देहरादून (ब्यूरो)। दून में सबसे पहले मेट्रो रेल की योजना बनी। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन से इसकी डीपीआर तैयार करवाई गई। लेकिन ज्यादा लागत होने के कारण इसे कैंसिल करके उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन को कुछ और विकल्प पर काम करने को कहा गया। सरकारी अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों ने कई देशों का दौरा किया और आखिरकार रोपवे का आइडिया सामने आया। यूकेएमआरसी इस काम में जुट गये। तीन रूट तय किये गये। डीपीआर बनाने की तैयारी शुरू हुई तो सरकार ने इसे भी कैंसिल कर दिया और कुछ अन्य विकल्प तलाशने के लिए कहा।

अब मेट्रो नियो पाइपलाइन में
रोपवे की आइडिया खारिज होने के बाद अब मेट्रो नियो की योजना पाइप लाइन में है। यूकेएमआरसी ने मेट्रो रेल की डीपीआर में जरूरी बदलाव करके खुद मेट्रो नियो की डीपीआर तैयार की। इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेज दिया गया। कई महीने सचिवालय में धूल फांकने के बाद विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इसे कैबिनेट की मंजूरी मिली और अब केन्द्र सरकार की मंजूरी का इंतजार कर रही है।

कैबिनेट मंत्री ने प्रगति की जानकारी ली
मेट्रो नियो की फाइल बेशक केन्द्र सरकार के पास मंजूरी का इंतजार कर रही हो, लेकिन अरबन डेवलपमेंट मिनिस्टर प्रेमचंद अग्रवाल ने वेडनसडे को यूकेएमआरसी के एमडी जितेन्द्र त्यागी को विधानसभा स्थित अपने ऑफिस में बुलाकर उन्हें मेट्रो नियो योजना की प्रगति की जानकारी ली। एमडी ने वही सब इस समीक्षा बैठक में भी कहा, जो पिछले कई महीनों से कह रहे हैं। दरअसल बिना केन्द्र की मंजूरी के योजना पर कुछ भी काम करना संभव नहीं है।

एमडी ने दी ये जानकारी
एमडी ने बताया कि 1852 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली देहरादून मेट्रो नियो परियोजना में दो कॉरिडोर होंगे और कुल लंबाई साढ़े 22 किमी होगी। 25 स्टेशन होंगे। राज्य सरकार से स्वीकृति मिलने के बाद योजना केंद्र सरकार में विचाराधीन है। अग्रवाल ने छह माह के भीतर कार्यवाही को पूर्ण करने के बाद टेंडर प्रक्रिया को अमल में लाने के निर्देश दिए।

ये योजनाएं भी पाइपलाइन में
मंत्री अग्रवाल ने कहा कि हरिद्वार सिटी में हरिद्वार दर्शन के नाम से पॉड टैक्सी चलाई जानी है। इसकी भी डीपीआर तैयार हो चुकी है। 4 कॉरिडोर्स और 21 किमी की लंबाई वाले हरिद्वार दर्शन की लागत 1650 करोड़ है। जल्द यह परियोजना कैबिनेट के प्रस्ताव में यह परियोजना लाई जाएगी। इसके अलावा हर की पौड़ी में दीनदयाल पार्किंग से चंडी देवी मंदिर रोपवे परियोजना पीपीपी मॉडल से कैबिनेट से स्वीकृत है। स्टेशन के लिए यूपी सिंचाई विभाग से एनओसी मांगी गई है। ऋषिकेश आईएसबीटी से त्रिवेणी घाट होते हुए नीलकंठ महादेव मंदिर और पार्वती मंदिर तक रोपवे परियोजना जो करीब साढ़े 6 किलोमीटर लंबा रोपवे पीपीपी मॉडल पर बनाया जाएगा। उत्तराखंड मेट्रो द्वारा अनुमोदित यह प्रोजेक्ट जल्द ही कैबिनेट के प्रस्ताव में लाया जाएगा।