- गत दिनों सीएम से मुलाकात के दौरान सीएयू ने सौंपा था लेटर

- अब सरकार स्टेडियम के नए संचालक पर ले रही लीगल राय

>DEHRADUN: करीब 235 करोड़ रुपए की लागत से तैयार रायपुर में स्थित क्रिकेट स्टेडियम की बदहाल स्थिति का मुद्दा गरमाने लगा है। विपक्ष हमलावर हो चुका है। लेकिन सरकार की तरफ से अब तक इस पर स्थिति साफ नहीं हो पाई है। फिलहाल, क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड (सीएयू) ने स्टेडियम के संचालन का पासा सरकार के पाले में फेंका है। सीएयू का तर्क है कि उन्हें स्टेडियम मिल जाता है तो वह न केवल बेहतर तरीके से स्टेडियम की देखरेख कर पाएगा, बल्कि क्रिकेट की गतिविधियों को भी बढ़ावा मिल सकेगा।

एक माह में स्थिति हो जाएगी साफ

राजीव गांधी क्रिकेट स्टेडियम का संचालन आईएल एंड एफएस कंपनी के जिम्मे था। प्रदेश सरकार ने 30 वर्षो के लिए कंपनी के साथ करार किया था, लेकिन कंपनी की आर्थिक स्थिति को देखते हुए फिलहाल स्टेडियम की देखरेख नहीं हो पा रही है। ऐसी स्थिति में स्टेडियम की बदहाली को लेकर सवाल उठ रहे हैं। विपक्ष हमलावर हो रहा है। इधर, क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड ने पिछले दिनों सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात कर सीएयू को ग्राउंड देने का ऑफर दिया। सीएयू के एक पदाधिकारी के मुताबिक सीएम ने सीएयू को सुझाव दिए हैं कि सरकार वर्तमान में जो कंपनी स्टेडियम का संचालन कर रही है, उसकी व लीगल राय ले रही है। जिस पर करीब एक माह के भीतर स्थिति साफ हो पाएगी। बताया गया है कि सीएयू ने सरकार को स्टेडियम के संचालन का एजेंडा भी सौंपा है।

सरकार के सामने सीएयू के सुझाव

बताया जा रहा है कि सीएयू ने अपने प्रस्ताव में सरकार को कुछ सुझाव भी दिए हैं। कहा है कि स्टेडियम का संचालन मिलने के बाद न केवल स्टेडियम की बेहतर देखरेख होगी, बल्कि क्रिकेट की गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। सीएयू एक मैच के लिए 40 हजार रुपए दूसरे ग्राउंड को भुगतान करता है। ऐसे में यह रकम स्टेडियम की बेहतरी के लिए खर्च की जा सकती है। क्रिकेट सीजन के बाद राज्य क्रिकेट की एक्ि1टविटीज को प्रमोट किया जाएगा।

मुंबई की कंपनी भी कर चुकी है दावेदारी

बताया जा रहा है कि स्टेडियम के संचालन के लिए सीएयू के अलावा मुंबई की एक कंपनी भी दावा पेश कर चुकी है, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण कंपनी के साथ सरकार की बात आगे नहीं बढ़ पाई।

आग्रह पर पिच क्यूरेटर कर रहे विकेट की देखरेख

हर तरफ घास, गंदगी और अव्यवस्थाएं। यहां तक कि विकेट पर भी घास उग आई है। इसको देखते हुए सीएयू के पदाधिकारियों ने पिच क्यूरेटर को बुलाकर विकेट सलामत रखने का आग्रह किया है। सीएयू के पदाधिकारियोंके अनुसार अपैक्स की बैठक में विकेट को बचाए रखने के लिए पिच क्यूरेटर को पेमेंट दिए जाने के प्रस्ताव को भी रखा जाएगा।

मेंबरशिप सबसे बड़ी मुसीबत

बताया जा रहा है कि वर्तमान में जिस कंपनी के जिम्मे स्टेडियम का संचालन है। उस कंपनी ने देहरादून एरीना कंपनी के तहत दून स्पो‌र्ट्स क्लब की शुरुआत की थी। इसके लिए बाकायदा, मेंबरशिप शुरू की गई थी। वर्तमान में स्पो‌र्ट्स क्लब के करीब 100 मेंबर्स हैं। जिनसे करीब 3 लाख रुपए की मेंबरशिप फीस ली थी। अब जब स्टेडियम का संचालन दूसरे हाथों में सौंपा जाता है तो मेंबरशिप का पेच फंस सकता है। ऐसे में सरकार इस पर लीगल राय ले रही है।