- मानसून की तीन माह की बारिश से पावर सेक्टर को हुई 200 करोड़ तक की क्षति
- 25 लाख बिजली उपभोक्ताओं को झेलना पड़ा बिजली का दंश, उद्योग भी प्रभावित

देहरादून (ब्यूरो): तीन महीने तक चले मानसून ने जहां पावर प्रोडेक्शन को भारी लॉस पहुंचाया, वहीं बिजली उपकरणों के साथ ही ट्रांसफार्मर और सैकड़ों किमी। लाइन क्षतिग्रस्त हुई है। ऊर्जा निगम, पिटकुल और यूजेवीएन लिमिटेड के मुख्यालयों से मिली जानकारी के अनुसार पूरे मानसून में 155 से लेकर 160 करोड़ तक नुकसान हुआ है। जनरेशन कम होने से ऊर्जा निगम को महंगी दरों पर बिजली खरीदनी पड़ी। यदि इसमें भी मिलाया जाए, तो नुकसान 200 तक पहुंचने का अनुमान है। इस दौरान प्रदेश के करीब 25 लाख पावर कंज्यूमर्स को भी बिजली संकट भी झेलना पड़ा।

कहां कितनी क्षति (ऊर्जा निगम)
जिला ट्रांसफार्मर पोल नुकसान (लाख रुपए में)
देहरादून 29 320 224.69
अल्मोड़ा 37 124 93.96
बागेश्वर 18 26 29.31
नैनीताल 55 261 198.21
यूएसनगर 169 462 279.55
चंपावत 22 57 54.25
पिथौरागढ़ 48 24 225.89
टिहरी 49 971 772.98
पौड़ी 42 665 350.31
रुद्रप्रयाग 11 340 262.97
चमोली 22 334 137.24
उत्तरकाशी 7 495 353.33
हरिद्वार 118 708 439.69
टोटल 627 4787 3422.38

776 किमी। बिजली लाइन क्षतिग्रस्त
भारी बारिश से पूरे मानसून में दून समेत पूरे प्रदेश में ऊर्जा निगम को 776 किमी। बिजली लाइन का नुकसान हुआ है। दून में 32 किमी। बिजली लाइन क्षतिग्रस्त हुई है। कुछ लाइन नदी किनारे बाढ़ आने से बह गई। कुछ भूस्खलन की चपेट में आ गई और कुछ लाइनें तूफान से नीचे गिरने से क्षतिगस्त हो गई है। टूटने के बाद बिजली की ये तार किसी काम की नहीं आती है। खराब होने के बाद करोड़ों की यह तार मार्केट में कबाड़ के भाव बिकती है।

वीरभद्र बिजली घर तबाह
बारिश के दौरान ऊर्जा निगम के वीरभद्र ऋषिकेश स्थित 33-11 केवी सब स्टेशन के अंदर पानी घुसने से करोड़ों का नुकसान हुआ। सब स्टेशन में कई पैनल समेत कई कीमती उपकरण खराब हो गए। इससे बिजली घर से करीब 25 हजार कंज्यूमर प्रभावित हैं। अभी तक सब स्टेशन ठीक नहीं हो पाया है। यहां के कंज्यूमर्स को वैकल्पिक रूप से दूसरे स्टेशन से जोड़ा गया है, लेकिन तब से क्षेत्र में लगातार बिजजी आपूर्ति डिस्टर्ब चल ही है। बताया जा रहा है कि पूरे सब स्टेशन को डिस्मेंटल कर नए सिरे से बिजली घर का निर्माण किया जाना है। भविष्य में ऐसी दुर्घटना न हो इसके लिए इस बिजली घर को दो मंजिला बनाने का प्रस्ताव है। नीचे स्टोर और पैनल आदि उपकरण दूसरी मंजिल पर स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा 60 से अधिक सब स्टेशनों में भी नुकसान हुआ है।

627 ट्रांसफार्मर डैमेज
आंधी-तूफान और बारिश से दून समेत पूरे प्रदेश में पूरे मानसून के दौरान ऊर्जा निगम के 627 ट्रांसफार्मर क्षतिगस्त हुए। इससे बिजली व्यवस्थाएं बाधित हुई हैं। कई जगहों पर नए ट्रांसफार्मर लगाए हैं, जबकि कुछ जगहों पर वैकल्पिक रूप से ट्रांसफार्मर का काम चलाया जा रहा है। टैंपरेरी कार्य से क्षेत्र में हल्की बारिश होते ही बिजली गुल हो रही है। ऊर्जा निगम के सभी डिविजनों ने क्षति का प्राथमिक तौर पर आकलन कर मुख्यालय को रिपोर्ट भेजकर बजट की मांग की है। ट्रांसफार्मर अलग-अलग क्षमता के हैं, जिनकी कीमतें 50 लाख से लेकर 5 करोड़ तक है।

200 करोड़ का नुकसान
ऊर्जा निगम के डायरेक्टर ऑपरेशन एमएल प्रसाद ने बताया कि पूरे मानसून के दौरान निगम को करीब 35 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। पिटकुल के जीएम और मीडिया प्रभारी अशोक जुयाल ने बताया कि पिटकुल को बारिश और भूस्खलन से 30 करोड़ से अकिध की क्षति हुई है। इसमें सब स्टेशन में पैनल और अन्य उपकरण जलने से लेकर पोल, ट्रांसफार्मर और लाइन नीचे गिरने आदि शामिल है। उधर, यूजेवीएन के एक्सईएन हेडक्वार्टर मनीष इंग्ले ने बताया कि निगम को पूरे मानसून में 70 मीलियन यूनिट के करीब पावर जनरेशन लॉस हुआ है, जिसकी कॉस्ट 80 करोड़ के लगभग है। नदियों में फ्लड के चलते भारी गाद आने से पावर हाउसों की मशीनों को जबरन बंद करना पड़ा, जिससे कई पावर हाउसों में एक दिन में 5 से 10 घंटे से लेकर तीन-तीन दिन तक बिजली उत्पादन नहीं हो सका।

ये पावर प्रोजेक्ट रहे सर्वाधिक प्रभावित
खोदरी
छिबरो
ढालीपुर
ढकरानी
कुल्हाल
व्यासी
चीला
मोहम्मदपुर

बिजली संकट का करना पड़ा सामना
बारिश से सभी तक की समस्याओं का सामना करना पड़ा। सड़क से लेकर पानी और जल भराव का दंश पब्लिक को झेलना पड़ा। सबसे ज्यादा बिजली संकट का सामना करना पड़ा।
बीके शर्मा, रिटायर्ड एक्सईएन, पेयजल निगम

बारिश हर साल होती है, लेकिन उस हिसाब से बिजली निगमों की तैयारी नहीं थी। कर्मचारियों की कमी भी एक मुख्य कारण रही। कई सब स्टेशनों में बिजली की तार और अन्य कंवर्टर तक रिजर्व में नहीं थे।
बीरू बिष्ट, सोशल एक्टिविस्ट

सड़क, बिजली और पानी मूलभूत सुविधाएं हैं। इस बार की बारिश में ये सारी सुविधाएं बुरी तरह प्रभावित रही। पब्लिक को इस सभी जरूरतों को लेकर भारी समस्याओं का सामना करना पड़ा।
प्रवीन तोमर, आर्किटेक्ट

बारिश से जहां फसलों को नुकसान हुआ है वहीं बिजली की भी कमी खली है। घंटों बिजली बाधित रहने से छोटी-बड़ी इंडस्ट्री को भारी क्षति पहुंची है। फसलें खड़ी-खड़ी खेतों में सड़ कर बरबाद हो गई। कई किसानों के पास खाने के लाले पड़ गए।
उम्मेद सिंह बोरा, किसान नेता

बारिश से बिजली सेक्टर को भारी क्षति पहुंची है। मानूसन में होने वाले नुकसान को देखते हुए पहले ही बिजली घरों में आवश्यक उपकरण भेज दिए गए थे। नुकसान होते ही तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था करके आपूर्ति को निर्बाध जारी रखना बड़ी चुनौतीपूर्ण रहा।
एमएल प्रसाद, डायरेक्टर ऑपरेशन, ऊर्जा निगम
dehradun@inext.co.in