- सड़क, पेयजल, बिजली, सिंचाई योजनाओं से लेकर भवनों को हुई भारी क्षति
- दून समेत पूरे प्रदेश में अब तक 1200 करोड़ के नुकसान होने का अनुमान

देहरादून (ब्यूरो): विकास के तमाम कार्य चार माह से ठप पड़े हैं। नेशनल हाईवे समेत सभी तरह की सड़कों और पुलों को करीब 600 करोड़ से अधिक की क्षति हुई है। इसके अलावा कृषि भूमि, पेयजल, बिजली, सिंचाई गूलों और भवनों आदि को भी भारी नुकसान पहुंचा है। मानसून अभी भी सक्रिय है और क्षति का आकलन भी विभागवार चल रहा है। करीब तीन माह तक बारिश लोगों को डराती रही। दून से लेकर पर्वतीय इलाकों में लोगों ने डर के साए में बिताए हैं। मानसून अब जाने का नाम नहीं ले रहा है।

सड़क का सबसे ज्यादा नुकसान
दून में सड़क से लेकर बिजली, पानी, सिंचाई गूल और भवनों को 300 करोड़ के करीबन क्षति का अनुमान है। दून का जाखन गांव भूस्खलन की चपेट में आने से पूरी तरह से तबाह गया है। जौनसार क्षेत्र की दर्जनों रोड जगह-जगह क्षतिग्रस्त है। दून सिटी में भारी सड़कें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई है। सड़कों पर जहां-जहां गड््ढ़े ही गड््ढ़े नजर आ रहे हैं। कई जगहों पर नदी किनारे बिजली की लाइन, ट्रांसफार्मर और पोल बह गए।

दून में स्मार्ट सिटी के कार्य प्रभावित
दून में स्मार्ट सिटी के तहत कई निर्माण कार्य चल रहे हैं। कई निर्माण कार्य पूरे हो गए हैं, लेकिन कई कार्य आखिरी चरणों में है। चार माह के लगभग कार्य बुरी तरह प्रभावित रहा। मानसून की वजह से कार्य आगे खिसक गए हैं। नालियों का निर्माण कार्य अब तक पूरा हो था, लेकिन बारिश की वजह से वह अधूरे पड़े हैं। जगह-जगह सड़कें खुदी पड़ी हैं, जिससे लोगों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ा।

90 दिन में 48 दिन लगातार बारिश
इस बार मानसून ने जो रौद्र रूप दिखाया है उससे चारों तरफ तबाही मच गई। आलम यह रहा कि 90 दिन दिन के मानसून 48 दिन लगातार बरसा। इसका मतलब यह है कि हर दूसरे दिन बारिश हुई। बारिश ने कई साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा है। इस रिकार्ड बारिश ने प्रदेश में नुकसान का भी नया रिकार्ड बनाया है। वर्षा 2013 में आई आपदा में भारी नुकसान हुआ था, लेकिन उस समय एक ही एरिया में आपदा आई थी। इस बार पूरे प्रदेश में बारिश, भूस्खलन और अतिवृष्टि ने तबाही मचाई है। ऑल वेदर रोड समेत अन्य राजमार्ग हों या फिर राज्य राजमार्ग, जिला और संपर्क मार्ग हों या फिर पीएमजीएसवाई की सड़कें सभी मौसम की मार से छलनी हुई है।

नहरों को 20 करोड़ का नुकसान
दून में सिंचाई नहरों को भी मानसून ने बड़ी क्षति पहुंचाई है। नदियों का तेज बहाव कई गांवों के लिए खतरा बना हुआ है। सौंग, जाखन, बांदल, सुसवा नदी और अन्य नदी नालों में बाढ़ की वजह से नहरों को करीब 20 करोड़ की क्षति हुई है। इस सीजन में पहली बार विभागवार आकलन कराया जा रहा है। विभागों से क्षति के आंकड़े लेकर आपदा प्रबंधन विभाग अभी इन्हें कंपाइल करने में जुटा हुआ है।

अब तक की क्षति पर एक नजर
विभाग क्षति (करोड़ रुपए में)
पीडब्ल्यूडी 370.23
एनएच 50.57
पीएमजीएसवाई 149.96
सिंचाई 90.20
गन्ना 51.37
पंचायतीराज 44.43
पेयजल 46.70
पिटकुल 30.48
ऊर्जा निगम 27.98
शहरी विकास 33.66

अब तक के नुकसान पर एक नजर
-1200 करोड़ से अधिक की हो चुकी है राज्य में विकास योजनाओं को क्षति
-1500 करोड़ पहुंच सकती है आने वाले समय में क्षति
-600 करोड़ से अधिक हो चुका है अब तक सड़कों को नुकसान
-300 से अधिक हो चुका देहरादून को नुकसान
-46 करोड़ से अधिक लगभग पहुंच चुकी है पेयजल योजनाओं को क्षति
-20 करोड़ के करीब पहुंची दून में नहरों को क्षति
-07 करोड़ हुई दून में सड़कों को क्षति
-05 करोड़ की पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त

बारिश से जन-जन प्रभावित
फ्लड और लैंडस्लाइड से पेयजल से लेकर सड़क और सिंचाई को भारी क्षति पहुंची है। कई रोड 500-500 मीटर तक धंस गई। सड़कें बुरी तरह प्रभावित होने से पब्लिक को आवाजाही को लेकर जूझना पड़ रहा है।
राकेश उनियाल, रिटायर्ड जीएम, जल संस्थान

आपदा से भारी नुकसान पहुंचा है। कई क्षेत्रों में पेयजल लाइनों को बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त है। जगह-जगह जल भराव के चलते कई घरों में पानी घुसने से लोग बच्चों को लेकर घरों को छोडऩे को मजबूर हुए। ऐसी बारिश पहले कभी नहीं देखी।
प्रमोद कपरूवाण, प्रदेश अध्यक्ष, देवभ्ूामि महासभा

बारिश ने हर तरफ कहर मचाया। शहर में स्मार्ट सिटी की अधूरी नालियां ने लोगों की मुश्किलें बढ़ाई। बिजली की समस्या से भी लोगों को जूझना पड़ा। सड़कों के गड्ढ़े अभी तक दर्द दे रहे हैं। बारिश से सड़कें उखडऩे से समस्या बढ़ गई।
विनोद, गोयल, व्यापारी नेता

बारिश से आवासीय भवनों को भी भारी क्षति हुई है। मालदेवता में पांच मंजिला भवन भरभरा कर गिर गया। इसमें 100 से अधिक स्टूटेंड और टीचर रह रहे थे। कुछ घंटे पहले भी सभी रात्रि को भाग निकले। इस तरह पूरे तीन माह तक बारिश लोगों को डराती रही।
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