-ओटीए चेन्नई से पासआउट हुईं नितिका कौल, देश सेवा की राह में पति का जज्बा रहेगा साथ

-पति शहीद मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल 18 फरवरी 2019 को हो गए थे देश पर कुर्बान

देहरादून: देश के एक मोर्चे पर हमारे जांबाज डटे रहते हैं, तो दूसरे पर उनकी मां, पत्नी और बहनें। उनके इसी साहस के बूते हमारे जांबाज बिना किसी चिंता के देश पर कुर्बान होने के लिए हर समय तत्पर रहते हैं। सलाम है ऐसी वीरांगनाओं को, जब कोई वीर तिरंगे में लिपटकर घर आता है तो वह अपने दर्द को पीछे छोड़ साहस की नई इबारत लिखने लग जाती हैं। इन्हीं में से एक हैं, शहीद मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल की पत्नी नितिका कौल। 18 फरवरी 2019 को जब दून का लाल जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुआ तो उनकी पत्नी नितिका ने पति की राह पर अग्रसर होने का संकल्प लिया।

पति के लिए किया देशसेवा का संकल्प

शहीद वीर पति के देशसेवा के संकल्प को पूरा करते हुए शनिवार को वह सेना में अफसर बन गई। ओटीए (ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी) चेन्नई से पासआउट होकर वह पति की राह पर देशसेवा के लिए बढ़ गई। सेना में अफसर बनने की तरफ जब वह अंतिम पग बढ़ा रही थीं तो मन में बस एक ही बात कौंध रही थी कि पति का जज्बा साथ है। मीडिया से मुखातिब होते हुए नितिका ने कहा कि अब वह पति के देश सेवा के सपने को पूरा कर सकती हैं। उन्हें हर समय महसूस कर सकती हैं और इस वर्दी के रूप में वह हमेशा जिंदा रहेंगे। उन्होंने देश की वीरांगनाओं को संदेश दिया कि खुद पर भरोसा रखें। कभी कुछ खत्म नहीं होता है, आप उसे नए रूप में जिंदा कर सकते हैं।

पति की शहादत के बाद हुई और मजबूत

नितिका का विवाह 19 अप्रैल 2018 को दून के सपूत मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल के साथ हुआ था। नितिका उस समय मल्टीनेशनल कंपनी में अच्छे पद पर कार्यरत थीं। नितिका के वैवाहिक जीवन को 10 माह ही हुए थे कि मेजर विभूति कश्मीर में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। इस मुश्किल घड़ी में नितिका ने न सिर्फ खुद को संभाला, बल्कि स्वजन को भी ताकत दी। उन्होंने तय किया कि जिस सपने को लेकर उनके पति ने सेना की राह चुनी, वह उस पर मजबूती के साथ आगे बढ़ेंगी।