- मार्च तक काम पूरा करने की डेडलाइन

- हैरिटेज साइट के तौर पर हो रहा डेवलेप

देहरादून,

सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो आने वाले दिनों में अप्रैल के बाद मसूरी स्थित ऐतिहासिक स्थल जॉर्ज एवरेस्ट हाउस नए लुक में देश-दुनिया के टूरिस्ट को नजर आएगा। इसके लिए आजकल निर्माण कार्यो को फाइनल टच दिया जा रहा है। जॉर्ज हाउस, ऑब्जर्वेटरी लैब सहित म्यूजियम का निर्माण आखिरी चरणों में है। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद देखरेख का जिम्मा सर्वे ऑफ इंडिया को हैंडओवर कर दिया जाएगा।

रेडी हो रहा है कार्टोग्राफिक म्यूजियम

मसूरी स्थित हाथीपांव पार्क रोड क्षेत्र के 172 एकड़ में बने जॉर्ज एवरेस्ट हाउस (आवासीय कैंपस) और इससे लगभग 50 मीटर दूरी पर स्थित वेधशाला (आब्जर्वेटरी) का जीर्णोद्धार कार्य पिछले वर्ष से शुरू हो चुका है। कई दशक से जॉर्ज एवरेस्ट हाउस के जीर्णोद्धार की मांग की जा रही थी। गत वर्ष 26 सितंबर को पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर मसूरी हाथीपांव स्थित जॉर्ज एवरेस्ट में एशियन डेवलपमेंट बैंक के माध्यम से किए जा रहे हैं निर्माण कार्य के इंस्पेक्शन के लिए पहुंचे थे। कहा था कि जॉर्ज एवरेस्ट एक कार्टोग्राफिक म्यूजियम का निर्माण प्रस्तावित है। कुल मिलाकर जॉर्ज एवरेस्ट में करीब 24 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट से काम शुरू किए गए हैं। जिला पर्यटन अधिकारी जेएस चौहान कहते हैं निर्माण कार्य पूरे होने के जॉर्ज एवरेस्ट में डीएमसी (डेस्टिनेशन मैनेजमेंट कमेटी) के जरिए ऐतिहासिक स्थल के संचालन की कोशिशें हैं। जिससे बेहतर रख रखाव, साफ सफाई का संचालन हो सके।

ये नजर आएगा अब

-इको फ्रेंडली हट्स

-मोबाइल टॉयलेट

-फूड वैन

-ओपन थिएटर

-अप्रोच रोड

-हैरिटेज ट्रैक

हैरिटेज डेस्टीनेशन के तौर पर डेवलेप

टूरिज्म डिपार्टमेंट की ओर से बताया गया है कि जॉर्ज एवरेस्ट में निर्माण कायरें के पूरा होने से न केवल स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। बल्कि, हैरिटेज स्थल को टूरिस्ट के बीच फेमस डेस्टिनेशन के तौर पर डेवलेप किया जा रहा है। ये भी बताया गया है कि हाथी पांव में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं।

जॉर्ज एवरेस्ट पर एक नजर

-जॉर्ज वर्ष 1830 से 1843 तक भारत के सर्वेयर जनरल रहे।

-सर जॉर्ज एवरेस्ट का घर व लैब मसूरी में पार्क रोड में स्थित

-मसूरी गांधी चौक लाइब्रेरी बाजार से करीब 6 किमी दूर स्थित।

-घर व लैब का निर्माण हुआ था वर्ष 1832 में

-यहां से नजर आता है दूनघाटी, अगलाड़ नदी व बर्फ से ढकी चोटियां

- एतिहासिक धरोहर को निहारने को हर साल आते हैं बड़ी तादाद में टूरिस्ट।

-अपने कार्यकाल में उन्होंने ऐसे उपकरण तैयार कराए, जिनसे सर्वे का सटीक आकलन किया जा सके।

रॉयल आर्टिलरी के प्रशिक्षित कैडेट थे जॉर्ज

सर जॉर्ज एवरेस्ट का जन्म चार जुलाई 1790 को क्रिकवेल (यूके) में पीटर एवरेस्ट व एलिजाबेथ एवरेस्ट के घर हुआ था। जिन्होंने रॉयल आर्टिलरी में कैडेट के रूप में ट्रेनिंग ली थी। उनकी कार्यशैली व हुनर को देखते हुए वर्ष 1806 में इन्हें भारत भेज दिया गया। वर्ष 1816 में जॉर्ज जावा के गवर्नर सर स्टैमफोर्ड रैफल्स के कहने पर इस द्वीप का सर्वेक्षण करने को निकले। वे वर्ष 1818 में भारत लौटे और यहां सर्वेयर जनरल लैंबटन के मुख्य सहायक के रूप में कार्य करने लगे। कुछ वर्ष काम करने के बाद जॉर्ज वर्ष 1830 में जॉर्ज भारत के महासर्वेक्षक नियुक्त हुए।

जॉर्ज मसूरी में चाहते थे सर्वे ऑफिस

सर्वे ऑफ इंडिया एक केंद्रीय एजेंसी है। जिसका काम नक्शे बनाना और सर्वेक्षण करना है। सर्वे ऑफ इंडिया की स्थापना जनवरी 1767 में ब्रिटिश इंडिया कंपनी के क्षेत्र को संघटित करने के लिए की गई थी। सर जॉर्ज के महासर्वेक्षक नियुक्त होने के बाद वर्ष 1832 में मसूरी भारत के महान त्रिकोणमितीय सर्वेक्षण का सेंटर बना। जॉर्ज मसूरी में ही भारत के सर्वेक्षण का नया ऑफिस चाहते थे। लेकिन, इसे देहरादून में स्थापित कर दिया गया।