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- गौवंश को सड़कों पर छोड़ने वालों पर नकेल कसने की तैयारी

- गौ सेवा आयोग पहचान के लिए गायों की करेगा टैगिंग

DEHRADUN: सड़कों पर गौवंश छोड़ने वालों पर अब सख्त कार्रवाई होगी। ऐसे लोगों के खिलाफ न केवल जुर्माना होगा, बल्कि सजा भी होगी। गायों की पहचान के लिए गौसेवा आयोग द्वारा गायों के कानों पर टैग लगाए जाएंगे, इसकी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।

टैग के बाद पहचान होगी

गौसेवा आयोग के अनुसार उत्तराखंड में ख्0क्फ् की पशुगणना के अनुसार सूबे में 70 हजार अलाभकारी गौवंश हैं। आयोग का कहना है कि अब संख्या में और इजाफा हो गया है। यही वजह है कि खासकर शहरी क्षेत्रों में सड़कों के किनारे गाय आवारा हालत में नजर आती हैं। लेकिन आयोग गौवंश को आवारा हालात में छोड़ने वालों पर हंटर चलाने के मूड में है। आयोग का कहना है कि गायों पर अब टैग लगाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। पशुपालन विभाग के सहयोग से हर गाय पर टैग लगेगा। टैग लगने के बाद उन लोगों की पहचान हो पाएगी, जो गाय के अलाभकारी होने की स्थिति में उसे छोड़ देते हैं। आयोग की मानें तो दो हजार जुर्माने के साथ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत सजा के प्रावधान को भी लागू किया जाएगा।

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ख्ब् गौ सदन हैं सूबे में

आयोग निराश्रित पशुओं को सख्ताई से गौ सदन में भेजने की तैयारी कर रहा है। सूबे में करीब ख्ब् गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा गौ सदन संचालित कराए जा रहे हैं।

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निगम की लेंगे मदद

गौवंश पर टैग लगाने के लिए समय सीमा निर्धारित की जाएगी। हालांकि आयोग यह भी मान रहा है इतनी भारी मात्रा में गायों को देखते हुए हर किसी पर टैग लग पाना संभव नहीं होगा। लेकिन इसके लिए शहरी क्षेत्रों में नगर निगम का भी सहयोग लिया जाएगा।

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गौवंश सड़कों पर आवारा पशुओं की तर्ज पर न दिखे, इस पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश की जा रही है। अब सख्ताई बरती जाएगी। इसके लिए दो स्तर पर काम चल रहा है।

नरेंद्र रावत, अध्यक्ष, गौसेवा आयोग।