- सुबह 7 बजे पुराने झंडे जी (ध्वज दंड) को उतारा गया, दोपहर 2:12 बजे पर झंडे जी का आरोहण

- कोविड-19 का दिखा असर, पिछले सालों की तुलना में इस बार काफी कम संख्या में मौजूद रही संगत

देहरादून,

हजारों श्रद्धालुओं व संगतों की मौजूदगी और गुरु महाराज के जयकारों के बीच दरबार साहिब में ऐतिहासिक झंडे जी (पवित्र ध्वज दंड) का आरोहण हुआ। दरबार साहिब के सज्जादानशीन महंत देवेन्द्र दास के दिशा निर्देशन में दोपहर 2:12 बजे झंडे जी का आरोहण किया गया। कोविड-19 गाइडलाइन के अनुपालन के चलते पिछले सालों की तुलना में इस बार संगतें काफी कम संख्या में मौजूद रहीं।

86 फीट ऊंचा ध्वजदंड

फ्राइडे सुबह 7 बजे श्रद्धा व भक्तिभाव के साथ पुराने झंडे जी को उतारा गया। झंडे जी को उतारने के लिए संगतें झंडे जी के नीचे एकत्र हो गईं। झंडे जी को उतरते व फिर चढ़ते देखना अपने आप में अद्भुत और अद्वितीय नजारा रहा। इस दौरान देश-विदेश से संगतें इस पल की साक्षी बनीं। इसके बाद झंडे जी पर विशेष पूजा अर्चना की गई। झंडे जी को संगतों ने सुबह दूध, घी, शहद, गंगाजल व पंचगब्यों से स्नान करवाया। इस बार 86 फीट ऊंचे झंडे जी पर पहले सादे और शनील के गिलाफ चढ़ाने की प्रक्रिया शुरू हुई। खास बात यह कि इस दौरान झंडे जी को जमीन पर नहीं रखा जाता। संगतें अपनी हाथों पर झंडे जी को थामे रहती हैं। जैसे-जैसे झंडे जी पर गिलाफ के आवरण चढ़ाने का क्रम बढ़ता जाता, संगतों का उत्साह भी पराकाष्ठा तक पहुंचता जाता। दोपहर करीब 12:40 बजे तक झंडे जी पर सादे व शनील के गिलाफ चढ़ाने की प्रक्रिया चली।

करीब 1 झंडे जी पर दर्शनी गिलाफ चढ़ाया

दोपहर करीब 1 झंडे जी पर दर्शनी गिलाफ चढ़ाया गया। दर्शनी गिलाफ के चढ़ते ही व झंडे जी के आरोहण की प्रक्रिया प्रारम्भ होते ही गुरु राम राय महाराज के जयकारों की ध्वनि भी तेज हो उठी। दोपहर 2 बजे नए मखमली वस्त्र और सुनहरे गोटों से सुसज्जित झंडे जी के आरोहण की प्रक्रिया आरंभ होने का दृश्य देखकर श्रद्धालुओं के श्रद्धाभाव आंखों से छलक आए। हर कोई दर्शनी गिलाफ को छूकर पुण्य अर्जित करने के लिए उत्सुक दिखा। दरबार साहिब के सच्जादानशीन महंत देवेन्द्र दास महाराज के दिशा-निर्देशन में झंडे जी के नीचे लगी कैंचियों को थामे श्रद्धालु झंडे जी को उठा रहे थे। दोपहर 2 बजकर 12 मिनट पर जैसे ही दरबार साहिब देहरादून के सच्जादानशीन महंत देवेन्द्र दास महाराज की अगुआई में झंडे जी का आरोहण हुआ। श्रद्धालुओं ने गुरु महाराज के जयकारे लगाए व ढोल की थाप पर जमकर नृत्य किया। इसी दौरान एक बाज ने झंडे जी की परिक्रमा की। झंडे जी के आरोहण के समय बाज की इस चमत्कारी उपस्थिति को गुरु राम राय महाराज की सूक्ष्म उपस्थिति के रूप में हर साल दर्ज किया जाता है।

महंत देवेंद्र दास ने दी शुभकामनाएं

महंत देवेन्द्र दास महाराज झंडे जी के आरोहण के बाद दरबार साहिब के सच्जादानशीन महंत देवेन्द्र दास महाराज ने सभी देश व प्रदेशवासियों सहित संगतों को झंडे जी मेले की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। महाराज ने कहा कि झंडे जी मेला प्रेम, सदभावना, आपसी भाईचारा, सौहार्द, उल्लास व अमन-चैन का संदेश देने वाला मेला है। । उन्होंने अपने संदेश में कहा कि देशवासियों-प्रदेशवासियों व झंडे जी मेले में शामिल होने आई संगतों पर गुरु राम राय महाराज की कृपा सदैव बनी रहे।

पीला ड्रेस कोड रहा आर्कषण का केन्द्र

पुराने झंडे जी को उतराने व झंडे जी के आरोहण की प्रक्रिया के दौरान पंजाब से आई युवा संगतों का ड्रेस कोड भी आकर्षण का केन्द्र रहा। सभी युवाओं ने पीली टी-शर्ट पहनी हुई थी। संगतें जैसे जैसे झंडे जी पर गिलाफों का आवरण युवा संगतें गुरु राम राय महाराज का जैकारा लगाकर माहौल को और भक्तिमय बना दिया।

सरोवर में लगाई डुबकी

श्रद्धालुओं ने दरबार साहिब स्थित पवित्र सरोवर में डुबकी लगाई। सुबह से ही श्रद्धालु यहां स्नान कर रहे थे। बच्चों ने भी सरोवर के स्नान का आनन्द उठाया।

पुलिसकर्मी रहे मुस्तैद

झंडे जी आरोहण के दौरान पुलिस व प्रशासन की टीमें दरबार साहिब परिसर में मौजूद रहीं। सुबह से ही पुलिसकर्मी सहारनपुर चौक से भण्डारी चौक तक मौर्चा सम्भाले रहीं।