- उत्तराखंड में बारिश का दौर जारी, कई हाईवे और संपर्क मार्गो पर आवाजाही बाधित

- नदियों का जलस्तर बढ़ने से किनारे पर बसे गांवों के लिए बढ़ा खतरा

देहरादून:

उत्तराखंड में मानसून की बारिश से मुश्किलें बढ़ गई हैं। खासकर पहाड़ों में दुश्वारियां बढ़ती जा रही हैं। आठ दिन से जोशीमठ-मलारी राष्ट्रीय राजमार्ग मरखुड़ा तमक में बंद होने के कारण 400 यात्री फंसे हैं। उनके रेस्क्यू के तमाम प्रयास बारिश के कारण विफल साबित हो रहे हैं। यहां लगातार तीसरे दिन भी हेली रेस्क्यू नहीं किया जा सका। सीमा सड़क संगठन ने कुछ देर तक मलबा हटाया, लेकिन फिर से पहाड़ी से मलबा व पत्थर गिरने के कारण काम बंद करना पड़ा। इसके अलावा उफनती धौलीगंगा के किनारे बसे गांव भी खाली कराए जा रहे हैं। प्रदेशभर में दर्जनों सड़क मार्ग बाधित हैं। उधर, मौसम विभाग ने देहरादून-नैनीताल समेत आसपास के इलाकों में तेज बौछार पड़ने की संभावना जताई है।

मलारी हाईवे पर लगातार गिर रहे पत्थर

चमोली जिले में तमक के पास मरखुड़ा में मलारी हाईवे पर लगातार पहाड़ी से पत्थर गिरने के कारण बीते आठ दिनों से सड़क बंद है। हाईवे बंद होने से नीति घाटी की ओर 400 से अधिक ग्रामीण व कई ट्रैकर भी फंसे हैं। जबकि, कई ग्रामीण सीमांत गांवों की ओर जाने के लिए सुरांईथोटा में इंतजार कर रहे हैं। वहीं निचले स्थानों से नीति घाटी के अपने मूल घरों में गए 60 से अधिक लोग भी मलारी लाता में मौजूद हैं। नीती मलारी के 13 गांवों में सब्जी, दूध सहित आवश्यक सामग्री नहीं पहुंच पा रही है। अन्य सीमांत गांवों में राशन का संकट गहरा गया है। दूरसंचार सेवा भी ठप है, बिजली भी गुल है। ऐसे हालात में प्रशासन की ओर से तीन दिनों से नीति घाटी में हेली सेवा शुरू कर फंसे ग्रामीणों को निकालने की बात कही जा रही है, लेकिन तीसरे दिन भी प्रशासन का हेलीकाप्टर नीति घाटी रवाना नहीं हो पाया।

कुमाऊं में भी बारिश से दिक्कत

नैनीताल के कई इलाकों में बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। जिले में तीन ग्रामीण मार्ग समेत एक नेशनल हाईवे और एक राज्य मार्ग बंद है। जिला मुख्यालय को जोड़ने वाले कालाढूंगी मार्ग पर बारापत्थर के आगे पहाड़ी दरक गई। वहीं, शुक्रवार को अल्मोड़ा-ज्योलीकोट मार्ग पर वीरभट्टी पुल के पास पहाड़ी दरकने से बंद हाईवे को खोला नहीं जा सका है और वाहनों को वाया भीमताल भेजा जा रहा है। बागेश्वर में लगातार बारिश के कारण कारण अभी भी सात सड़कें बंद हैं। पिथौरागढ़ जिले में मुनस्यारी के मालूपाती गांव के निकट पहाड़ी दरक गई। चीन सीमा को जोड़ने वाला मार्ग भी भूस्खलन के कारण बंद है। चंपावत जिले में पूर्णागिरि क्षेत्र के काली मंदिर के पास मलबा आने से श्रद्धालु फंस गए। छह घंटे बाद मार्ग खोलकर उन्हें निकाला गया। मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, रविवार को देहरादून, नैनीताल, उत्तरकाशी, टिहरी, बागेश्वर आदि जिलों में तेज बौछार पड़ सकती हैं। जबकि अन्य जिलों में भी हल्की बारिश के आसार हैं।