खुले आम बिक रहे फास्ट फूड को खाने के लिए जुट रही भीड़
न सोशल डिस्टेंसिंग और न ही मास्क में दिख रहे लोग
फास्ट फूड से वीक हो सकता है इम्युनिटी सिस्टम
तो खुले में खाने से हो सकती है दिक्कत
देहरादून।
अनलॉक-2 शुरू होते ही न सिर्फ फास्ट फूड बेचने वालों की बाढ़ नजर आ रही है.बल्कि खाने वाले भी पीछे नहीं है। कई इलाकों में तो भीड़ बेहद अनकंट्रोल नजर आ रही है। इस दौरान न तो सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो होती दिख रही है और न ही फास्ट फूड का वेट करते लोग मास्क लगाए दिख रहे हैं।
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खुले आम सेहत से खिलवाड़
कोरोना की जंग में स्ट्रीट फूड चुनौती बन गया है। सिटी में जगह-जगह लोग खुले आम फास्ट फूड खा रहे हैं। खुले में बनने वाले इस फास्ट फूड से लोग अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ भी कर रहे हैं। जबकि कोरोना के इस संक्रमण काल में लोगों को भीड़, फास्ट फूड जैसी चीजों से बचना चाहिए। बावजूद इसके लोगों में न तो प्रशासन का डर दिखाई दे रहा है और न ही अपनी सेहत को लेकर सतर्क नजर आ रहे हैं।
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कॉन्टेक्ट में आने से दिक्कत
डॉक्टर्स की मानें तो बरसात में बाहर इस तरह से स्ट्रीट फूड खाने से टायफाइड हो सकता है। वायरल, हेपेटाइटिस के चांसेस भी रहते हैं। इससे कोलेस्ट्रॉल भी बढ़ सकता है। जिससे हार्ट में दिक्कत आ सकती है। वहीं जितनी बार व्यक्ति बाहर जाएगा, लोगों के कॉन्टेक्ट में आएगा। फास्ट फूड बनाने वालों ने मास्क, ग्लव्स जैसी सेफ्टी नहीं बरती होगी तो और भी रिस्की हो सकता है।
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कोलेस्ट्रॉल बढ़ा तो डाउन होगी इम्युनिटी
डॉक्टर्स के अनुसार इस तरह के आइटम खाने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है। जिससे इम्युनिटी डाउन हो जाती है। साथ ही बरसाती मौसम में फास्ट फूड खाने से वायरल, हेपेटाइटिस के चांसेस रहते हैं। जो कि इम्युनिटी कम करता है। इससे बुखार आ सकता है। एक बार बुखार आ गया तो इम्युनिटी वैसे ही कम हो जाएगी। इसलिए इस मौसम में फास्ट फूड अवाइड किया जाए।
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बरसात के मौसम में फास्ट फूड इम्युनिटी कम करता है। मोमो चाऊमीन जैसे आइटम में पत्ता गोभी में डालनी रिस्की है।
- डा। कुमार जी कॉल, फिजिशियन, दून हॉस्पिटल
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यदि स्ट्रीट फूड खाने के दौरान लोग सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो नहीं कर रहें हैं तो ऐसे में बेचने वाले और खाने वाले दोनों के ही चालान किए जाएंगें।
- गोपाल राम बिनवाल, एसडीएम सदर