस्त रखने के लिए असाइनमेंट देते रहें।

इनडोर गेम्स प्लान करें।

ऑनलाइन एक्टिविटी की क्लास च्वाइन कर सकते हैं।

बच्चों को कहानियां या एक्टिविटी की बुक भी दिला सकते हैं।

ये एक्टिविटी भी करा सकते हैं।

डांस

म्यूजिक

कुकिंग

योगा