लायर::-राज्य महिला आयोग का दावा, महिला नीति का ड्राफ्ट तैयार करना आयोग का बड़ा अचीवमेंट
-महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा- दो वर्ष में गृह कलेश से जुड़े 505 मामलों का हुआ निस्तारण
देहरादून (ब्यूरो): सैटरडे को महिला आयोग ने पिछले तीन सालों के आंकड़े जारी किए। जिसमें बताया गया है कि वर्ष 2021-22 में जहां महिला आयोग में 1580 शिकायतें दर्ज की गई, वहीं, इनमें से 1400 मामलों का निस्तारण किया गया। ऐसे ही वर्ष 2022-23 में 1947 दर्ज शिकायतें में से 355 का निस्तारण और वर्ष 2023-24 में अब तक 1361 शिकायतें दर्ज की गईं। बदले में 626 मामलों का निस्तारण किया।

आयोग की उपलब्धियां गिनाईं
सैटरडे को सुभाष रोड स्थित मीडिया सेंटर में उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने दो वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर महिलाओं के हितों के लिए राज्य महिला आयोग की ओर से किए गए कार्यों की फेहरिस्त गिनाईं। बताया, दो वर्ष के कार्यकाल में महिला नीति का ड्राफ्ट तैयार करना राज्य महिला आयोग के लिए बड़ी उपलब्धि रही है। महिला अधिकारों की सुरक्षा को लेकर बुद्धिजीवियों ने ड्राफ्ट तैयार किया है। इसके अलावा आयोग ने गृह कलेश की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए कई मामलों का निस्तारण कर परिवारों को जोडऩे का काम किया है। दूरस्थ क्षेत्रों में महिला अधिकार को लेकर अभियान चलाए गए। अध्यक्ष ने कहा राष्ट्रीय महिला आयोग के साथ मिलकर चमोली व रुद्रप्रयाग में एंटी ह्यूमन ट्रैफिङ्क्षकग के तहत कार्यशाला आयोजित की गईं। वहीं, निर्भय भारत-सशक्त नारी, पोषण माह कार्यक्रम आयोजित किए गए। प्रदेश के कारागार, वन स्टाप सेंटर, नारी निकेतन, पुनर्वास केंद्र, महिला थाना के निरीक्षण भी किए गए।

वर्षवार शिकायतों पर एक नजर
-वर्ष 2021-22 में 1580 दर्ज शिकायतें।
-इनमें 1400 मामलों का निस्तारण

-वर्ष 2022-23 में 1947 दर्ज शिकायतें।
-इनमें 355 मामलों का निस्तारण

-वर्ष 2023-24 में 1361 दर्ज शिकायतें।
-इनमें से 626 मामलों का निस्तारण

46 अधिवक्ता फ्री उपलब्ध कराए गए
महिला आयोग के अनुसार कोर्ट में मुकदमा लडऩे के लिए आर्थिक रूप से कमजोर महिला पीडि़तों के लिए 46 अधिवक्ता निशुल्क उपलब्ध कराए गए। महिला आयोग की चेयरमैन ने कहा कि डोमेस्टिक वॉयलेंस से प्रताडि़त महिला अधिकारों से निपटने को लेकर जागरुकता कार्यक्रम के तहत बड़ी संख्या में महिलाएं सामने आई। आयोग की ओर से ऐसी महिलाओं की शिकायत दर्ज कर मामले का निस्तारण किया गया।

महिला नीति का ड्राफ्ट सरकार को भेजा
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने बताया कि महिला नीति का ड्राफ्ट कर सरकार को भेज दिया है। नीति लागू होते ही महिलाएं आर्थिक, सामाजिक, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वरोगार के क्षेत्र में मजबूत होंगी। इसके अलावा आयोग को महिलाओं की शिकायत मिलते ही तत्काल निस्तारण किया जाता है। इस मौके पर आयोग की सदस्य सचिव उर्वशी चौहान, स्वाति चमोली, शानू रावत, अंजली मलेठा आदि मौजूद रहे।

अप्रैल 2021 से मार्च 2022 तक दून में आए केस
दहेज उत्पीडऩ--32
दहेज हत्या--1
हत्या व आत्म हत्या--2
बलात्कार--1
शारीरिक उत्पीडऩ--7
मानसिक उत्पीडऩ--139
घरेलू हिंसा--106
भरण पोषण--19
संपत्ति विवाद--11
अपहरण--0
देह व्यापार--0
नौकरी संबंधी---4
डबल मैरिज---1
यौन उत्पीडऩ--2
जानमाल सुरक्षा---109
गुमशुदगी--2
बाल विवाह--0
पेंशन--0
झूठे आरोप--1
अवैध संबंध--5
आर्थिक उत्पीडऩ--11
फ्रॉड---20
अश्लील हरकतें--9
तेजाब संबंधी--0
अन्य--3
कुल--485
बॉक्स
अप्रैल 2021 से मार्च 2022 तक राज्य में आए केस
दहेज उत्पीडऩ--168
दहेज हत्या--3
हत्या व आत्म हत्या--11
बलात्कार--18
शारीरिक उत्पीडऩ--20
मानसिक उत्पीडऩ--316
घरेलू हिंसा--204
भरण पोषण--35
संपत्ति विवाद--41
अपहरण--6
देह व्यापार--2
नौकरी संबंधी---11
डबल मैरिज---11
यौन उत्पीडऩ--9
जानमाल सुरक्षा--522
गुमशुदगी--8
बाल विवाह--0
पेंशन--1
झूठे आरोप--4
अवैध संबंध--18
आर्थिक उत्पीडऩ--25
फ्रॉड---79
अश्लील हरकतें--37
तेजाब संबंधी--0
अन्य--31
कुल--1580

जिलेवार महिला आयोग में दर्ज शिकायतें
अल्मोड़ा---20
बागेश्वर--6
चंपावत--12
चमोली--15
दून--485
हरिद्वार--380
नैनीताल--116
पौड़ी--65
पिथौरागढ़--35
रुद्रप्रयाग --5
टिहरी--18
उत्तरकाशी--9
उधमसिंहनगर--321
अन्य--93

दून में मात्रशक्ति अनसेफ
महिला आयोग में 1 अप्रैल 2021 से लेकर 31 मार्च 2022 तक महिलाओं और किशोरियों की जो शिकायतें पहुंची हैं। उसमें दून जिला सबसे नंबर वन पर है। दून में करीब एक साल के भीतर 485 शिकायतें सामने आईं। जिन पर राज्य महिला आयोग में सुनवाई हुई। महिलाओं के खिलाफ आयोग में पहुंची शिकायतों पर नजर डालें तो तराई जिलों में खासकर दून के अलावा हरिद्वार, उधमसिंहनगर, नैनीताल से शिकायतें ज्यादा आई हैं।

पहाड़ के जिले अब भी सेफ
राज्य के कुल 13 जिलों की बात की जाए तो महिलाओं व युवतियों की ओर से आयोग में पहुंची शिकायतों के हिसाब से पहाड़ के जिले मैदानी जिलों की तुलना में काफी हद तक सेफ नजर आ रहे हैं। पहाड़ के जिलों में सबसे कम शिकायतें रुद्रप्रयाग में 5, बागेश्वर में 6 और 9 शिकायतें उत्तरकाशी जिले से पहुंची हैं।

ये हैं टॉप 5 शिकायतें
जानमाल--522
मानसिक उत्पीडऩ--316
डोमेस्टिक वॉयलेंस--204
दहेज उत्पीडऩ--168
फ्रॉड--79
संपत्ति विवाद--41

1 अप्रैल 2023 से अब तक आयोग में दर्ज शिकायतें
दहेज उत्पीडऩ--109
दहेज हत्या--0
हत्या व आत्म हत्या--7
बलात्कार--5
शारीरिक उत्पीडऩ--22
मानसिक उत्पीडऩ--397
घरेलू हिंसा--169
भरण पोषण--30
संपत्ति विवाद--38
अपहरण--3
देह व्यापार--1
नौकरी संबंधी--9
डबल मैरिज---6
यौन उत्पीडऩ--6
जानमाल सुरक्षा--234
गुमशुदगी--11
बाल विवाह--0
पेंशन--2
झूठे आरोप--3
अवैध संबंध--16
आर्थिक उत्पीडऩ--9
फ्रॉड---50
अश्लील हरकतें--39
तेजाब संबंधी--0
अन्य--11