- रात्रि विश्राम के लिए गुप्तकाशी के विश्वनाथ मंदिर पहुंची बाबा की उत्सव डोली

RUDRAPRAYAG: भगवान केदारनाथ की उत्सव डोली गुप्तकाशी स्थित विश्वनाथ मंदिर पहुंची। यहां भक्तों ने फूल व अक्षत से बाबा का स्वागत किया। रात्रि विश्राम के बाद बुधवार को डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचेगी। इसके बाद अगले छह महीने यहीं बाबा केदार की नित्य पूजाएं संपन्न होंगी।

भोगमूर्ति की विशेष पूजा-अर्चना

सोमवार को केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद बाबा केदार की उत्सव डोली अपने पहले पड़ाव रामपुर पहुंची थी। मंगलवार सुबह मुख्य पुजारी शिवशंकर लिंग ने पंचमुखी भोगमूर्ति को विशेष पूजा-अर्चना के बाद भोग लगाया। इस दौरान वहां उपस्थित भक्तों ने बाबा का आशीर्वाद लिया। बाबा केदार के जयकारों के बीच डोली अगले पड़ाव गुप्तकाशी के लिए रवाना हुई। मार्ग में जगह-जगह श्रद्धालुओं फूल और अक्षत से डोली का स्वागत किया। शाम को डोली विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंची।

बदरीनाथ धाम में भंडार गृह में रखी गई खडग पुस्तक

बदरीनाथ धाम में कपाट बंद करने की प्रक्रिया जारी है। धाम के कपाट 19 नवंबर को बंद किए जाएंगे। मंगलवार सुबह रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने बदरीविशाल की पूजा की और भोग लगाया। इसके बाद खडग पुस्तक की पूजा की गई और पुस्तक को भंडार गृह में रखा गया। इसी के साथ धाम में वेद ऋचाओं का वाचन बंद हो गया है। बदरीनाथ के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने बताया कि बुधवार को लक्ष्मी मंदिर में मां लक्ष्मी की पूजा होगी। इस दौरान लक्ष्मी को शीतकाल में भगवान नारायण के गर्भगृह में स्थित पंचायत में आने का न्योता दिया जाएगा।