देहरादून (ब्यूरो)। क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय में लोअर सब ऑर्डिनेट नायब तहसीलदार से लेकर ग्रुप-सी व ग्रुप-डी की भर्ती के लिए सेवायोजन कार्यालय में रजिस्ट्रेशन जरूरी होता है। सरकारी नौकरी भर्ती प्रक्रिया में रजिस्ट्रेशन जरूरी माना गया है। लेकिन, पिछले चार वर्षों में शि्क्षित बेरोजगार सेवायोजन कार्यालय में रजिस्ट्रेशन करवाने से पीछे हट रहे हैं। क्षेत्रीय सेवायोजन के आंकड़ों के मुताबिक २००१ से लेकर २०१७ तक लगातार हर साल सेवायोजन कार्यालय में बेरोजगारों के रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा बढ़ता रहा। लेकिन, २०१८ के बाद इसमें गिरावट देखी गई। वर्तमान में दून सेवायोजन कार्यालय में केवल ९०८२१ बेरोजगार ही पंजीकृत हैं। हालांकि, गत वर्ष २०२० में यह आंकड़ा इस वर्ष से भी केवल ८८८७९ रहा। सेवायोजन अधिकारियों के अनुसार वर्ष २०२० में कोरोनाकाल को देखते हुए पंजीकरण की संख्या कम रही, जो अब बढ़ रही है।

सीएम के ऐलान का भी असर नहीं
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सीएम का पद संभालने के बाद प्रदेश में २२ हजार पदों पर भर्ती का ऐलान किया था। संभावनाएं जताई जा रही थी कि युवाओं में इसको लेकर खासा उत्साह दिखेगा। शिक्षित बेरोजगार सेवायोजन कार्यालय पहुंचकर पंजीकरण करवाएंगे। लेकिन, आंकड़ों के अनुसार बेरोजगारों में इसका असर नहीं दिखा। आंकड़ों के मुताबिक पंजीकरण के आंकड़ों में गिरावट दर्ज की गई है।

रजिस्ट्रेशन कम होने के कारण
- जॉब के लिए माइग्रेशन।
- सरकारी सेवा की भर्ती कम निकलना।
- स्वरोजगार की ओर युवाओं का रुझान बढ़ना।
- आउटसोर्सिंग से जॉब के ज्यादा चांस मिलना।
- सरकारी नियुक्ति प्रक्रिया का लंबा और विवादित रहना।

रजिस्ट्रेशन रिन्यू नहीं करते बेरोजगार
सेवायोजन विभाग से जुड़े अफसरों का तर्क है कि अधिकांश युवा एक बार रजिस्ट्रेशन कराकर उसे निश्चित समय पर रिन्यू नहीं करते। इस कारण रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा गिर रहा है। सेवायोजन में एक बार रजिस्ट्रेशन कराने के बाद हर तीन साल में उसे रिन्यू और अपडेट करना होता है। लेकिन, युवा इस झंझट में नहीं पड़ना चाहते और रिन्यू ही नहीं कराते।

वर्षवार इतने रजिस्ट्रेशन
वर्ष---रजिस्ट्रेशन
२००१--८१३८६
२००२--७६८६४
२००३--६९१४६
२००४--६७४२६
२००५--७२७४१
२००६--८२२६३
२००७--८१८६९
२००८--६६०९१
२००९--७०४६०
२०१०--८८८१६
२०११--११०४९४
२०१२--११९४५०
२०१३--१२७२३८
२०१४--१५०८१५
२०१५--१६२०३५
२०१६--१७०९१९
२०१७--१७२१३६
२०१८--१२९४५१
२०१९--९०५१३
२०२०--८८८७९
२०२१--९०८२१

ग्रुप-सी की भर्तियों पर नजर
स्टेट में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के जरिए ग्रुप-सी की भर्तियां आयोजित की जाती हैं। वर्ष २०१४ में गठित आयोग ने अब तक ८ हजार से अधिक भर्तियां पूरी कर दी हैं। जबकि ६५०० से ज्यादा भर्ती की प्रक्रिया गतिमान है।

वर्तमान में ग्रुप-सी भर्ती प्रक्रिया
-१२१८ फॉरेस्ट गार्ड की भर्ती पक्रिया गतिमान।
-१४३२ एलटी की परीक्षा पूरी हुई।
-६६२ सहायक लेखाकार की परीक्षा पूरी।
-८५४ अगले महीने बीडीओ की परीक्षा होगी।
-करीब १५०० पुलिस कांस्टेबल का आयोग को मिला अधियाचन।


बेरोजगार के रजिस्ट्रेशन की संख्या में कमी आने की सबसे बड़ी वजह रजिस्ट्रेशन को तीन वर्ष बाद रिन्यू न किया जाना है। जिस कारण वर्ष २०१७ की तुलना में २०२१ के रजिस्ट्रेशन में इतना फर्क आ रहा है।
-अजय सिंह, क्षेत्रीय सेवायोजन अधिकारी।