-पिच में उग आए प्लांट्स, स्टेडियम के चारों ओर झाडि़यां व मेन गेट पर लबालब पानी

-फिलहाल, कोरोना कोविड केयर सेंटर के तौर पर यूज हो रहा स्टेडियम का

देहरादून,

दून के रायपुर इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम के बनने से खेल प्रेमियों में उत्साह जगा था, कि उन्हें बेहतर खेल का प्रदर्शन करने का मौका मिल पाएगा। यहां इंटरनेशनल के साथ रणजी मैचों का रोमांच उन्हें देखने को मिलेगा। लेकिन, अब इस उत्साह पर पानी फिरता दिख रहा है। इंटरनेशनल लेवल का यह स्टेडियम बदहाली और अनदेखी के दौर से गुजर रहा है। इसकी दुर्दशा देखकर खेल प्रेमी मायूस हैं। 237 करोड़ की लागत से तैयार स्टेट के इस पहले स्टेडियम को अफगानिस्तान ने अपना होम ग्राउंड तक बनाया था। सरकार ने एक कंपनी को 30 वर्ष के लिए स्टेडियम हैंड ओवर किया था। लेकिन, कंपनी की आर्थिक स्थिति डगमगाने के कारण स्टेडियम बदहाल है।

ऐसे बदहाल है स्टेडियम

-पिच में उगाई गई घास गायब, गाजर घास फैली।

-स्टेडियम के चारों ओर लगीं टाइल्स टूटीं।

-ऑटोमेटिक एंट्री मशीनें जंग खाकर खराब।

-तैयार कैंटीन भी बनी कबूतरखाना।

-फायर सिस्टम की लाइनें चोक, टूटे शीशे।

-मेन एंट्री गेट के सामने बह रहा बरसाती नाला।

- जगह-जगह जलभराव।

-मेन रोड से मेन गेट तक 200 मीटर की दूरी पर लगी स्ट्रीट लाइटें खराब।

-स्टेडियम में मौजूद प्लास्टिक चेयर्स टूटी।

-बाथरूम में नहीं पानी की व्यवस्था। गंदगी का आलम।

स्टेडियम बनने तक का सफर

-नवंबर 2012 में तत्कालीन सीएम विजय बहुगुणा ने रखी थी आधारशिला।

-16 दिसंबर 2016 को तत्कालीन सीएम हरीश रावत ने किया उद्घाटन।

-25 हजार सीटिंग कैपेसिटी का स्टेडियम।

-तीन देशों अफगानिस्तान, बांग्लादेश व आयरलैंड के हो चुके हैं मैच।

-इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम की लागत 237.20 करोड़।

-वर्ष 2018 में अफगान ने चुना होम ग्राउंड के तौर पर।

मल्टीस्टार होटल न होने से दिक्कत

इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में फाइव स्टार होटल का भी निर्माण होना था। लेकिन मल्टीस्टार होटल तो छोडि़ए, यहां स्टेडियम की ही सही देखरेख नहीं हो पा रही है। एक बार तो अफगानिस्तान की ओर से चुने हुए इस होम ग्राउंड में इंटरनेशल मैच तक कैंसल कर लखनऊ शिफ्ट कर दिए थे। वजह भी यही बताई थी कि मल्टीस्टार होटल की फैसिलिटी न मिलने के कारण मैच को शिफ्ट किया जा रहा है।