- सड़कों पर गड्ढों की एक माह में 822 कंप्लेन

'पैच रिपोर्टिंगÓ एप पर एक माह में रिकॉर्ड कंप्लेन दर्ज, सबसे ज्यादा शिकायतें दून की
- 18 मई को किया गया था रोड के गड्ढों की कंप्लेन को 'पैच रिपोर्टिंगÓ एप लॉन्च

देहरादून (ब्यूरो): गली-मोहल्लों से लेकर मेन रोड तक खोदी पड़ी है। पैच रिपोर्टिंग एप में भी एक माह में सबसे अधिक 200 कंप्लेन के साथ देहरादून पहले नंबर पर है। सड़कों पर गड्ढे होने से यहां सबसे ज्यादा रोड एक्सीडेंट होते हैं। बरसात में गड्ढे लोगों के लिए जानलेवा भी साबित होते हैं। शहर की हर गली सीवर और पानी की लाइन के लिए खोदी गई है। खोदाई करने के बाद विभाग सो गया। खोदाई से खराब हुई सड़क पर चलने में रोजाना लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। राजधानी की सड़कों की हालत खस्ताहाल तब है, जब यहां सीएम से लेकर मंत्री और तमाम महकमों के हायर ऑफिसर रहते हैं। ऐसे में दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों के क्या हाल होंगे, सहज सही समझा जा सकता है।

एप से जुड़ी 3 हजार सड़कें
राज्य में करीब 7000 सड़कें हैं, जिसमें से जीआईएस मैपिंग के जरिए पैच रिपोर्टिंग एप से करीब 3000 सड़कों को जोड़ा गया है। धीरे-धीरे और सड़कों को भी एप में जोड़ा जा रहा है।

दून की 200 शिकायतें
लॉन्चिंग के करीब एक माह केभीतर इस एप पर 822 लोगों ने अभी तक सड़क के गड्ढों की शिकायत की है। इसमें से 200 शिकायतें दून की हैं। जबकि 190 शिकायतें नगर निगम, एमडीडीए, पीएमजीएसवाई और सिंचाई विभाग की हैं। अब तक एप के जरिए कंप्लेन केवल पीडब्लयूडी के अधीन की सड़कों की सॉल्व हो रही थी। लेकिन अब इसमें आ आ रही दूसरे विभागों की शिकायतों को भी कंप्लेन फॉवर्ड कर सॉल्व कराई जा रही है।

डैमेज पेयजल लाइन की भी कंप्लेन
गड्ढों के साथ ही रोड से यदि पेयजल लाइन डैमेज हुई है, तो इसकी भी एप के जरिए की जा रही शिकायत का भी संज्ञान लिया जा रहा है। संबंधित विभाग को इसकी सूचना ईमेल से भेजी जा रही है। 822 कंप्लेन में से अब तक 377 कंप्लेन सॉल्व हो गई है, जबकि 314 कंप्लेन दूसरे विभागों से संंबंधित थी उन्हें ईमेल से विभागों को भेजा गया है।

नगर निगम समेत 28 विभाग जुड़े एप से
पीडब्ल्यूडी मुख्यालय में आईटी का काम देख रहे अधिशासी अभियंता मनोज बिष्ट ने बताया कि कई सड़कें नगर निगम, पीएमजीएसवाई, सिंचाई और एमडीडीए के पास है। 28 विभागों को ईमेल के जरिए एप से जोड़ा गया है। जो कंप्लेन पीडब्ल्यूडी से संबंधित नहीं हैं उन्हें संबंधित विभाग को ईमेल से फॉरवर्ड कर सॉल्व कराया जा रहा है। अब लोगों को सड़क के गड्ढे ठीक कराने के लिए के विभागों के चक्कर नहीं लगाने पड़ रहे हैं। महज 5 से 10 मिनट में घर बैठे उनकी शिकायत एप में दर्ज हो रही है। एक सप्ताह के भीतर कंप्लेन का निस्तारण भी किया जा रहा है।

पैच वर्क के अलावा ये शिकायतें भी कर रहे लोग
- नई रोड बनाने
- कच्ची रोड को पक्की करने
- सड़क पर रैलिंग लगाने
- ब्रेकर लगाने
- डिवाइडर लगाने
- नाली ठीक करने
- नई रोड बनाने

यूपी-दिल्ली से भी रोड की कंप्लेन
एप में यूपी और दिल्ली से भी रोड पर गड््ढ़ों की कंप्लेन आई है। पीडब्ल्यूडी मुख्यालय में आईडी हेड और नोडल आफिसर मनोज बिष्ट ने बताया कि दूसरे राज्यों की कंप्लेन आने के बाद एप में बदलाव किया गया है। अब केवल राज्य के बार्डर एरिया के 5 किमी। के दायरे से बाहर की कंप्लेन एप में दर्ज नहीं हो पाएगी।

कहां कितनी कंप्लेन
शहर का नाम कंप्लेन सॉल्व प्रोसेसिंग
देहरादून 200 79 52
हरिद्वार 82 17 08
टिहरी 28 18 01
उत्तरकाशी 14 09 00
पौड़ी 65 24 03
रूद्रप्रयाग 16 08 01
चमोली 20 13 04
नैनीताल 110 59 06
ऊधमसिंहनगर 115 51 23
बागेश्वर 26 07 02
पिथौरागढ़ 46 30 05
अल्मोड़ा 78 39 16
चंपावत 21 17 00

एक व्यक्ति ने एक घंटे में कर डाली 35 कंप्लेन
लोग किस तरह सरकारी कामकाज से आक्रोशित है। इसकी बानगी एप में देखने को मिली। अल्मोड़ा में एक व्यक्ति ने बीते रोज सड़क पर चलते-चलते एक-दो नहीं बल्कि रिकार्ड 35 शिकायतें कर डाली। इसमें सड़क के गड्ढ़ों के अलावा शहर की साफ-सफाई, बिजली, पानी, समेत कई अन्य शिकायतें शामिल है।

'पैच रिपोर्टिंगÓ एप में अब तक 822 शिकायतें आ चुकी है। इसमें पैच वर्क के अलावा अन्य शिकायतें भी आ रही है। दूसरे विभागों से संबंधित शिकायतों को मेल से रिवर्ट किया जा रहा है। अब तक एप के जरिए 377 कंप्लेन निस्तारित की जा चुकी है। जबकि 314 कंप्लेन रिवर्ट की गई है।
नवनीत पांडे, पीआरओ, पीडब्ल्यूडी, देहराूदन
DEHRADUN@inext.coo.in