कॉलेज देसी, झंडा विदेशी

कॉलेज, इंस्टीट्यूट और ऑर्गनाइजेशन में तिरंगा झंडा फहराते हुए तो सबने देखा होगा। इतना ही नहीं ऑफिसर्स की डेस्क पर भी देश की आन, बान और शान का प्रतीक तिरंगा आसानी से देखा जा सकता है, लेकिन किसी कॉलेज के मेन गेट पर विदेशी झंडा लगा होना कॉलेज एडमिनिस्टे्रशन की लापरवाही के साथ ही भारतीय झंडा संहिता का हनन करता है। आपको बता दें कि आई-नेक्स्ट ने जब एमकेपी पीजी कॉलेज के मेन गेट पर लगे प्रतिकात्मक झंडे की खोज खबर ली तो यह झंडा वेस्ट अफ्रीका रिजन के आईवरी कोस्ट का निकला। 1902 में स्टेब्लिशड एमकेपी पीजी कॉलेज में सालों से यह झंडा फहरा रहा है।

Same colour but different meaning

आईवरी कोस्ट पश्चिम अफ्रीका में स्थित एक देश है। जहां का नेशनल फ्लैग हमारे तिरंगे की तरह ट्राईकलर ही है, लेकिन दोनों फ्लैग्स में इन रंगों की मौजूदगी एक दूसरे से बिल्कुल जुदा है। हमारे तिरंगे में केसरिया रंग बलिदान, सफेद रंग शांति और हरा रंग हरियाली और खुशहाली का प्रतीक है। वहीं आईवरी कोस्ट के फ्लैग में भी केसरिया, सफेद और हरा रंग है, लेकिन इस फ्लैग में यह तीनों रंग हॉरिजेंटली डिस्प्ले होते हैं, जिसमें केसरिया रंग सवाना ग्रासलैंड को, सफेद रंग देश की नदियों को और हरा रंग कोस्टल फॉरेस्ट्स को रिप्रेजेंट करता है। इसके बावजूद इस विदेशी झंडे का एमकेपी पीजी कॉलेज में लगना समझ से परे है।

आई-नेक्स्ट रीडर ने शेयर की यह तस्वीर

आई-नेक्स्ट के पेज नंबर चार पर देहरादून कॉलिंग के तहत देखा मैंने देखा कांटेस्ट की शुरुआत पिछले दिनों हुई थी। इस कॉलम में आई-नेक्स्ट रीडर खुद द्वारा क्लिक की गई फोटो आई-नेक्स्ट के साथ शेयर करते हैं। इसी क्रम में पिछले दिनों सिटी के विवेक जैन ने एमकेपी पीजी के मेन गेट की यह तस्वीर आई-नेक्स्ट को शेयर की। आई-नेक्स्ट ने जब इस तस्वीर की सच्चाई जानने की कोशिश की तो यह रोचक पहलू सामने आया कि तिरंगे के प्रतिरूप में लगा यह झंडा अफ्रिकन कंट्री आईवरी कोस्ट का है।

किसी को नहीं सुध

कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन स्टूडेंट्स की पढ़ाई में काफी बिजी है। तभी तो उनके कॉलेज के मेन गेट पर बने नेम बोर्ड पर सालों से विदेशी झंडा लगा है और उन्हें इसकी जरा भी भनक नहीं है। इससे तो यह लगता है कि न तो कॉलेज बनने के दौरान इस पर ध्यान दिया गया और न ही कॉलेज के रिनोवेशन पर।

हो सकती है सजा

शायद कॉलेज एडमिनिस्टे्रशन और डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन अपने बिजी शेड्यूल के कारण इसे हल्के में ले रहे हैं, लेकिन शायद उन्हें ये नहीं पता कि उन्हें भारतीय झंडा संहिता के अंतर्गत इसमें सजा का प्रावधान भी है। एक तरह से यह देश के तिरंगे झंडे का अपमान भी है, और देश में रहकर देश के झंडे का अपमान करना खुद में अपराध है। प्रिवेंशन ऑफ इनसल्ट एक्ट टू नेशनल ऑनर एक्ट, 1971 के अंतर्गत तिरंगे का अपमान करने वाले को कम से कम एक साल जेल हो सकती है और जुर्माना भी देना पड़ सकता है। इस संबंध में जब एमकेपी पीजी कॉलेज प्रबंधन का पक्ष लेने की कोशिश की गई तो प्रिंसिपल डा। किरण सूद ने मोबाइल कॉल रिसिव नहीं किया। इस संबंध में आई-नेक्स्ट ने उन्हें मैसेज भी किया, लेकिन उनका कोई ऑफिशियल जवाब नहीं आया।

'देखिए, आज तक मैंने इस तरफ विशेष ध्यान नहीं दिया है। आई-नेक्स्ट द्वारा ही मुझे यह बात पता चल रही है। आज मैं मौके पर जाकर इस बात की तहकीकात करूंगा। अगर ऐसा है तो इसे जल्द से जल्द ठीक करवाने का प्रयास किया जाएगा.'

-जितेंद्र नेगी, सचिव, मैनेजमेंट कमेटी, एमकेपी पीजी कॉलेज

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