देहरादून (ब्यूरो) करीब दो माह पूर्व सिगली गांव में घर के आंगन से गुलदार ने एक चार वर्षीच् बच्चे को निवाला बना लिया था। इसके कुछ दिन बाद सोंधोवाली क्षेत्र में रिस्पना नदी के पास भी गुलदार ने एक 12 वर्षीय बालक पर हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया था। इसके बाद बीते फरवरी में गलज्वाड़ी गांव के पास स्थित मराड़ी गुर्जर बस्ती में भी गुलदार ने एक नौ वर्षीच् बच्चे को निवाला बना लिया। लगातार हो रहे गुलदार के हमलों से क्षेत्रवासियों में दहशत का माहौल था। सीएम पुष्कर ङ्क्षसह धामी ने भी गुलदार के बढ़ते हमलों के मद्देनजर वन विभाग के अधिकारियों को जल्द से जल्द गुलदार को पकडऩे के निर्देश दिए थे। मराड़ी गुर्जर बस्ती में गुलदार के हमले मेच् बच्चे की मौत की घटना के बाद वन विभाग की ओर से गुलदार को आदमखोर घोषित कर अंतिम विकल्प के रूप में गोली मारने के आदेश भी जारी कर दिए गए थे।

पिंजरे में कैद हुआ गुलदार
वन विभाग की ओर से विभिन्न टीमों को किमाड़ी समेत आसपास के क्षेत्रों में तैनात कर दिन-रात गश्त की जा रही थी। विशेषज्ञों की टीम गुलदार को ट््रैैंक्युलाइज करने के लिए तैनात थी, लेकिन गुलदार लगातार टीम को चकमा दे रहा था। गुरुवार को किमाड़ी के पास बितारली गांव में लगाए गए ङ्क्षपजरे में गुलदार कैद हो गया। मालसी रेंज की क्षेत्राधिकारी सुचि चौहान और रायपुर रेंज के क्षेत्राधिकारी राकेश नेगी के नेतृत्व में वन दरोगा अभिषेक सजवान, सुरेश नेगी, राहुल चौहान, रेस्क्यू के सदस्य जितेंद्र बिष्ट समेत अन्य कर्मचारियों ने गुलदार को बेहोश कर राजपुर स्थित रेस्क्यू सेंटर पहुंचाया। फिलहाल, गुलदार को रेस्क्यू सेंटर में ही ङ्क्षपजरे में रखा जाएगा। वन विभाग केच्उच्चाधिकारियों के निर्देश पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।

दोनों कैनाइन टीथ टूटे
डीएफओ मसूरी वैभव कुमार ने बताया कि गुलदार लगभग पांच से छह वर्ष का स्वस्थ वयस्क नर है, जिसके बायीं तरफ के ऊपर व नीचे के दोनों कैनाइन दांत क्षतिग्रस्त हैं। जिसे पशुचिकित्साधिकारी मालसी डा। प्रदीप मिश्रा की देख-रेख में रखा गया है।
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